कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि '' भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी घबराई हुई है. 20 फरवरी को छत्तीसगढ़ में हमारे बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ईडी के छापे हुए. यह प्रयास किया गया कि हमारे अधिवेशन को डिरेल करने का प्रयास किया गया. इसी कड़ी में मोदी सरकार की प्रतिशोध, धमकी और उत्पीड़न की राजनीति की नई मिसाल दिखी. पवन खेड़ा पर तीन एफआईआर दर्ज किए गए.''
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि ''बीजेपी को किसी नेता को गिरफ्तार करने की जरूरत पड़ती है तो असम के मुख्यमंत्री सक्रिय हो जाते हैं. जिग्नेश मेवानी पर भी एफआईआर दर्ज हुआ था. अब पवन खेड़ा के साथ ऐसा हुआ है. हमारी न्यायपालिका ने पवन खेड़ा को राहत दी है. न्यायपालिका अभी भी एक ज्योति बनी हुई है. टाइगर जिंदा है. सुप्रीम कोर्ट अब भी जिंदा है. हालांकि न्यायपालिका को धमकी देने में लोग लगे हैं. लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष न्यायपालिका जरूरी है. इसका हमें आज सबूत मिला.''
जयराम रमेश के मुताबिक ''आज हमारे देश में न सिर्फ वाक स्वतंत्रता बल्कि वाक स्वतंत्रता के बाद की स्वतंत्रता भी खतरे में है. हमारे महाधिवेशन को नुकसान पहुंचाने, डिरेल करने और बदनाम करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रयास किया गया. एयरपोर्ट पर हवाई जहाज में बैठने के बाद प्लेन से उतारा गया. हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हमें राहत मिली. हम सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हैं.''
जयराम रमेश ने कहा कि ''हमने मोदी सरकार से अडानी घोटाले से जुड़े 45 दिन सवाल पूछे हैं. 15 दिन में सवाल पूछे गये हैं. हम अडाणी के हैं कौन का अगला सवाल सोमवार को पूछेंगे. इसमें सरकार बुरी तरह फंसी है. खुद प्रधानमंत्री की भूमिका है. सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं को धमकी देकर अडाणी की कंपनी में निवेश करने का आर्डर दिया गया है.''