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SPECIAL: 'स्मार्ट बाजार' कहीं छीन न ले गोल बाजार के दुकानदारों का रोजगार

रायपुर के सबसे पुराने गोल बाजार को स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत 'स्मार्ट बाजार' बनाने की कवायद जारी है. गोल बाजार के तमाम दुकानदारों को मालिकाना हक दिए जाने की बात कही जा रही है. ऐसे में कई व्यापारी दुकानों को लेकर चिंतित हैं. उनका कहना है कि दुकानों के टूटने से व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा. इसके अलावा मालिकाना हक मिलेगा कि नहीं, उनके नाम रजिस्ट्री होगी या नहीं, इसकी चिंता सता रही है. पढ़िए पूरी खबर...

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गोल बाजार के व्यापारियों में असमंजस
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Published : Dec 26, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 7:28 PM IST

रायपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब रायपुर शहर के गोल बाजार को स्मार्ट बाजार बनाने की कवायद चल रही है. इस सिलसिले में अब गोल बाजार में व्यापार करने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए नगर निगम लगातार सर्वे कर रहा है. गोल बाजार को स्मार्ट बाजार बनाने के काम से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है. ETV भारत की टीम ने गोल बाजार में व्यापारियों से बातचीत की और उनकी चिंताओं को समझने की कोशिश की.

गोल बाजार के व्यापारियों में असमंजस

पढ़ें: स्मार्ट बाजार के रूप में विकसित होगा गोल बाजार, व्यापारियों ने महापौर से की मुलाकात

गोल बाजार में व्यापारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत बाजार को तोड़कर फिर से बनाने की कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक महापौर या नगर निगम प्रशासन से स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है. ऐसे में व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है. गोल बाजार मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश जैन ने कहा कि अभी व्यापारियों को स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया गया है, जो जानकारी मिल रही है, वह मीडिया के माध्यम से मिल रही है.

पढ़ें: महापौर एजाज ढेबर ने लिया गोल बाजार का जायजा, व्यापारियों को मालिकाना हक देने के लिए सर्वेक्षण

व्यापारियों का व्यापार होगा प्रभावित

सतीश जैन ने कहा कि अलॉटमेंट और मालिकाना हक देने को लेकर भी कई चीज़ें निकलकर सामने आ रही हैं. गोल बाजार सबसे पुराना बाजार है. चादर व्यापारियों के पास कागजात नहीं हैं. वह सिर्फ कागजात के नाम पर जो किराया जमा करते हैं, उसकी रसीद है. उस हिसाब से मालिकाना हक मिलना चाहिए. व्यापारियों में भी डर का माहौल है. अगर गोल बाजार को तोड़कर बनाया जाएगा, तो यह कितने दिन में बनकर तैयार होगा. इस बीच व्यापारियों का कारोबार भी बहुत प्रभावित होगा. बाजार के व्यापारी महापौर से मिलने गए थे. महापौर ने व्यापारियों को आश्वस्त किया है कि किसी का अहित नहीं होने देंगे.

किसी का अलॉटमेंट कम और काबिज ज्यादा

सतीश जैन ने बताया कि कई व्यापारियों में यह भी डर है कि कुछ व्यापारियों के पास अलॉटमेंट कम है, लेकिन उनकी दुकान का कब्जा ज्यादा है. कौन सा गेट बंद होगा, कौन सा गेट खुलेगा, इन सभी चीजों को लेकर व्यापारियों में डर है.

पिछली 3 पीढ़ियों से चूड़ी का व्यवसाय करने वाली महिलाओं ने बताया कि वह पिछले 100 साल से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चूड़ियों का व्यवसाय कर रहे. चिंता इस बात की है कि किस तरह का काम होगा, यह नहीं बताया जा रहा है. कोई भी चीज समझ नहीं आ रही है.

दुकान तोड़े जाने से रोजी-रोटी का संकट

गोल बाजार मनिहारी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष सलीम खान ने बताया कि गोल बाजार में जहां गुंबद बना हुआ है, वहां दो घेरों में दुकान संचालित है. हमारी मांग है कि हमें नहीं हटाया जाए, क्योंकि यह सारी दुकानें बरसों पुरानी हैं. अगर इसे तोड़कर बनाया जाएगा, तो हमारी रोजी-रोटी का क्या होगा. जो जहां काम कर रहा है, उसे वैसे ही काम करने दिया जाए. दुकान की कीमत आएगी, उसे हम अदा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि अभी महापौर से स्पष्ट चर्चा नहीं हो पा रही है.

75 साल पुरानी दुकान तोड़ने से परेशानी

गोल बाजार में व्यवसाय करने वाली जुबेदा बेगम कहना है अभी हम लोगों को कुछ मालूम नहीं है. क्या काम किया जा रहा है या नोटिस आएगा. हमें हटाया जाएगा या यहीं रहेंगे. कुछ भी नहीं बताया जा रहा है. पिछले 75 साल से हमारी दुकान संचालित है. हम लोग दुकान का टैक्स और किराया चुकाते हैं. महापौर का कहना है कि 1 ईंट नहीं हटाया जाएगा. अगर इसे तोड़कर बनाया जाएगा, तो कैसे काम होगा. इस बात की भी परेशानी हो रही है.

जनवरी तक की जाएगी रजिस्ट्री की तैयारी
लगभग डेढ़ एकड़ में फैले गोल बाजार में 960 वैद्य की दुकाने हैं. नगर निगम के राजस्व विभाग द्वारा बाजार में नापजोख किया जा रहा है. अगले साल जनवरी के अंत तक रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है. अब तक नगर निगम ने 100 से ज्यादा दुकानों की नापजोख कर ली है. हालांकि अभी तक रजिस्ट्री की दर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है. अधिकारी बाजार के डिजाइन और दुकान की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. उसके बाद ही रजिस्ट्री की कीमत जारी की जाएगी.

मूल स्वामी और खरीदार का नहीं सुलझा मामला
गोल बाजार में मूल स्वामी और दुकान खरीदने वालों का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है. नगर निगम रिकॉर्ड के मुताबिक दुकानों के मूल मालिक आवंटित हैं. इस बीच कई लोगों की दुकानें बिक चुकी हैं. कई लोगों के वारिस काबिज हैं. ऐसे में वारिसों के नाम पर रजिस्ट्री को लेकर नगर निगम में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. दिक्कत उन दुकानदारों और कारोबारियों को लेकर है, जिन्होंने मूल आवंटित लोगों से दुकानें खरीदी है. हालांकि उनके द्वारा नगर निगम को टैक्स और किराया लगातार चुकाया जा रहा है.


काफी पुराना है गोल बाजार
इतिहासकार रामेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि रायपुर का गोल बाजार नागपुर के घोसले राजा रघुजी द्वितीय तृतीय के समय बनाया गया था. इस बाजार से सभी लोगों की आवश्यकताएं पूरी होती थी. जन्म से लेकर मृत्यु तक के सारे सामान एक ही जगह पर मिलते थे. आज बाजार में सारी चीजें मिलती है.

मध्यकालीन कला का प्रतीक
इतिहासकार ने बताया कि गोल बाजार में बनाया गया गुंबद मध्यकालीन कला का एक सुंदर प्रतीक है. जिस तरह से अभी स्मार्ट सिटी के तहत बाजार को फिर से तैयार किया जा रहा है, हमारा कहना यह है कि ऐतिहासिक गुंबद को ना तोड़ा जाए. यह एक ऐतिहासिक धरोहर है.

राजा भोसले के दौर का है गोल बाजार
रविंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि राजा भोसले के शासन के समय गोल बाजार का प्रचलन अधिक रहा है. राजनांदगांव ,दुर्ग, बिलासपुर,सम्भलपुर, रायपुर में गोल बाजार बनाए गए. उन बाजारों का आकार गोल हुआ करता था. बाजार का भी गोल गुंबद होता था. इसलिए उसे गोल बाजार कहा जाता था.

ऐतिहासिक धरोहरों को बचाना जरूरी
रामेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि हमारे ऐतिहासिक धरोहरों को बचा कर रखना बेहद जरूरी है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रायपुर शहर के धरोहरों को नहीं तोड़ा जाए. उन्हें यथावत सुरक्षित रखा जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को जानकारी रहे.

रायपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब रायपुर शहर के गोल बाजार को स्मार्ट बाजार बनाने की कवायद चल रही है. इस सिलसिले में अब गोल बाजार में व्यापार करने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए नगर निगम लगातार सर्वे कर रहा है. गोल बाजार को स्मार्ट बाजार बनाने के काम से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है. ETV भारत की टीम ने गोल बाजार में व्यापारियों से बातचीत की और उनकी चिंताओं को समझने की कोशिश की.

गोल बाजार के व्यापारियों में असमंजस

पढ़ें: स्मार्ट बाजार के रूप में विकसित होगा गोल बाजार, व्यापारियों ने महापौर से की मुलाकात

गोल बाजार में व्यापारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत बाजार को तोड़कर फिर से बनाने की कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक महापौर या नगर निगम प्रशासन से स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है. ऐसे में व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है. गोल बाजार मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश जैन ने कहा कि अभी व्यापारियों को स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया गया है, जो जानकारी मिल रही है, वह मीडिया के माध्यम से मिल रही है.

पढ़ें: महापौर एजाज ढेबर ने लिया गोल बाजार का जायजा, व्यापारियों को मालिकाना हक देने के लिए सर्वेक्षण

व्यापारियों का व्यापार होगा प्रभावित

सतीश जैन ने कहा कि अलॉटमेंट और मालिकाना हक देने को लेकर भी कई चीज़ें निकलकर सामने आ रही हैं. गोल बाजार सबसे पुराना बाजार है. चादर व्यापारियों के पास कागजात नहीं हैं. वह सिर्फ कागजात के नाम पर जो किराया जमा करते हैं, उसकी रसीद है. उस हिसाब से मालिकाना हक मिलना चाहिए. व्यापारियों में भी डर का माहौल है. अगर गोल बाजार को तोड़कर बनाया जाएगा, तो यह कितने दिन में बनकर तैयार होगा. इस बीच व्यापारियों का कारोबार भी बहुत प्रभावित होगा. बाजार के व्यापारी महापौर से मिलने गए थे. महापौर ने व्यापारियों को आश्वस्त किया है कि किसी का अहित नहीं होने देंगे.

किसी का अलॉटमेंट कम और काबिज ज्यादा

सतीश जैन ने बताया कि कई व्यापारियों में यह भी डर है कि कुछ व्यापारियों के पास अलॉटमेंट कम है, लेकिन उनकी दुकान का कब्जा ज्यादा है. कौन सा गेट बंद होगा, कौन सा गेट खुलेगा, इन सभी चीजों को लेकर व्यापारियों में डर है.

पिछली 3 पीढ़ियों से चूड़ी का व्यवसाय करने वाली महिलाओं ने बताया कि वह पिछले 100 साल से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चूड़ियों का व्यवसाय कर रहे. चिंता इस बात की है कि किस तरह का काम होगा, यह नहीं बताया जा रहा है. कोई भी चीज समझ नहीं आ रही है.

दुकान तोड़े जाने से रोजी-रोटी का संकट

गोल बाजार मनिहारी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष सलीम खान ने बताया कि गोल बाजार में जहां गुंबद बना हुआ है, वहां दो घेरों में दुकान संचालित है. हमारी मांग है कि हमें नहीं हटाया जाए, क्योंकि यह सारी दुकानें बरसों पुरानी हैं. अगर इसे तोड़कर बनाया जाएगा, तो हमारी रोजी-रोटी का क्या होगा. जो जहां काम कर रहा है, उसे वैसे ही काम करने दिया जाए. दुकान की कीमत आएगी, उसे हम अदा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि अभी महापौर से स्पष्ट चर्चा नहीं हो पा रही है.

75 साल पुरानी दुकान तोड़ने से परेशानी

गोल बाजार में व्यवसाय करने वाली जुबेदा बेगम कहना है अभी हम लोगों को कुछ मालूम नहीं है. क्या काम किया जा रहा है या नोटिस आएगा. हमें हटाया जाएगा या यहीं रहेंगे. कुछ भी नहीं बताया जा रहा है. पिछले 75 साल से हमारी दुकान संचालित है. हम लोग दुकान का टैक्स और किराया चुकाते हैं. महापौर का कहना है कि 1 ईंट नहीं हटाया जाएगा. अगर इसे तोड़कर बनाया जाएगा, तो कैसे काम होगा. इस बात की भी परेशानी हो रही है.

जनवरी तक की जाएगी रजिस्ट्री की तैयारी
लगभग डेढ़ एकड़ में फैले गोल बाजार में 960 वैद्य की दुकाने हैं. नगर निगम के राजस्व विभाग द्वारा बाजार में नापजोख किया जा रहा है. अगले साल जनवरी के अंत तक रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है. अब तक नगर निगम ने 100 से ज्यादा दुकानों की नापजोख कर ली है. हालांकि अभी तक रजिस्ट्री की दर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है. अधिकारी बाजार के डिजाइन और दुकान की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. उसके बाद ही रजिस्ट्री की कीमत जारी की जाएगी.

मूल स्वामी और खरीदार का नहीं सुलझा मामला
गोल बाजार में मूल स्वामी और दुकान खरीदने वालों का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है. नगर निगम रिकॉर्ड के मुताबिक दुकानों के मूल मालिक आवंटित हैं. इस बीच कई लोगों की दुकानें बिक चुकी हैं. कई लोगों के वारिस काबिज हैं. ऐसे में वारिसों के नाम पर रजिस्ट्री को लेकर नगर निगम में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. दिक्कत उन दुकानदारों और कारोबारियों को लेकर है, जिन्होंने मूल आवंटित लोगों से दुकानें खरीदी है. हालांकि उनके द्वारा नगर निगम को टैक्स और किराया लगातार चुकाया जा रहा है.


काफी पुराना है गोल बाजार
इतिहासकार रामेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि रायपुर का गोल बाजार नागपुर के घोसले राजा रघुजी द्वितीय तृतीय के समय बनाया गया था. इस बाजार से सभी लोगों की आवश्यकताएं पूरी होती थी. जन्म से लेकर मृत्यु तक के सारे सामान एक ही जगह पर मिलते थे. आज बाजार में सारी चीजें मिलती है.

मध्यकालीन कला का प्रतीक
इतिहासकार ने बताया कि गोल बाजार में बनाया गया गुंबद मध्यकालीन कला का एक सुंदर प्रतीक है. जिस तरह से अभी स्मार्ट सिटी के तहत बाजार को फिर से तैयार किया जा रहा है, हमारा कहना यह है कि ऐतिहासिक गुंबद को ना तोड़ा जाए. यह एक ऐतिहासिक धरोहर है.

राजा भोसले के दौर का है गोल बाजार
रविंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि राजा भोसले के शासन के समय गोल बाजार का प्रचलन अधिक रहा है. राजनांदगांव ,दुर्ग, बिलासपुर,सम्भलपुर, रायपुर में गोल बाजार बनाए गए. उन बाजारों का आकार गोल हुआ करता था. बाजार का भी गोल गुंबद होता था. इसलिए उसे गोल बाजार कहा जाता था.

ऐतिहासिक धरोहरों को बचाना जरूरी
रामेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि हमारे ऐतिहासिक धरोहरों को बचा कर रखना बेहद जरूरी है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रायपुर शहर के धरोहरों को नहीं तोड़ा जाए. उन्हें यथावत सुरक्षित रखा जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को जानकारी रहे.

Last Updated : Dec 26, 2020, 7:28 PM IST
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