नारायणपुर जिला अस्पताल में मासूम की मौत, परिजनों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Nov 18, 2022, 10:56 PM IST

Child death in District Hospital Narayanpur

child death in narayanpur district hospital जिला अस्पताल नारायणपुर में भर्ती तीन वर्षीय बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसपर परिजनों ने जिला अस्पताल में घण्टों हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाया और इलाज के अभाव से बच्चे की मौत हो गई.

नारायणपुर: child death in narayanpur district hospital नारायणपुर जिला अस्पताल में भर्ती तीन वर्षीय बच्चे की इलाज के दौरान आज शाम को मौत हो गई. परिजनों ने जिला अस्पताल में घण्टों हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाया और इलाज के अभाव से बच्चे की मौत हो गई. हालाकि डॉ विनोद भोयर सिविल सर्जन ने गलत इंजेक्शन से मौत होने से इंकार किया है. child death in narayanpur district hospital

जिला अस्पताल नारायणपुर में बच्चे की मौत

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जिला अस्पताल परिसर में परिजनों ने किया घण्टो हंगामा: नारायणपुर जिले के ग्राम हतलानार निवासी तीन वर्षीय आशीष को हल्का बुखार होने पर आज शुक्रवार को 11:30 बजे जिला अस्पताल नारायणपुर में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने बच्चे की प्राथमिक उपचार की. उस वक्त बच्चे की हालत ठीक बताई और इलाज से पूरी तरह से ठीक होने का आश्वासन दिया. जब बच्चे की मां ने बच्चे का स्वास्थ के बारे में पूछा तो डॉक्टर और नर्सों ने बताया कि बच्चे को कोई मलेरिया वगैरह नहीं है. जांच किया गया है. वह जल्द ही बच्चा ठीक हो जाएगा.


मां अपने पुत्र का शव गोद में रख घंटों रोती रही: जिला अस्पताल परिसर में तीन वर्षीय पुत्र का शव उसकी मां गोद में रख घंटों रोती बिलखती रही. इस बीच अस्पताल ड्यूटी में लगे स्टॉप एवं पुलिस कर्मचारियों ने बच्चे की मां को मनाने और बच्चे को लेकर घर जाने या अस्पताल के अंदर भेजने का बहुत प्रयास किया. पर नहीं मानी और हंगामा करती रही. बच्चे की मां ने अस्पताल प्रबंधन को मौत जिम्मेदार बताया है. उनहोंने बताया कि उनके पुत्र आशीष को बुखार के चलते आज सुबह जिला अस्पताल लेकर आये थे.

अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल: जिला अस्पताल नारायणपुर में आज 3 वर्षीय बच्चे की मौत से एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठा है. क्योंकि नारायणपुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के साथ-साथ अबूझमाड़ का इलाका है. जहां अंदरूनी इलाकों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं पहुँचा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं जिला अस्पताल नारायणपुर से अधिकतर केस या बड़ी बीमारी या चाहे नक्सली से संबंधित घायल जवानों के उपचार के लिए रेफर बाहर करना पड़ता है. जो केवल रेफर सेंटर के नाम से ही जाना जाता है. इस दौरान आज जब बच्चे की मौत हुई तो कोई बड़ी बीमारी नहीं होने बाद भी मौत हुई. इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही या इलाज का अभाव माना जा रहा है.

सिविल सर्जन ने आरोप को बताया गलत: सिविल सर्जन डॉ विनोद भोयर ने बच्चे को गलत इंजेक्शन देने के आरोप को गलत बताया और कहा कि अगर ऐसा है तो पोस्टमार्टम कर सकते हैं.

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