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chaitra navratri 2023: इस साल क्यों खास है चैत्र नवरात्रि 2023, जानिए

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Published : Feb 28, 2023, 8:09 PM IST

चैत्र नवरात्रि के पावन त्योहार में आदिशक्ति मां दुर्गा की अराधना की जाती है. इसके साथ ही चैत्र नवरात्र के पहले दिन हिंदू नववर्ष भी प्रारम्भ होता है. इसलिए भारत सहित पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के प्रति आस्था रखने वाले लोग चैत्र नवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.Navratri 2023

chaitra navratri 2023
चैत्र नवरात्रि 2023

रायपुर: चैत्र नवरात्रि देवी मां आदिशक्ति की आराधना के साथ ही हिंदू नववर्ष के शुभारंभ का भी पर्व है. इसलिए भी पूरे देश में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस दौरान अगले नौ दिनों तक विधि-विधान के साथ मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. जिसके बाद नवमी तिथि पर चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाता है. चैत्र नवरात्रि 2023 इस साल 22 मार्च से प्रारंभ हो रही है और इनका समापन 30 मार्च को हो जाएगा.

सालभर में होती है कुल चार नवरात्रि: हिंदू पंचांग के अनुसार, सालभर में कुल चार नवरात्रि होती है. जिसमें से दो नवरात्रि गुप्त मानी जाती है. जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि शामिल हैं. दो गुप्त नवरात्रि में तंत्र मंत्र और गुप्त शक्तियों की सिद्धि के लिए पूजा की जाती है. वहीं प्रत्यक्ष रूप से चैत्र और शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें जन साधारण देवी मां की अराधना करते हैं. जो भी साधक पूर्ण श्रद्धा से देवी मां की पूजा करता है, उसे माता का विशेष आशीर्वाद मिलता है.

चैत्र नवरात्रि 2023 का शुभ मुहूर्त: चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत बुधवार, 22 मार्च से हो रही है. जो साधक विधि विधान के साध अराधना करना चाहते हैं, उन्हें चैत्र नवरात्रि के मुहूर्त का खास ध्यान रखना होगा. कलश स्थापना के लिए 22 मार्च को शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है. साधकों को इस दौरान 01 घंटा 09 मिनट का समय घटस्थापना के लिए मिलेगा. प्रतिपदा तिथि मार्च 21 को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रही है, जो मार्च 22 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.

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कैसै करें कलश स्थापना? : चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण करें. जिसके बाद पूजन स्थल की साफ सफाई कर लाल कपड़े बिछाएं लेवें. इसमें थोड़ा सा चावल रख लेवें और साथ में एक मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बो देवें. कलश पर लाल कुमकुम या चंदन से स्वास्तिक बनाकर कलावा बांध लेवें. कलश में साबुत सुपारी के साथ सिक्का और चावल डालकर अशोक पेड़ के पत्ते लगा देवें. जिसके बाद एक नारियल पर चुनरी लपेटकर उसमें कलावा बांध लें. कलश में गंगाजल भरकर नारियल को कलश के ऊपर रखें और देवी मां का आह्वान करें. इसके बाद दीप जलाकर विधि विधान के साथ कलश पूजा करें.

मां दुर्गा की अराधना से होगी विशेष कृपा: माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि में देवी माता का पाठ करने से साधक पर विशेष कृपा होती है. आदिशक्ति मां दुर्गा के अराधना से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और धन की समस्या दूर हो जायेगी.

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में करें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा:

  1. पहला दिन, 23 मार्च 2023, बुधवार- मां शैलपुत्री जी की पूजा (घटस्थापना)
  2. दूसरा दिन, 23 मार्च 2023, गुरुवार- मां ब्रह्मचारिणी जी की पूजा
  3. तीसरा दिन, 24 मार्च 2023, शुक्रवार- मां चंद्रघंटा जी की पूजा
  4. चौथा दिन, 25 मार्च 2023, शनिवार- मां कुष्मांडा जी की पूजा
  5. पांचवां दिन, 26 मार्च 2023, रविवार- मां स्कंदमाता जी की पूजा
  6. छठवां दिन, 27 मार्च 2023, सोमवार- मां कात्यायनी जी की पूजा
  7. सातवां दिन, 28 मार्च 2023, मंगलवार- मां कालरात्रि जी की पूजा
  8. आठवां दिन, 29 मार्च 2023, बुधवार- मां महागौरी जी की पूजा
  9. नौवां दिन, 30 मार्च 2023, गुरुवार- मां सिद्धिदात्री जी की पूजा
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