ETV Bharat / state

महासमुंद: आत्महत्या पर लगाम लगाने के लिए खोले गए 569 नवजीवन केंद्र

author img

By

Published : Sep 12, 2019, 4:08 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 6:58 PM IST

जिले में जिला प्रशासन ने आत्महत्या के बढ़ते आकड़ों को देखते हुए 569 नवजीवन केंद्र, जिसमें लोगों को आत्महत्या न करने और इसके रोकथाम के लिए जागरूक किया जा रहा है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर नवजीवन गोष्ठी का आयोजन भी किया गया.

जिलेभर में बनाए गए हैं 569 नवजीवन केंद्र

महासमुंद : प्रदेश में लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खुदखुशी के ताजा आकड़ों में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है और महासमुंद जिला आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में पहले स्थान पर है. साल दर साल ये आकड़े बढ़ते जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर 2015 में हुए एक सर्वे के अनुसार प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 27.7 प्रतिशत व्यक्ति आत्महत्या कर रहे हैं.

आत्महत्या पर लगाम लगाने के लिए खोले गए 569 नवजीवन केंद्र

जिलेभर में बनाए गए हैं 569 नवजीवन केंद्र
आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन को हैरत में डाल दिया है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन जिले में नवजीवन कार्यक्रम चला रहा है. इसके तहत जिले में 569 नवजीवन केंद्र बनाए गए हैं, जहां लोगों को आत्महत्या से बचने के उपाय और डिप्रेशन से निकालने का सुझाव दिया जाता है. इसकी निगरानी के लिए 20 सदस्यों की मॉनिटरिंग टीम भी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर हैं.

आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला
आत्महत्या के आंकड़ों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 जून 2019 को नवजीवन कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके तहत गांव और शहर में आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला लगाई जा रही है.

इस शिविर में तनाव प्रबंधन की जानकारी, जीवन कौशल प्रशिक्षण, विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श, जीवन सखा-सखी और नवजीवन प्रेरक के जरिए मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है. जिला प्रशासन के इस अभियान से जुड़ने के लिए कलेक्टर लोगों से अपील कर रहे हैं.

नवजीवन गोष्ठी आयोजित
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा नवजीवन गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें मनोचिकित्सक और विशेषज्ञ डॉक्टर सोनिया परियल और डॉक्टर प्रीति सिंह मौजूद थीं. इस आयोजन में सांसद चुन्नीलाल साहू, कलेक्टर सुनील कुमार जैन और स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित अधिकारी कर्मचारी और शहर के आम लोग शामिल हुए.

⦁ शिविर में मनोचिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने डिप्रेशन से बचने के उपाय और जीवन के मूल्य मंत्र को समझाया.
⦁ डॉक्टर परियल के मुताबिक आज यूथ में खुदकुशी के आंकड़ों का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस है, जो समाज और सरकार दोनों के लिए चैलेंज है.
⦁ वहीं सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि, 'मानव जीवन अमूल्य है. इसे कैसे संरक्षित करें, कैसे इसे संवर्धित करें, इसे हमें सीखने की जरूरत है.'

बढ़ रहे आंकड़े
⦁ जिले में आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक 21 से 30 उम्र के बीच के युवक-युवती शामिल हैं.
⦁ साल 2017 में 273 लोगों ने की आत्महत्या
⦁ साल 2018 में 298 लोगों ने की आत्महत्या
⦁ साल 2019 में यह आंकड़ा 1 जनवरी के 31 मई के बीच 121 हो चुका है.

10 जून से प्रदेश में पहली बार चलाए जा रहे नवजीवन पहल में प्रशासन ने अब तक 606 लोगों की काउंसिलिंग की है.

Intro:एंकर - आत्महत्या खुदकुशी जी हां यह जो शब्द हैं जिनके आने के बाद हम यह सोचने लगते हैं कि आखिर कोई ऐसा बात कर सकता है लेकिन आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ में लगातार खुदकुशी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं आज खुदकुशी के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है और छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में पहले स्थान पर है जहां साल दर साल यहां आंकड़ा बढ़ता ही रहता है जहां हर दूसरे दिन कोई एक खुदकुशी कर रहा है यह रिपोर्ट देखिए.....


Body:वीओ 1 - आत्महत्या के मामले में महासमुंद जिला समूचे छत्तीसगढ़ में पहले स्थान पर है जिले में आत्महत्या का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों में जिला प्रशासन को हैरत में डाल दी है जिससे देखते हुए जिला प्रशासन जिले में नवजीवन कार्यक्रम चला रही है इसके तहत पूरे जिले भर में 569 नवजीवन केंद्र बनाए गए हैं जहां लोगों को आत्महत्या से बचने के उपाय डिप्रेशन से निकालने का सुझाव दिया जाता है इसकी निगरानी के लिए 20 सदस्य मानीटरिंग टीम भी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर हैं राष्ट्रीय स्तर पर 2015 में हुए एक सर्वे के अनुसार प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 27 पॉइंट 7 व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या किया जा रहा है जिन आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ देश में चौथे और महासमुंद प्रदेश में पहले स्थान पर है महासमुंद जिले में आत्महत्या के आंकड़ों को देखते हुए लोगों को तनाव मुक्त एवं जागरूक करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा 10 जून 2019 को नवजीवन कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसके तहत गांव और शहर के हर तबके में शिविर आयोजित कर आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला आत्महत्या के संबंध में सकारात्मक समाचार तनाव प्रबंधन की जानकारी जीवन कौशल प्रशिक्षण विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श जीवन सखा सखी और नवजीवन प्रेरक के जरिए मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है जिला प्रशासन के इस अभियान से जुड़ने कलेक्टर लोगों से अपील कर रहे हैं। आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा नव जीवन गोष्टी का आयोजन किया गया जिसमें मनोचिकित्सक एवं विशेषज्ञ डॉक्टर सोनिया परियल और डॉक्टर प्रीति सिंह के साथ-साथ महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू कलेक्टर सुनील कुमार जैन और स्कूल कॉलेज के छात्र एवं छात्राएं सहित अधिकारी कर्मचारी और शहर के आम लोगों शामिल हुए मनोचिकित्सक एवं विशेषज्ञों के साथ वक्ताओं ने लोगों और युवक-युवतियों को डिप्रेशन से बचाने के उपाय और जीवन के मूल्य मंत्र को समझाया डॉक्टर परियल के मुताबिक आज यूथ में खुदकुशी के आंकड़ों का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस है जो समाज और सरकार दोनों के लिए चैलेंज है वहीं सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है इसे कैसे संरक्षित करें कैसे इसे संवर्धित करें यह हमें सीखने की जरूरत है।


Conclusion:वीओ 2 - गौरतलब है कि महासमुंद जिले में आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक 21 से 30 के बीच के युवक-युवती शामिल हैं जिले में हर साल खुदकुशी के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं साल 2017 में 273 2018 में 298 तो इस साल 2019 में यह आंकड़ा 1 जनवरी के 31 मई के बीच 121 हो चुका है 10 जून सेव प्रदेश में पहली बार चलाए जा रहे नवजीवन पहल में प्रशासन ने अब तक 606 लोगों की काउंसलिंग की है बाहर हाल देखना यह है कि नवजीवन के जरिए लोगों को जीवन देने की इस पहल में प्रशासन कहां तक सफल हो पाती है।

बाइट 1 - चुन्नीलाल साहू सांसद महासमुंद लोकसभा पहचान फीका कलर का गुलाबी वाला कुर्ता और चश्मा लगाया हुआ।

बाइट 2 - डॉक्टर सोनिया परियल मनोचिकित्सक एवं विशेषज्ञ रायपुर पहचान माथे पर बिंदी चश्मा लगाएंगे और पी का ग्रीन कलर का साड़ी।

बाइट 3 - सुनील कुमार जैन कलेक्टर महासमुंद पहचान स्काई नीले कलर का शर्ट।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Sep 12, 2019, 6:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.