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Narayanpur News: प्राइमरी स्कूल के पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा को शामिल करने की मांग

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 18, 2023, 8:45 PM IST

Gondi language in curriculum of primary school
पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा शामिल करने बड़ी बैठक

Narayanpur News नारायणपुर में कक्षा पहली से पांचवी तक के पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा को शामिल करने को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में समाज प्रमुखों एवं गोंडी भाषा के जानकार भी मौजूद थे. Gondi language

पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा शामिल करने की मांग

नारायणपुर: रविवार को सामुदायिक गोंडवाना समाज भवन बखरूपारा में जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य भाषा में एकरूपता लाना रहा. रविवार को गोंडी साहित्य परिषद का गठन किया गया. इस परिषद की बैठक में नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर के समाज प्रमुख, गोंडी भाषा के जानकार, सामाजिक कार्यकर्ता और समाज से जुड़े लोग शामिल हुए. इस बैठक में कक्षा पहली से पांचवी तक के पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा शामिल करने को लेकर समाज प्रमुखों एवं जानकारों के साथ चर्चा की गई.

क्षेत्रीय भाषा में प्राथमिक स्तर की पढ़ाई पर जोर: दिलीप उसेंडी ने बताया कि "भारतीय अनुच्छेद में स्पष्ट क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित और संवर्धित करने की बात कही गई है. लेकिन आज तक हम उपेक्षित हुए हैं, यह बात जग जाहिर है. राज्य शासन क्षेत्रीय भाषा में प्राथमिक स्तर पर जो पढ़ाई होनी है, इस दिशा में प्रयास कर रहा है. उस फैसले का हम स्वागत करते हैं. आगे भी अपेक्षा करते हैं कि कोया भाषा (गोंडी भाषा) यहां के लोगों को शिक्षित कर आगे ले जाये, उस पर अच्छी-अच्छी योजनाएं लाएं. उनका हम स्वागत करेंगे."

"त्रि स्तरीय जिला सम्मेलन रविवार को सामुदायिक गोंडवाना समाज भवन बखरूपारा में आयोजित किया गया. इसमें नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर के समाज प्रमुख, गोंडी भाषा के जानकार शामिल हुए. आने वाले पाठ्यक्रम की रचना किस प्रकार से करनी है, भाषा के प्रचार प्रसार के लिए एक रूपरेखा बनाया गया है." - मुकेश उसेंडी, सामाजिक कार्यकर्ता

गोंडी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग: नारायणपुर, छत्तीसगढ़ प्रदेश का आदिवासी बाहुल्य जिला है. इसके साथ ही पड़ोसी जिले कांकेर और कोंडागांव में भी अधिकांश क्षेत्रों में गोंडी भाषा बोली जाती है. किसी भी क्षेत्र का विकास स्थानीय भाषा से होता है. जानकारों ने बताया कि गोंडी भाषा प्राचीन भाषा है. यह भाषा पाठ्यक्रम में शामिल होगी, तो स्थानीय क्षेत्र में जो कोया भाषा समझने वाले लोग हैं, बच्चे हैं. ये लोग सीधा छत्तीसगढ़ी, हिंदी या अंग्रेजी नहीं समझते, तो लोकल भाषा में पढ़ेंगे. पढ़ने के बाद उसको समझने में आसानी होगा. इसलिए भी एक बहुत बड़ी पहल है. गोंडी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही है.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है घोषणा: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2023 को स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देने का ऐलान किया था. राज्य में अगले शिक्षा सत्र में कक्षा पहली से पांचवी तक के पाठ्यक्रम में गोंडी भाषा को शामिल करने की घोषणा की गई है. गोंडी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्थानीय स्तर पर काम करने के लिए साहित्य परिषद का गठन किया गया. जिले में बीते दिनों शासकीय स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय नारायणपुर में गोंडी भाषा पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमे बड़ी संख्या में युवक युवतियों ने भाग लिया.

गोंडी भाषा की डिक्शनरी हो रही तैयार: जिले में आदिवासी समाज आने वाले भावी पीढ़ी को आदिवासियों की संस्कृति, परंपरा के संरक्षण और संवर्धन पर जानकारी देने के लिए विशेष जोर दे रही है. गोंडी भाषा की डिक्शनरी तैयार कर, जो शब्दों के माध्यम से बात करते हैं, उनको लिखित रूप में संकलन करने के लिए साहित्य की तैयारी कराई जा रही है.

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