अबूझमाड़ में तैनात जवानों ने कहा: धन्यवाद सीएम सर, आपने बचपन और घर की याद दिला दी

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Published : May 1, 2022, 6:00 PM IST

Narayanpur soldiers ate bore basi
नारायणपुर में जवानों ने बोरे बासी खाया ()

sack stale day on labor day in chhattisgarh: नारायणपुर में जवानों ने बोरे बासी खाया खाकर भूपेश बघेल को दिया धन्यवाद

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर के जवानों ने भी मजदूर दिवस पर बोरे बासी खाई और सीएम भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया. जवानों ने कहा कि ' धन्यवाद सीएम सर, आपने बचपन और घर की याद दिला दी. जवानों के बोरे बासी खाने की फोटो भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर भी की है. सीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि ' आज मजदूर दिवस के अवसर पर नारायणपुर में तैनात जिला पुलिस बल, छग सशस्त्र बल और डीआरजी के जवानों को बोरे बासी खाते‌ देखना भावुक कर गया. मेरे एक आह्वान पर बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को फिर से हासिल करने की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया है'. (Bhupesh Baghel tweeted photo of soldiers eating stale sacks )

  • आज मजदूर दिवस के अवसर पर नारायणपुर में तैनात जिला पुलिस बल, छग सशस्त्र बल और डीआरजी के जवानों को बोरे बासी खाते‌ देखना भावुक कर गया।

    मेरे एक आह्वान पर बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को फिर से हासिल करने की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

    जय छत्तीसगढ़#बोरे_बासी pic.twitter.com/aECzS3U61s

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Narayanpur soldiers ate bore basi
बोरे बासी खाता जवान

बोरे बासी उत्सव: कोरिया कलेक्टर कुलदीप शर्मा और एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने खाया बोरे बासी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर मजदूर दिवस के अवसर पर नारायणपुर में भी जवानों ने बोरे बासी खाया. जंगल में ड्यूटी कर रहे जवानों ने पत्तों के दोना में बोरे बासी खाया और सीएम बघेल को पुराने दिनों की यादों के लिए धन्यवाद दिया. (Narayanpur soldiers ate bore basi )

Narayanpur soldiers ate bore basi
जंगल में बोरे बासी खाते हुए नारायमपुर के जवान

sack stale day in CG: जानिए क्या है बोरे बासी जिसकी छत्तीसगढ़ में हो रही चर्चा

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जवानों ने जंगल में खाया बोरे बासी

बोरे बासी बनाने की विधि: ताजे बने चावल को ठंडा कर पानी डाल कर कुछ समय के बाद खाने से ये बोरे कहलाता है. रात के बचे चावल को पानी में डालकर ढककर सुबह तक छोड़ दिया जाए तो बासी तैयार हो जाती है. मिट्टी के बर्तन में बोरे बासी बनाई जाए तो इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं. चावल में बेहतर क्वालिटी का कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो कि अन्य अनाजों की तुलना में जल्दी पच जाता है. जब इससे बोरे बासी बनाया जाता है तो चावल का पाचन और बेहतर हो जाता है. यही कारण है कि यह बच्चे, बड़े व बुजुर्गों के लिए एक उत्तम आहार माना जाता है. गर्मियों के दिनों में बोरे बासी लू से बचाती है. बोरे बासी को प्याज, मिर्च, अचार, पापड़, और भाजी के साथ खाया जाता है.

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