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अभनपुर घटना पर बीजेपी जांच टीम ने की न्यायिक जांच की मांग

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Published : Oct 14, 2022, 3:01 PM IST

Incident of Abhanpur: अभनपुर की घटना पर बीजेपी ने जांच कमेटी बनाई थी. इस घटना का निरीक्षण करने बाद शासन से न्यायिक जांच की मांग की है.

बीजेपी जांच टीम
बीजेपी जांच टीम

रायपुर: छत्तीसगढ में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. हत्या, चोरी, लूट और डकैती तो प्रदेश में आम हो चला है. ऐसे ही एक हत्या की घटना राजधानी रायपुर से लगे अभनपुर थाना क्षेत्र के आमदी गांव में कुछ दिन पहले घटी थी. इसको लेकर आज भाजपा ने रायपुर जिला कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित की. प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा उपस्थित रहे. रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप ने बताया "प्रदेश में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. पुलिस उसे कंट्रोल क्यों नहीं कर पा रहे हैं? बड़े आदमियों के प्रभाव से क्यों अपराधी को छोड़ दिया जाता है? अभनपुर में जो हत्या हुई है उसके अपराधियों को क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है. अभनपुर की पूरी घटना पर भाजपा जांच दल न्यायिक जांच की मांग करती है."

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अभनपुर की घटना को देखते हुए भाजपा ने बनाई जांच कमेटी: ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप ने बताया " अभनपुर की घटना को देखते हुए हमने एक जांच दल कमेटी बनाई और मौके का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद कई बातें सामने आई. आदमी गांव में हुए गंगू निषाद की हत्या 24 और 25 सितंबर के दरमियान रात को हुई थी. गंगू निषाद के दो बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम पवन निषाद का छोटे का तोरण. गंगू निषाद के बड़े बेटे पवन ने 2 शादी की थी. पवन निषाद अपनी पहली पत्नी के साथ अलग रहता था. पवन की दूसरी पत्नी अपने सास-ससुर यानी गंगू निषाद के साथ रहती थी. गंगू निषाद अपने 5 एकड़ खेत में खेती करता था और खेत के उपज और पैसों के लेनदेन के वजह से पवन और गंगू निषाद के बीच हमेशा विवाद रहता था.

पत्नी और छोटे बेटे पर मंडरा रहा हत्या का खतरा: रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप ने बताया " 24-25 सितंबर को अचानक गंगू निषाद की हत्या हो जाती है. गंगू निषाद के छोटे बेटे तोरण ने हत्या का संदेह उसके बड़े भाई पवन निषाद और उनके साथी पर जताया. पुलिस ने 25 सितंबर को दोपहर 3:00 बजे पवन और उसकी पत्नी और बेटों को गिरफ्तार किया, लेकिन शाम 6:00 बजे छोड़ दिया. अब लगातार गंगू निषाद की पत्नी गंगाबाई और छोटे बेटे बहू पर हत्या का खतरा मंडरा रहा है. भाजपा चाहती है कि शासन उनकी सुरक्षा का प्रबंध करे. "


जांच दल ने शासन से किए सवाल

  • गंगूराम की हत्या के संदेहियों को मात्र 3 घंटे में क्यों छोड़ दिया गया?
  • मोटर सायकिल जलाने की घटना की रिपोर्ट थाना में क्यों नहीं?
  • गंगूराम की हत्या में और कौन कौन हो सकते हैं, इसकी जांच क्यों नहीं?
  • हत्या जैसे अपराध में "बड़े" आदमी का प्रभाव क्यों?
  • पवन के सुसाइड नोट को गोपनीय क्यों रखा गया?

भाजपा की मांग

गंगाबाई, उनके पुत्रों, देवर देवरानी को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाय.
गंगूराम की हत्या में क्या और कोई शामिल है, इसकी जांच हो.
पूरे प्रकरण में स्थानीय विधायक और पुलिस की भूमिका की जांच हो.

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