रायगढ़ के छाल क्षेत्र में हाथी की मौत, बिजली के खंभे के पास मिला शव

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Published : Jun 22, 2021, 10:14 PM IST

elephant died in the chal area

रायगढ़ के छाल में एक हाथी की मौत हो गई(elephant died in raigarh) है. हाथी का शव बिजली के खंभे के पास मिला है. आशंका जताई जा रही है कि करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई है. फिलहाल, वन विभाग मामले की जांच में जुटा हुआ है.

रायगढ़: जिले के छाल में एक हाथी की मौत हो गई(elephant died in raigarh) है. हाथी की मौत का कारण अब तक पता नहीं चल पाया है. स्थानीय निवासी और वन विभाग के अधिकारी करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत की संभावना जता रहे हैं. बीते साल भी करंट की चपेट में एक हाथी की मौत की घटना सामने आई थी. दरअसल धरमजयगढ़ और छाल क्षेत्रों में किसान पानी की सुविधा के लिए ट्यूबेल का उपयोग करते हैं. जिसके कारण हाथी तारों के चपेट में आ जाते हैं. फिलहाल, पूरे मामले की अधिकारी जांच कर रहे हैं. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि हाथी की मौत किन कारणों से हुई है.

छत्तीसगढ़ में 4 साल में 45 से ज्यादा हाथियों की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है. धमतरी, रायगढ़, महासमुंद के बाद अब गरियाबंद में भी इंसानी लापरवाही से जंगली जानवर बेमौत मारे जा रहे जा रहे हैं. गरियाबंद में एक हाथी की मौत करंट लगने से हो गई है.

रायगढ़: नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला, धरमजयगढ़ में एक और हाथी की मौत

बीते साल 11 मई से 18 जून के बीच एक-एक कर 7 हाथियों के शव मिले थे. इनमें से 3 सूरजपुर के प्रतापपुर, एक बलरामपुर के जंगल में, एक धमतरी और दो धरमजयगढ़ में मिले थे. लगातार गजराज की मौत ने छत्तीसगढ़ के वन्य प्राणी प्रेमियों को बेचैन किया, तो सरकार भी चेती. इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग के साथ बैठक भी की थी. मीटिंग में वन्य प्राणियों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल विकसित करने, मैदानी अमलों पर नियंत्रण के लिए वन विभाग के द्वारा मोबाइल एप तैयार करने सहित अनेक मुद्दों पर निर्णय लिया गया था.

शासन की ये योजना भी फेल

हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए वन विभाग ने मधुमक्खी पालन योजना शुरू की थी. वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्र में हाथियों को जंगलों की तरफ भगाने के लिए यह कार्य योजना बनाई थी. विभाग का दावा था कि जंगल में जहां मधुमक्खियों का छाता होता है, वहां आसपास हाथी नहीं रुकते, लेकिन यह योजना भी कारगर साबित नहीं हो पाई और हाथी लगातार रहवासी क्षेत्रों में आते रहते है.

गरियाबंद: एक और हाथी की करंट लगने से मौत, वन विभाग बेफिक्र

कब बनेगा एलीफेंट कॉरिडोर ?

प्रदेश में हाथी से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करा कर राज्य सरकार को इन चिन्हांकित इलाकों को एलीफेंट कॉरिडोर में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया. जिसका मामला लोकसभा और विधानसभा में लगातार गूंजता रहा, लेकिन इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और लगातार हाथियों का मूवमेंट रहवासी इलाकों में जारी है. इस प्रस्तावित एलीफेंट कॉरिडोर में 4 वनमंडल के 12 रेंज शामिल किए गए थे, जिनमें धरमजयगढ़, कोरबा, कटघोरा और सरगुजा क्षेत्र शामिल हैं.

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