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आगामी विधानसभा चुनाव के पहले 'बी टीम' बनाने में जुटी भाजपा!

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Published : Nov 10, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 4:54 PM IST

Opposing parties trying to take advantage of factionalism of Congress
कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा उठाने की कोशिश में विरोधी पार्टियां

कांग्रेस (Congress) में चल रहे विवाद और गुटबाजी को फायदा उठाने को लेकर विरोधी सक्रिय हो गए हैं. कांग्रेस के अंदर चल रहे विवाद और गुटबाजी का किस तरीके से लाभ उठाया जाये, यह रणनीति बनाने में भाजपा (B J P) जुट गई है.

रायपुर : कांग्रेस के अंदर लगातार लड़ाई-झगड़ा-मारपीट और विवाद जारी है. कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर है. आलम यह है कि अब यह चीजें खुल कर सड़क पर दिखने लगी हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के अंदर चल रहे विवाद और गुटबाजी का किस तरीके से लाभ उठाया जाये, यह रणनीति बनाने में भाजपा जुट गई है. भाजपा ऐसे लोगों को साध सकती है, जो कांग्रेस से असंतुष्ट हैं. ऐसे लोगों को भाजपा अपनी बी टीम के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती है. इसका लाभ भाजपा को आगामी विधानसभा (Chhattisgarh Assembly Election) चुनाव में मिल सकता है. हालांकि इस बात को पार्टी की ओर से कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है.

कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा उठाने की कोशिश में विरोधी पार्टियां

क्या है बी टीम

छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी टीम से तात्पर्य है कि कोई ऐसा नेता जो पार्टी में रहते हुए दूसरे दल को समर्थन करता है. उनकी बातें सुनता है और उसके हिसाब से काम करता है, उसे छत्तीसगढ़ की राजनीतिक भाषा में बी टीम कहा जाता है. भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव (BJP National Co-Organization General Secretary Shiv Prakash) प्रकाश ने इशारों-इशारों में अपने कार्यकर्ताओं को यह कहा था कि कब तक कांग्रेस के झगड़े के भरोसे सरकार आएगी. कार्यकर्ता खुद भी मेहनत करें. यह बातें उन्होंने पिछले दिनों भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कही थी.

अजीत जोगी को कहा जाता था भाजपा की 'बी टीम'

छत्तीसगढ़ की राजनीति में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते रहे हैं. खासकर नेताओं पर भी अजीबोगरीब आरोप लगते रहे हैं. बीजेपी शासन काल के दौरान छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के संस्थापक अजीत (Janta Congress Founder Ajit Jogi) जोगी बात की जाए तो उन्हें भाजपा की 'बी टीम'कहा जाता था. उन पर कांग्रेस में रहते हुए भाजपा को समर्थन करने के आरोप लगते रहे.

सिंहदेव को साधने में जुटी भाजपा!

वर्तमान परिस्थिति की बात की जाए तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस (Health Minister TS Singhdeo) सिंहदेव कई बार अपनी सरकार और पार्टी के खिलाफ कुछ विषयों को लेकर खुलकर बोलते हैं. कहीं ना कहीं वे अपनी ही पार्टी की कुछ बातों को लेकर असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. खासकर ढाई-ढाई साल के (Chief Minister of two and a half years) मुख्यमंत्री फार्मूले पर भी अमल न होने पर वह नाराज चल रहे हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि हो ना हो भाजपा सिंहदेव को साधने में जुट गई है.

भाजपा की बी टीम की वजह से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करना पड़ा था हार का सामना

जब अजीत जोगी कांग्रेस में हुआ करते थे, उस दौरान पार्टी के अंदर चल रहे उठापटक, विवाद और लड़ाई-झगड़े को लेकर कई बार अजीत जोगी पार्टी के खिलाफ ही बोलते नजर आए. जब भूपेश बघेल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने तो उस दौरान भी अजीत जोगी भूपेश बघेल के खिलाफ सार्वजनिक मंच पर खुलकर बोलते रहे. अजीत जोगी द्वारा इस तरह का बयान दिया जाता रहा तो उस समय पार्टी के लोग खुलकर तो कुछ नहीं बोलते थे. लेकिन यह चर्चा होने लगी थी कि हो ना हो जोगी भाजपा के इसारे पर इस तरह के बयानबाजी करते हैं. हालांकि बाद में अजीत जोगी पार्टी से बाहर हो गए. उसके बाद तो कांग्रेस के लोग खुलकर अजीत जोगी को भाजपा की बी टीम बताने लगे. यहां तक कि कांग्रेस का यह भी आरोप रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को जहां हार का सामना करना पड़ा तो उन क्षेत्रों में जोगी ने पार्टी में रहते हुए पार्टी के खिलाफ काम किया था. जिस वजह से कई जगहों पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था.

रमन सिंह के खिलाफ जोगी ने किया था चुनाव लड़ने का ऐलान

पार्टी से बाहर होने के बाद अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई और साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर (Former Chief Minister Dr. Raman Singh) रमन सिंह को चैलेंज करते हुए वादा किया था कि रमन जहां से भी चुनाव लड़ेंगे उनके खिलाफ वे ही चुनाव लड़ेंगे. हालांकि बाद में जोगी अपने इस वादे से मुकर गए और उन्होंने डॉ रमन सिंह के खिलाफ चुनाव ना लड़ने की बात कही. उन्होंने कहा था कि वे विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के लिए सभी सीटों पर प्रचार करेंगे. जोगी के इस बयान के बाद उनकी साख और रणनीति को लेकर उनके विरोधियों ने उन पर जमकर हमला बोला था. उस दौरान भी यह बात सामने आने लगी थीं कि पार्टी के अंदर तो अंदर पार्टी के बाहर जाने के बाद भी जोगी भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं.

सिंहदेव क्या भाजपा की बनेंगे 'बी टीम' !

अजीत जोगी के बाद अब कहीं ना कहीं वर्तमान परिस्थितियों को देखकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर भी उंगलियां उठने लगी हैं. जानकारों की मानें तो जिस तरह से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कई मामलों में पार्टी और सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उससे उन्हें भी भाजपा 'बी टीम' के रूप में साध सकती है. इसमें ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री का फार्मूला भी शामिल है. क्योंकि जब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस फार्मूले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सीधे तौर पर इसे बीजेपी के द्वारा फैलाया गया प्रोपेगेंडा बताया है. इतना ही नहीं कई बार सिंहदेव के बयान को लेकर जब भी सीएम से सवाल किया गया तो वह उसके जवाब में सिंहदेव के खिलाफ ना बोलते हुए भाजपा पर आरोप लगते नजर आए. यही वजह है कि अब कयास लगाया जाने लगा है कि आने वाले समय में हो ना हो भाजपा सिंहदेव को अपनी 'बी टीम' के रूप में इस्तेमाल कर सकती है. हालांकि यह सारी बातें कयासों और संभावनाओं पर आधारित है इसकी ना तो किसी ने अब तक पुष्टि की है और ना ही भाजपा और कांग्रेस की ओर से कोई बयान आया है.
अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस के असंतुष्टों को साधने में भाजपा कितनी कामयाब होती है. उन्हें अपनी भी टीम के रूप में शामिल करने के लिए किस तरह की रणनीति बनाती है. और क्या भाजपा अपनी इस रणनीति में कामयाब होगी. यह आने वाले समय में ही पता चल सकेगा.

Last Updated :Nov 11, 2021, 4:54 PM IST
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