ETV Bharat / state

जानिए, महासमुंद में गोधन न्याय योजना का क्या है हाल ?

author img

By

Published : Mar 31, 2021, 1:21 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 6:17 PM IST

नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ के गांवों की दशा और दिशा दोनों बदल रही है. इससे जुड़कर परिवार का लगभग हर सदस्य कमाई कर रहा है. पहले काम के लिए भटकने वाले ग्रामीण अब गांव में ही रोजगार मिलने से काफी खुश है. महासमुंद जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि उन्हें स्थायी रोजगार मिल गया है. हालांकि उनका कहना है कि खाद का रेट थोड़ा और बढ़ाने की जरूरत है.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
गोधन न्याय योजना

महासमुंद: गोधन न्याय योजना को लेकर लगातार राज्य सरकार सुर्खियों में है. ऐसा भी माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को अन्य प्रदेश भी लागू करने वाले हैं. इस योजना की जमीनी हकीकत को देखने के लिए ETV भारत की टीम ने कई गौठानों का दौरा किया.

गोधन न्याय योजना से मिला स्थायी रोजगार

महासमुंद जिले में कुल 551 ग्राम पंचायतों में 1125 गांव है. जहां 329 गोठानों में 3500 ग्रामीण महिलाएं स्व सहायता समूह के जरिए जुड़ी है. महिलाओं ने पहले यहां जैविक खाद बनाना सीखा और अब गोबर से जैविक खाद बना रही हैं. जैविक खाद से महिलाएं अच्छी-खासी कमाई कर रही है. गोठानों में महिलाओं के साथ ही किसान और पशुपालक यहां गोबर ला कर बेच रहे हैं. इसके साथ ही बेरोजगार लोग भी गोबर इकट्ठा कर गौठानों में गोबर बेच रहे हैं.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
गोधन न्याय योजना

बेरोजगारों के लिए बना आय का साधन

गौठानों में गोबर बेचने वाले लोगों से चर्चा की तो उन्होंने गोधन न्याय योजना की काफी तारीफ की. उनका कहना है कि पहले सिर्फ गोबर रखा रहता था. उससे किसी तरह की कोई आय नहीं होती थी. लेकिन अब गोबर से रुपये मिलते हैं.

आय भी सफाई भी

कुछ का मानना है कि जो गोबर जगह-जगह इकट्ठा होकर गंदगी फैलाता था. अब वह गोबर बिक रहा है. इसलिए लोग उसे तुरंत उठा ले रहे हैं. जिससे रोड रास्तों की सफाई भी हो रही है. बेरोजगार आदमी को चार पैसे भी मिल रहे हैं.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
गोबर बेचने आए पशुपालक

गोधन न्याय योजना की प्रियंका गांधी ने की तारीफ

महिलाओं को दोहारा फायदा

गोधन न्याय योजना के जरिए गौठानों के माध्यम से गोबर खरीदी कर स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है. उससे आय के साथ वे गौठानों में सब्जी की भी खेती कर रही है. एक तरफ गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर बेच रही है तो वहीं दूसरी ओर सब्जी-भाजी की खेती कर उन्हें बेचकर भी पैसे कमा रही है. जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कंपोस्ट गौठानों में तैयार किया जा रहा है. जिसका उपयोग किसान अपने खेतों में रहे हैं.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
कई क्विंटल जैविक खाद तैयार किया

जैविक खाद बेचकर लाखों की हो रही कमाई

गौठानों की ये महिलाएं अब तक 7 हजार 500 क्विंटल जैविक खाद बना चुकी है. जिसमें से 6 हजार 500 क्विंटल जैविक खाद बेच भी चुकी है. ग्राम पंचायत बमनी का गौठान मॉडल गौठान के रूप में पहचाना जाने लगा है. इस गौठान में दो महिला स्व सहायता समूह जय मां सरस्वती महिला स्व सहायता समूह और माता अमरावती महिला स्व सहायता समूह की 24 महिलाएं गोबर से जैविक खाद बनाने का काम करती है. महिलाएं 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से जैविक खाद सोसाइटी को बेचती है. इस समूह की महिलाएं लगभग ढाई से तीन लाख का मुनाफा कमा चुकी है. माता अमरावती स्व सहायता समूह की महिलाएं 100 क्विंटल जैविक खाद बना चुकी है.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
वर्मी कम्पोस्ट

खाद का रेट बढ़ाने की मांग

गौठानों और समूह के जरिए कमाई कर रही महिलाएं रोजगार मिलने से खुश है हालांकि उनका कहना है कि शासन वर्मी कंपोस्ट का रेट बढ़ा दे तो उनके लिए और ज्यादा अच्छा होगा. महिलाओं ने बताया कि खाद भरने के लिए वे जो बोरी खरीदती है उसकी कीमत 11 रुपये पड़ती है. जिससे उन्हें वैसा लाभ नहीं मिल पा रहा है जैसा मिलना चाहिए.

godhan-nyay-yojana-in-mahasamund
महासमुंद में गोधन न्याय योजना

गोधन न्याय योजना में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त: सारंश मित्तर

गोधन न्याय योजना से आई खुशहाली

जिला पंचायत CEO का कहना है कि राज्य सरकार की नरवा ,गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना काफी महत्वपूर्ण है. इससे ग्रामीणों इलाकों में काफी फायदा मिल रहा है. महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. वहीं किसानों को खेती के लिए जैविक खाद भी मिल रहा है. कुल मिलाकर गोधन न्याय योजना जिले में काफी लाभकारी साबित हो रही है. इस योजना से यहां के लोग काफी खुश है.

Last Updated : Mar 31, 2021, 6:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.