ETV Bharat / state

महासमुंद : पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा खुदकुशी करने से रोकने वाला ये अभियान

author img

By

Published : Jan 10, 2020, 10:40 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 10:54 PM IST

महासमुंद में खुदकुशी करने की सोच रखने वाले लोगों को खुदकुशी करने से रोकने के लिए चलाए जा रहे नवजीवन अभियान को अब पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा.

नवजीवन अभियान
नवजीवन अभियान

महासमुंद : आत्महत्या के मामले में प्रदेश में सबसे आगे चल रहे महासमुंद में खुदकुशी की रोकथाम और उसके कारणों को जानने के लिए नवजीवन अभियान चलाया जा रहा है. इसे अब पूरे प्रदेश में लागू करने कि तैयारी की जा रहा है. इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मानसिक स्वास्थ्य राज्य कार्यक्रम समन्वयक के साथ 27 जिलों के नोडल अधिकारी सहित 69 सदस्यों की टीम इसका प्रशिक्षण लेने शुक्रवार को महासमुंद पहुंची.

खुदकुशी करने से रोकने वाला नवजीवन अभियान

नवजीवन अभियान के तहत महज 8 माह में आत्महत्या की राह चुनने की सोच रखने वालों की पहचान कर करीब 2 हजार 9 सौ 95 लोगों को आत्महत्या करने से बचाया गया है. अभियान की सफलता को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारियां की जा रही है. इस अभियान के जरिए लोगों को डिप्रेशन में आकर आत्महत्या नहीं करने की सलाह दी जा रही है.

3 साल के आंकड़े

महासमुंद जिले की जनसंख्या 10 लाख 32 हजार 754 है. इसमें 5 लाख 11 हजार 967 पुरुष और 5 हजार 20 हजार 787 महिला हैं. बीते 3 सालों में आत्महत्या के मामलों पर नजर डालें तो 2017 में 273, साल 2018 में 298, साल 2019 में मई तक ये संख्या 121 पहुंच गई है. आत्महत्या के बढ़ते मामले को देखते हुए कलेक्टर सुनील जैन ने आत्महत्या की राह चुनने की सोच रखने वालों की पहचान कर उन्हें सही राह दिखाने के लिए नवजीवन अभियान की शुरुआत की थी.

मानसिक तनाव से दूर रखने की कोशिश
10 जून 2019 को नवजीवन अभियान की शुरुआत की गई थी. डॉक्टरों को मनोवैज्ञानिक द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया. इन प्रशिक्षित डॉक्टरों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया और गांव में नवजीवन मित्र बनाएं. कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में अब तक 550 ग्राम पंचायतों में नवजीवन केंद्र खोले गए हैं, जहां पुस्तक, शतरंज, कैरम से आत्महत्या की सोच रखने वालों को मानसिक तनाव से दूर रखने की कोशिश की जाती है. जिले में नवजीवन, सखी नवजीवन, सखा और नवजीवन प्रेरक मिलकर 3 हजार 500 लोग काम कर रहे हैं. इसके अलावा आत्महत्या रोकने के लिए कॉलेज के छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ा गया है.

नवजीवन केंद्र का किया अवलोकन
इसकी मॉनिटरिंग व्यवस्था चार स्तर पर की गई है ग्राम, संकुल, ब्लॉक और जिला स्तर पर आत्महत्या प्रकरण में आयोजित कराई जाती है. ऑडिट टीम में तहसीलदार, चिकित्सक, आत्महत्या करने वाले घरों में जाकर आत्महत्या के कारणों की जानकारी लेते हैं. इसी कड़ी में डॉक्टर सुमी जैन के अगुवाई में 27 जिलों से आए नोडल अधिकारी, फाइनेंस अधिकारी जिला कार्यक्रम समन्वयक की टीम ने सबसे पहले घोड़ारी नवजीवन केंद्र का अवलोकन किया.

आत्महत्या पर काबू पाने की अच्छी कोशिश
केंद्र के सखा और सखी ने टीम को कार्य करने का तरीका और किए गए कार्यों से अवगत कराया. इसके बाद टीम ग्राम कापा नवजीवन केंद्र पहुंची, जहां नवजीवन केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया गया. इसके बाद टीम ने बिरकोनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य जिला अस्पताल में बने केंद्र का निरीक्षण किया और जिला पंचायत का प्रशिक्षण लिया. राज्य समन्वयक का कहना है कि ये एक अच्छी पहल है. इस अभियान से आत्महत्या पर काबू पाया जा सकता है.

लाभार्थी की राय
नवजीवन अभियान के तहत डिप्रेशन से बाहर आए लाभार्थी का कहना है कि लोगों को डिप्रेशन में आकर आत्महत्या नहीं करनी चाहिए और खुदकुशी करने का विचार आए तो इस अभियान का लाभ उठाना चाहिए. इस पूरे मामले में कलेक्टर का कहना है कि हमारे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. ये एक अच्छी पहल है. गौरतलब है कि नवजीवन अभियान को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से जोड़कर संचालित किया जा रहा है.

Intro:एंकर -- आत्महत्या के मामले में प्रदेश में सबसे आगे चल रहे महासमुंद जिले में आत्महत्या की रोकथाम और उसके कारणों को जानने के लिए जिले में संचालित नवजीवन अभियान आप पूरे प्रदेश में लागू होने जा रहा है नवजीवन अभियान के तहत महज 8 माह में आत्महत्या की राह चुनने की सोच रखने वालों की पहचान कर करीब 2995 लोगों को रोकथाम की गई है जिसे अभियान की सराहना मिल रही है अभियान को पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मानसिक स्वास्थ्य राज्य कार्यक्रम समन्वयक के साथ 27 जिलों के नोडल अधिकारी, फाइनेंस अधिकारी ,जिला कार्यक्रम समन्वयक सहित 69 सदस्य टीम ने आज महासमुंद जिले के नवजीवन का प्रशिक्षण लेने पहुंची जहां इस अभियान की सराहना कर रही है इस अभियान का लाभ उठा चुके लोगों को डिप्रेशन से आत्महत्या नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। देखिए एक रिपोर्ट.....


Body:वीओ--1 महासमुंद जिले की जनसंख्या 10322754 है जिसमें पुरूष 511967 और महिला 520787 हैं विगत 3 वर्षों में आत्महत्या के मामले पर नजर डालें तो 2017 में 273,वर्ष 2018 में 298 वर्ष 2019 में मई तक यह संख्या 121 पहुंच गई इस गंभीर विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए कलेक्टर सुनील जैन ने आत्महत्या की राह चुनने की सोच रखने वालों की पहचान कर उन्हें अवसाद या अन्य तरह की परेशानी से बाहर निकालकर जीने की राह दिखाने के लिए 10 जून 2019 को नवजीवन अभियान की शुरुआत की डॉक्टरों को मनोवैज्ञानिक द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया इन प्रशिक्षित डाक्टरों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया और गांव में नवजीवन मित्र बनाएं कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में अब तक 550 ग्राम पंचायतों में नवजीवन केंद्र खोला गया है जहां पुस्तक, शतरंज, कैरम से आत्महत्या की सोच रखने वाले को मानसिक तनाव से दूर रखने का प्रयास किया जाता है जिले में नवजीवन सखी नवजीवन सखा और नवजीवन प्रेरक मिलकर 3500 लोग काम कर रहे हैं इसके अलावा आत्महत्या रोकने के लिए कॉलेज के छात्र छात्राओं को इससे जोड़ा गया है इसकी मॉनिटरिंग व्यवस्था चार स्तर पर की गई है ग्राम, संकुल ,ब्लॉक और जिला स्तर पर आत्महत्या प्रकरण में आयोजित कराई जाती है ऑडिट टीम में तहसीलदार, चिकित्सक, आत्महत्या करने वाले घरों में जाकर आत्महत्या के कारणों की जानकारी लेते हैं इसी कड़ी में राज्य समय में डॉक्टर सुमी जैन के अगुवाई में 27 जिलों से आए नोडल अधिकारी फाइनेंस अधिकारी जिला कार्यक्रम समन्वयक की टीम ने सबसे पहले घोड़ारी नवजीवन केंद्र का अवलोकन किया केंद्र के सखा व सखी ने टीम को कार्य करने का तरीका व किए गए कार्यो से अवगत कराया उसके बाद टीम ग्राम कापा नवजीवन केंद्र पहुंची जहां नवजीवन केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया गया तत्पश्चात टीम ने बिरकोनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य जिला अस्पताल में बने केंद्र का निरीक्षण किया उसके बाद जिला पंचायत के प्रशिक्षण लिया राज्य समन्वयक का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है इस अभियान से आत्महत्या पर काबू पाया जा सकता है।


Conclusion:वीओ--2 नवजीवन अभियान के तहत डिप्रेशन से बाहर आए लाभार्थी का कहना है कि लोगों को डिप्रेशन से आत्महत्या नहीं करने की बजाय इस अभियान का लाभ उठाना चाहिये इस पूरे मामले में कलेक्टर का कहना है कि हमारे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा यह एक अच्छी पहल है गौरतलब है कि नवजीवन अभियान को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से जोड़कर संचालित किया जा रहा है।

बाइट 1 - नंदकुमार लाभार्थी पहचान हल्का नीला कलर का शर्ट।

बाइट 2 - डॉ सुमित जैन राज्य समन्वयक मानसिक स्वास्थ्य पहचान माथे में बिंदी और क्रीम कलर का स्वेटर पहनी हुई।

बाइट 3 - सुनील कुमार जैन कलेक्टर महासमुंद पहचान चश्मा लगाया हुआ और काले कलर का हाफ जैकेट पहना हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Jan 10, 2020, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.