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रायगढ़: 17 दिन ' होम आइसोलेशन' में रहेंगे भगवान जगन्नाथ, भाई बहन भी रहेंगे साथ

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Published : Jun 5, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 1:42 PM IST

शहर के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में पूर्णिमा के दिन देव स्नान पूजा हुई. इसके साथ ही रथ यात्रा की शुरुआत भी हो गई, लेकिन इस बार कोरोना ने रथ यात्रा के रंग को फीका कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं में मायूसी है. अब भगवान जगन्नाथ भाई बहनों के साथ 17 दिनों के लिए आइसोलेशन पर रहेंगे.

Lord Jagannath Rath Yatra begins-in-raigarh
जगन्नाथ रथ यात्रा की हुई शुरुआत

रायगढ़: शहर के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में पूर्णिमा के दिन देव स्नान पूजा हुई. महाप्रभु जगन्नाथ, दाऊ बलभद्र और बहन सुभद्रा ने छप्पन भोग किए. इसके साथ ही रथ यात्रा की शुरुआत हो गई. अब से भगवान जगन्नाथ भाई बहनों के साथ 17 दिन आइसोलेशन में रहेंगे. हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु रायगढ़ के ऐतिहासिक रथ उत्सव में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने रथ यात्रा महोत्सव के रंग को फीका कर दिया है.

जगन्नाथ रथ यात्रा की हुई शुरुआत

जगन्नाथ ट्रस्ट और उत्कल संस्कृति सेवा समिति ने महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भैया बलराम जी को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाकर उनका स्नान कराया. स्नान मंडप पंडितों के मंत्रोच्चारण के साथ पूजा पाठ कर महाप्रभु को 108 मंत्र युक्त शुद्ध जल से स्नान कराया गया. इसके बाद श्रृंगार कर आरती महा भोग लगाकर छप्पन भोग का प्रसाद वितरण किया गया. 1905 में रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह के जन्म के बाद उनके पिता ने इस मंदिर का निर्माण कराया था, तब से यहां भगवान जगन्नाथ की पूजा की जा रही है.

Jagannath Lord Rath Yatra begins in Raigarh
रथ यात्रा की हुई शुरुआत

17 दिनों के लिए बंद हो जाएंगे मंदिर के कपाट

देर शाम देव स्नान के बाद मंदिर के कपाट 17 दिनों के लिए बंद हो गए. इन 17 दिनों में भगवान आसन में रहते हैं. विभिन्न जड़ीॉ-बूटियों का काढ़ा बनाकर सेवन कराया जाता है. जनमानस को भगवान के दर्शन की अनुमति नहीं होती है. सामान्य भाषा में कहें तो भगवान 17 दिनों के लिए होम आइसोलेट हो जाते हैं.

Jagannath Lord Rath Yatra begins
भगवान जगन्नाथ मंदिर

मुहूर्त 4 महीनों के लिए रुक जाती है

राज परिवार के मुताबिक तृतीया के दिन भगवान अपनी मौसी के घर जाने के लिए नगर से निकलते हैं, फिर दशमी के दिन बहुड़ा रथयात्रा होती है. उस दिन भगवान को उनकी मौसी के घर से मंदिर लाया जाता है, फिर अगले दिन एकादशी को भगवान का विशेष श्रृंगार होता है. यह वर्ष में एक बार होता है. इस दिन भगवान राजा के वेश में होते हैं, जो अपने समस्त अनुयायियों के साथ दर्शन देते हैं. इस दिन विशेष पूजा होती है, जिसके बाद भगवान 4 महीने के लिए विश्राम काल में चले जाते हैं. इस दिन के बाद सारे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त 4 महीनों के लिए रुक जाती है.

Mahaprabhu Jagannath Rath Yatra started in Raigarh
जगन्नाथ रथ यात्रा की हुई शुरुआत

जगन्नाथ भगवान के मंदिर का निर्माण

राजपरिवार के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि महाराजा भूपदेव सिंह के एक पुत्र राजा नटवर सिंह थे, राज परिवार में ऐसी मान्यता है कि महाराजा को उनका जेष्ठ पुत्र मुखाग्नि नहीं देता, इसलिए राजा ने दूसरे पुत्र की कामना की. जगन्नाथ महा प्रभु की कृपा से उनको दूसरा पुत्र गणेश चतुर्थी के दिन चक्रधर सिंह प्राप्त हुए. 1905 के उस दौर में महाराजा भूपदेव सिंह ने जगन्नाथ भगवान के लिए मंदिर का निर्माण कराया. तब से रायगढ़ में यह विशेष पूजा चली आ रही है. भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा का यह त्यौहार एक महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है.

Mahaprabhu Jagannath Rath Yatra started in Raigarh
राजा चक्रधर सिंह

भगवान शहरवासियों को देंगे आशीर्वाद

बता दें कि 22 तारीख को भगवान आसन से उठेंगे और दर्शन देंगे. अगले दिन 23 तारीख को रथ महोत्सव करके पूरे शहर में परंपरा अनुसार भगवान को घुमाया जाएगा. जहां भगवान शहरवासियों को आशीर्वाद देंगे.

Mahaprabhu Jagannath Rath Yatra started in Raigarh
रथ यात्रा की हुई शुरुआत
Last Updated : Jun 6, 2020, 1:42 PM IST
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