कोरिया: आजादी के 73 सालों बाद भी कोरिया के रामगढ़ गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है. गांव को रोशन करने के लिए लगाया गया सोलर प्लांट भी अब बिगड़ गया है. जिसकी वजह से पूरे गांव में अंधेरा छा गया है. शाम होते ही पूरा गांव सिर्फ ढिबरी, चिमनी के भरोसे जीवन गुजारने को मजबूर हैं.
प्रदेश की भूपेश सरकार घर-घर बिजली पहुंचाने की कवायद कर रही है. लेकिन कोरिया जिला मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर दूर वनांचल में बसे रामगढ़ गांव में आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है. जिसकी वजह से ग्रामीण ढिबरी और लालटेन की रोशनी में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. गांव को रोशन करने के लिए शासन ने क्रेडा विभाग से सोलर प्लांट लागवाया था. लेकिन करीब 6 महीनों से सोलर प्लांट भी बिगड़ा हुआ है. जिसकी ओर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान भी नहीं दे रहे हैं.
सोलर प्लांट हुआ खराब
ग्रामीणों का कहना है कि सोलर प्लांट बिगड़ने के बाद से कोई भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि यहां नहीं पहुंचा हैं. अंधेरे में जीवन यापन कर रहे लोगों की किसी भी जनप्रतिनिधि ने सुध नहीं ली है. ढिबरी की रोशनी में जीवन यापन करना ग्रामीणों के लिए समस्या बन गई है.
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क्रेडा विभाग ने लगाया था सोलर प्लांट
वनांचल में बसे रामगढ़ ग्राम पंचायत में शासन ने क्रेडा विभाग के मद से अलग-अलग सोलर प्लांट लागाए. जिसके जरिए गांव के घर-घर में रोशनी पहुंची. लेकिन देखरेख के अभाव में सोलर प्लांट की हालत खराब हो गई. जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से गांव के ग्रामीण अब शाम होते ही अंधेरे में खो जाते हैं. ग्रामीण अपने काम, शाम होने से पहले खत्म करने की कोशिश करते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि उन्हें शासन-प्रशासन से मदद की सख्त जरूरत है.
ग्रामीणों को बिजली का इंतजार
रामगढ़ की बिजली समस्या को लेकर जब हमने आला अधिकारी को अवगत कराया तो उन्होंने बिजली व्यवस्था जल्द ठीक कराने का आश्वासन देकर मामले में किनारा कर लिया. बहरहाल रामगढ़ में बिजली की समस्या को लेकर आला अधिकारी ने बिजली व्यवस्था जल्द ठीक कराने का आश्वासन तो दिया है, लेकिन कब तक रामगढ़ वासियों को ढिबरी और लालटेन में जीवन बिताना होगा इसका जवाब अबतक नहीं मिल सका है. ऐसे में देखना होगा की इन ग्रामीणों की गुहार कब तक प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में गूंजती है.