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Congress plenary session in Raipur : कांग्रेस का मिशन 2024, महाअधिवेशन में पार्टी बनाएगी मास्टर प्लान

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Published : Feb 14, 2023, 9:34 PM IST

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन होने जा रहा है. इस अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत देशभर के 10 से 12 हजार कांग्रेसी शामिल होंगे. इसके साथ ही कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि कांग्रेस महाधिवेशन में क्या होने वाला है. इसके पहले छत्तीसगढ़ में महा अधिवेशन कब हुआ था.Congress General Conference in Raipur

Congress plenary session in Raipur
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का महा अधिवेशन

रायपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में कई विषयों पर चर्चा की जाती है और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. फिर इन्हीं निर्णयों पर पार्टी आगामी दिनों में काम करती है. इस महाधिवेशन के दौरान ना सिर्फ पार्टी को मजबूत करने उस को आगे बढ़ाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाती है. बल्कि देश की वर्तमान परिस्थिति और भविष्य पर भी मंथन किया जाता है.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने वाले इस राष्ट्रीय महाअधिवेशन में मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी. साथ ही अगले लोकसभा चुनाव से पहले नये विचारों पर चर्चा की जाएगी. इस राष्ट्रीय अधिवेशन में साल 2024 में दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति तैयार की जाएगी. उसके अलावा छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भी यह अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण होगा.

छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहा है कांग्रेस का राष्ट्रीय महा अधिवेशन: छत्तीसगढ़ में पहली बार कांग्रेस का राष्ट्रीय महा अधिवेशन होने जा रहा है. अब तक यह अधिवेशन देश के विभिन्न राज्यों में हुआ है. लेकिन इस बार इस महाअधिवेशन की मेजबानी करने का मौका छत्तीसगढ़ को मिला है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस इस महा अधिवेशन को लेकर काफी उत्साहित हैं.

किसे क्या मिली है जिम्मेदारी: कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन के लिए आयोजन समिति का अध्यक्ष पवन कुमार बंसल को बनाया गया है. तारिक अनवर इसके संयोजक होंगे. वहीं कांग्रेस कमेटी के सभी 47 नेता इसके सदस्य होंगे. इस समिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, एके एंटनी, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला भी शामिल हैं. आयोजन समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी विशेष आमंत्रित के तौर पर शामिल किया गया है.

स्वागत समिति में 114 नेताओं को किया गया था शामिल: इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 114 नेताओं वाली एक स्वागत समिति बनाई थी. जिसे तीन फरवरी को जारी किया गया था. प्रदेश इसमें अध्यक्ष मोहन मरकाम को इसका अध्यक्ष और सीएम भूपेश बघेल को सह अध्यक्ष बनाया गया था. बाकी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों और प्रमुख नेताओं के नाम भी शामिल किया गया था.

प्रदेश अध्यक्ष की सूची पर सीएम को थी नाराजगी: जानकारी के मुताबिक इस सूची में शामिल नेताओं का नाम प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की ओर से भेजा गया था. यही वजह थी कि पार्टी के दूसरे धड़े में इसे लेकर नाराजगी थी और इस नाराजगी को दूर करने के लिए सीएम की ओर से एक अन्य सूची एआईसीसी को भेजी गई थी.

15 नेताओं को किया गया स्वागत समिति में शामिल: सूची में शामिल नेताओं का नाम प्रदेश अध्यक्ष की ओर से भेजा गया था. इसको लेकर संगठन के एक धड़े में नाराजगी थी. इस असंतोष को दूर करने के लिए सीएम हाउस की ओर से एक और सूची भेजी गई थी. जिसके बाद इस सूची में 15 और नेताओं को जगह दी गई. जिसमें सीएम सलाहकार रुचिर गर्ग, विनोद वर्मा ओर कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशीला आनंद शुक्ला सहित अन्य नाम शामिल हैं.

एआईसीसी की ओर से जारी कार्यक्रम का शेड्यूल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 85वां अधिवेशन 24 से 26 फरवरी, 2023 तक शहीद वीर नारायणसिंह नगर, नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित है. जहां विषय समिति ने अनुमोदित प्रस्तावों को 25 फरवरी, 2023 को सुबह 10:15 बजे से आयोजित होने वाले पूर्ण सत्र के समक्ष रखा जाएगा. 25 फरवरी, 2023 को प्रातः 10:00 बजे सत्र स्थल के मुख्य द्वार पर ध्वजारोहण के बाद प्रतिनिधियों का सत्र प्रारंभ होगा. ध्वजारोहण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को औपचारिक जुलूस में सत्र के मंच तक ले जाया जाएगा. संचालन समिति के सभी सदस्य, एआईसीसी के पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी नेता औपचारिक जुलूस में शामिल होंगे.

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सदस्यों को करना होगा इस राशि का भुगतान: प्रत्येक प्रदेश सदस्य को एक हजार रुपये का वार्षिक शुल्क देना होगा. जिसमें से पांच सौ रुपये एआईसीसी को प्रतिनिधि शुल्क के रूप में भेजे जाएंगे और कांग्रेस फंड के लिए सालाना चार सौ रुपये जमा करेंगे. पांच साल के लिए पीसीसी अपने सत्र बैज के लिए हर पीसीसी सदस्य, एआईसीसी के पास 500 रुपये का हिस्सा जमा करेगी. इसके अलावा, प्रत्येक पीसीसी सदस्य को कांग्रेस संदेश तीन सौ रुपये 3 वर्ष तक सदस्यता के लिए देनी होगी. सत्र स्थल पर दिए हुए कुल राशि सत्तरह सौ रुपये होगी.

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