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Congress Plenary Session in raipur: क्या छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय अधिवेशन से कांग्रेस को मिलेगी नई ताकत ?

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Published : Feb 16, 2023, 10:40 PM IST

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आगामी 24 से 26 फरवरी तक कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है. इस अधिवेशन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है. बैठक से लेकर सभा तक के आयोजन स्थल का लगातार पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता निरीक्षण कर रहे हैं. कई समितियां बनाई गई है. उसमें छत्तीसगढ़ के नेता, मंत्री, विधायक, सांसद सहित अन्य पदाधिकारियों को बड़ी जवाबदारी सौंपी गई है.

Congress Plenary Session in raipur
रायपुर में कांग्रेस का महाधिवेशन

रायपुर में कांग्रेस का महाधिवेशन

रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए यह काफी है कार्यक्रम में क्योंकि इस महाधिवेशन से ना सिर्फ पार्टी की दशा और दिशा निर्धारित होगी. बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भविष्य पर भी प्रभाव पड़ेगा.

कांग्रेस को कितनी मजबूती प्रदान करेगा यह महा अधिवेशन: इसकी वजह यह है कि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है. आखिर अधिवेशन कांग्रेस को ताकत मिलेगी क्या कांग्रेस अधिवेशन के जरिए आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहेगा या फिर एक निरंतर चलने वाली औपचारिक बैठक बनकर रह जाएगी. इन सारे सवालों के जवाब के लिए ईटी भारत ना केवल कांग्रेस ओर भाजपा बल्कि राजनीति के जानकारों से भी जानने की कोशिश की. आखिर इस अधिवेशन से कांग्रेस कितनी मजबूत होगी.

छत्तीसगढ़ में महाधिवेशन का होना हमारे लिए है सौभाग्य की बात: कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि "आजादी के बाद और मेरी जानकारी में आजादी के पहले भी कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ या छत्तीसगढ़ की धरती में कभी नहीं हुआ. आज दो ही जगह कांग्रेस शासित राज्य है राजस्थान और छत्तीसगढ़, राजस्थान के उदयपुर में पार्टी का बड़ा सम्मेलन हुआ था. यह महाधिवेशन जो उससे बड़ा आयोजन है इसके लिए छत्तीसगढ़ ने पहल की और पार्टी ने स्वीकार किया. यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है."

अधिवेशन के लिए लगाए गए पोस्टरों में थी प्रोटोकॉल: महाधिवेशन के लिए लगाया जा रहा है पोस्टरो में मोहन मरकाम को तवज्जो ना दिए जाने के सवाल पर टी एस सिंह देव ने कहा कि "पार्टी की तरफ से कोई पोस्टर नहीं लगे थे. व्यक्तिगत तौर पर जरूर कुछ लोगों के पोस्टर लगाए थे. जिसमें देखा गया कुछ व्यवहारिक और प्रोटोकॉल की चूक थी. उसे सुधार किया जाए , जैसा कि राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है. तो एक क्षेत्र विशेष में जैसे हैम लोग राज्य स्तर पर कार्यक्रम करते हैं तो मेरा उनका दूसरों का पोस्टर यह स्थिति ना रहे. एक क्षेत्र विशेष में एआईसीसी की तरफ से निर्णय हुआ है कि एक प्रोटोकॉल रहेगा और वो एआईसीसी बताएगी की किस प्रकार के कितने-कितने पोस्टर वहां पर लगना है. यह पीसीसी के माध्यम से जारी किया गया है। लेकिन निर्णय एआईसीसी का है."

अधिवेशन से देश और पार्टी दोनों को मिलेगा लाभ: कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से कांग्रेस कितनी मजबूत होगी. इस सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के खस्ताहाल पर चर्चा की जाएगी. मोदी सरकार के गैर जिम्मेदाराना नीतियों के चलते आज देश महंगाई के दौर से गुजर रहा है. रोजगार का अभूतपूर्व संकट है. बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुराने हालात पर खड़ा हुआ हैं. व्यापार जोखिम में है. हम दो हमारे दो की नीति पर जो सरकार चल रही है. उस सरकार की नीतियों के चलते और देश को जो नुकसान हुआ है. इस पर गंभीरता से चर्चा होगी. कांग्रेस पार्टी इस देश को लेकर एक रोडमैप प्रस्तुत करेगी. जैसा हमेशा अधिवेशन के दौरान होता है."



भाजपा ने लगाया आरोप: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता दीपक म्हस्के ने कहा कि "जिस नए रायपुर के निर्माण को लेकर भूपेश बघेल ने कहा था कि यह भाजपा का गैर जरूरी काम है. जिसके निर्माण और उपयोगिता के बारे में हमेशा उन्होंने प्रश्नचिन्ह खड़ा किया. आज कांग्रेस का महाधिवेशन वही हो रहा है. सभी बड़ी बड़ी बैठक वहां पर हो रही है. उनको सर्वोच्च नेताओं का जमघट वहां लगने वाला है. क्या भूपेश जी में इतना साहस है कि वह यह कह सके कि यह नया रायपुर कांग्रेस की सरकार ने नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनाया है."


पोस्टरों को लिकर विवाद: पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगाए जा रहे हैं. पोस्टरों को लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि "कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का फोटो पूरे आयोजन के पोस्टर से गायब है. ऐसी कांग्रेस की हालत है कि आज कांग्रेसी आदिवासी नेताओं का कितना सम्मान है कि मोहन मरकाम का फोटो बाद में चिपकाया गया है. जिस प्रकार संगठन में आज उनकी स्थिति है. यह उस ओर इंगित करता है. मुझे लगता है कि भूपेश बघेल चाहते हैं. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में साबित कर दें कि छत्तीसगढ़ में ना सिंहदेव है, ना मोहन मरकाम है , ना कोई है । कोई एक नेता है वह अकेला भूपेश बघेल है."



जन घोषणापत्र पूरा न करने पर मांगना चाहिए माफी: भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि "हम लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने भूपेश बघेल की सरकार ने जन घोषणा पत्र के एक भी वादे को पूरे नहीं किए. इन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता को छत्तीसगढ़ के हर वर्ग को धोखा देने का काम किया है. अब टीएस सिंह देव जन घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष रहे. उन्होंने इस बात को स्वीकारा है. खेद व्यक्त किया है कि जन घोषणा पत्र के वादे वे पूरा नहीं कर पाये. अब जब जन घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष सिंहदेव ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने जन घोषणापत्र के वादे को पूरे नहीं किए हैं. तो अब भूपेश बघेल को और समूची कांग्रेस पार्टी को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगना चाहिए."

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महाधिवेशन से कांग्रेस को मिलेगी मजबूती: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "कांग्रेस के लिए यह राष्ट्रीय अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण है ना सिर्फ इससे कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस को भी गति मिलेगी. आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव है और इसके पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं का छत्तीसगढ़ आगमन और महा अधिवेशन प्रदेश कांग्रेस को मजबूती प्रदान करेगा. हालांकि अधिवेशन के पहले ही कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर देखने को मिल रही है. लेकिन राष्ट्रीय नेताओं के आने के बाद और अधिवेशन होने के बाद संभवत इस गुटबाजी पर भी लगाम लगेगी और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन ना सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि प्रदेश स्तर पर भी पार्टी की दिशा और दशा तय करेगी."

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