ETV Bharat / state

रायपुर में 56 फीट ऊंचे झूलेलाल की मूर्ति का होगा उद्घाटन, गुरुवार को मनाई जाएगी झूलेलाल जयंती

author img

By

Published : Mar 22, 2023, 7:36 PM IST

sindhi news year सिंधी समाज का चेटीचंड महोत्सव 23 तारीख को राजधानी रायपुर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. इस साल 2020 से बन रहे सिंधियों के आराध्य देवता झूलेलाल जी की मूर्ति का उद्घाटन भी किया जाएगा. यह मूर्ति 56 फीट ऊंची है, जो न्यू राजेंद्र नगर मेन रोड से लगी हुई है. सिंधी समाज का दावा है कि पूरे इंडिया में झूलेलाल की यह सबसे बड़ी मूर्ति है. Jhulelal statue will be inaugurated in telibandha

Chetri Chandra festival
झूलेलाल जयंती 2023

झूलेलाल की मूर्ति का होगा उद्घाटन

रायपुर: राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में झूलेलाल जयंती के दिन सबसे बड़ी मूर्ति का अनावरण किया जाएगा. मूर्ति के दोनों तरफ पानी का स्विमिंग पूल भी बनाया गया है. साथ ही झूलेलाल की मूर्ति मछली के ऊपर कमल के फूल पर है. 23 मार्च को चेटीचंड जयंती 2023 के दिन महाआरती का आयोजन किया गया है, जिसके बाद शाम को शोभायात्रा निकाली जाएगी. सिंधी समाज के युवाओं ने बुधवार को बाइक रैली भी निकाली.

झूलेलाल की इंडिया में सबसे बड़ी मूर्ति: जय झूलेलाल सेवा समिति के सदस्य विजय लाहरवानी ने बताया कि "इस मूर्ति का काम 26 नवंबर 2020 से शुरू हुआ था. आज यह मूर्ति आखिरकार पूरी तरह बनकर तैयार है. इसकी लागत 25 से 30 लाख के बीच है. इस मूर्ति की हाइट 56 फीट है. इससे पहले झूलेलाल की जो दूसरे प्रदेशों में मूर्ति बनी है, वह 30 से 35 फीट की ऊंचाई की है. इस मूर्ति को बनाने के पीछे हमारा उद्देश्य था कि जो हमारे इष्टदेव हैं, वरुण जी के अवतार झूलेलाल जी. उनकी प्रतिमा पूरी इंडिया में सबसे बड़ी रहे."

वरुण देव का अवतार हैं झूलेलाल: हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को चेटीचंड महोत्सव और झूलेलाल जयंती 2023 मनाई जाती है. सिंधी समाज के लिए इस दिन नए साल की शुरुआत होती है. सिंधी समाज झूलेलाल को वरुण देव का अवतार मानते हैं और बहुत ही श्रद्धा भाव से इनकी पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कई वर्ष पहले जब सिंधी समाज के लोगों पर विपदा आई थी, तो भगवान झूलेलाल ने नदी के किनारे बैठकर आराधना की थी. उस आराधना से सिंधियों के ऊपर आई विपदा टल गई थी.

यह भी पढ़ें: Chetichand Jhulelal Jayanti : चेटीचंद पर्व पर छत्तीसगढ़ में अवकाश घोषित

क्या है चेट्री चंद्र दिवस: चेटी चंड दिवस के ही दिन भगवान झूलेलाल इस धरती पर पैदा हुए थे, ऐसा सिंधी समाज का मानना है. जिस वजह से इस दिन को झूलेलाल दिवस के रूप में भी मनाते हैं. सिंधी भाषा में चैत्र महिने को चेट कहते है और चांद को चंड. इन्हीं दोनों शब्द से मिलकर चेट्री चंद्र दिवस का निर्माण हुआ. सिंधियों का मानना है कि जब भी वे कोई यात्रा करते हैं, या किसी व्यापार की शुरुआत करते हैं, तो वह झूलेलाल की आराधना करते हैं. उनका मानना है कि, उनकी आराधना करने पर झूलेलाल उन पर आने वाले सभी परेशानियों को दूर करते हैं और व्यापार में उनकी बहुत मदद करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.