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कोरबा की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और उनके परिवार क्यों जानलेवा घरों में रहने को हैं मजबूर ?

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Published : Jul 6, 2021, 5:11 PM IST

कोरबा के कोतवाली ((korba police Kotwali) परिसर में रहने वाले पुलिसकर्मी पिछले कई सालों से जान जोखिम में डालकर जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं. मकानों की हालत ऐसी है कि, कभी भी यह गिर सकता है. बारिश के दिनों में छत से पानी गिरने और घरों में पानी घुसने लगता है. पिछले 10 सालों से लगभग यही स्थिति बनी हुई है.

Korba Police Residence
कोरबा पुलिस क्वॉर्टर्स

कोरबा: समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिसकर्मी कोरबा (korba police) में डर के साये में रहने को मजबूर हैं. बेहद ही कठिन परिस्थितयों में पुलिसकर्मियों और उनके परिवार को (Korba Police Residence) रहना पड़ रहा है. इसकी वजह हैं इनके जर्जर घर. जिले के 60 पुलिसकर्मी कोतवाली परिसर (Kotwali Complex) में जिस आवास में रहते हैं वे काफी जर्जर हो चुके हैं. छत के छज्जे का प्लास्टर टूट कर कभी भी नीचे गिर जाता है. छत से पानी टपकता है. हमेशा सीपेज बना रहता है. कई बार यहां रहने वाले पुलिसकर्मियों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हालांकि अधिकारियों ने मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी देने की बात कही है.

बदहाल जीवन जीने को मजबूर कोरबा के पुलिसकर्मी

कोतवाली थाने सहित पूरे परिसर के हालात एक जैसे

कोरबा के कोतवाली परिसर में 60 पुलिसकर्मियों का परिवार रहता है. कोतवाली परिसर में पुलिस आवास की हालत किसी से छिपी नहीं है. बावजूद इसके पुलिस विभाग शायद किसी हादसे के इंतजार में है. तभी इन परिवारों को नया आवास मिल पाएगा. कोतवाली परिसर में 10 साल पहले पुलिस क्वॉर्टर्स बनाए गए. जिसके बाद 60 परिवार यहां आकर बसे. उसके बाद से इन आवासों को भूले-बिसरे भी कभी मरम्मत नहीं किया गया. कब किस छत के छज्जे का प्लास्टर टूट कर गिर जाए. इसका कोई भरोसा नहीं है. बीच-बीच में पुलिसकर्मी अपने निजी खर्च से अपने-अपने घरों की मरम्मत करवाते रहते हैं. कुछ घर तो ऐसे हैं जिनकी छत से पानी टपकता है. घर के बच्चे बर्तन में छत से टपकते हुए पानी को भरते हैं और उसे बाहर फेंकते हैं.

Policemen living in dilapidated house in Korba
बदहाल है पुलिस आवास

जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं

लगभग 10 से 15 साल पहले शहर के बीचों-बीच फ्लाईओवर का निर्माण किया गया था. इसके बाद से ही कोतवाली परिसर में मौजूद आवासों की स्थिति खराब (condition of the houses in the Kotwali complex is bad) है. निचले स्थान पर होने के कारण पूरे कोतवाली परिसर में बरसात का पानी भर जाता है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. खासतौर पर बरसात के मौसम में परिस्थितियां बेहद मुश्किल भरी हो जाती है.

Policemen living in dilapidated house in Korba
छत के छज्जे टूटे

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निचले स्तर के पुलिसकर्मी हैं ज्यादा परेशान

कोतवाली परिसर के जर्जर आवास में आरक्षक, प्रधान आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मी निवास करते हैं. उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी आलीशान मकानों में रहते हैं. NTPC के आवासीय परिसर में ही विभाग के कई अधिकारियों को मकान अलॉट हैं. कुछ तो ट्रांसफर होकर जिले के बाहर जा चुके हैं. इसके बावजूद वह औद्योगिक उपक्रमों के उच्च स्तर के मकानों में कब्जा जमाए हुए हैं. पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को आलीशान भवन अलॉट हो जाते हैं, लेकिन निचले स्तर के पुलिसकर्मियों के मकान एक दशक से भी अधिक समय से जर्जर हालात में हैं. जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

Policemen living in dilapidated house in Korba
डर के साये में रहने को मजबूर पुलिस परिवार

'बच्चों की पढ़ाई की वजह से यहां रहना मजबूरी'
पुलिसकर्मी परिवार की एक गृहणी कुंती कहती हैं कि पुलिस लाइन शहर से थोड़ा दूर है. जहां आवास बने हैं. जबकि कोतवाली परिसर के पास ही बच्चों के स्कूल संचालित हैं. जिसके कारण यहां रहना उनकी मजबूरी हो गई है. वे कहती हैं कि किसी तरह गुजारा करते हैं. लेकिन डर बना रहता है. कुछ दिन पहले ही बाजू वाले कमरे की छत का प्लास्टर टूट कर गिर गया. अब उस कमरे को बंद कर दिया है. अपने पैसे से मरम्मत भी कराया है.

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तत्कालीन सांसद ने 6 साल पहले लिखा था पत्र

पुलिस आवास गृह (police residence) की जर्जर अवस्था को देखकर तत्कालीन भाजपा सांसद डॉ बंशीलाल महतो (EX BJP MP Dr Banshilal Mahto) ने पुलिस विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखा था. उन्होंने इसके पहले मुख्यमंत्री सचिवालय को भी पत्र लिखकर आवास गृहों के निर्माण करने की मांग की थी. डॉ महतो ने पत्र में ये भी उल्लेख किया था कि मकान काफी पुराने हैं. जर्जर हैं. जिससे कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. इसलिए पर्याप्त संख्या में नए आवासों का निर्माण किया जाना चाहिए.


6 साल पहले पुलिस विभाग से पत्राचार करने वाले सांसद माहतो अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन पुलिस आवास की स्थिति अब भी जस की तस है. पुलिस विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पुलिस आवास के लिए कई प्रस्ताव बने लेकिन मुख्यालय स्तर पर लंबित हैं. कोतवाली थाने में आवासों के साथ ही थाना परिसर के भी कुछ हिस्से जर्जर हैं. सीपेज की मार झेल रहे हैं. पुलिस कर्मियों के साथ ही कोतवाली थाने का काफी काम भी कई बार उपयुक्त भवन नहीं होने की वजह से प्रभावित होता है. बावजूद इसके कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहा है.

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