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लॉकडाउन के पहले दिन पेट्रोल पंप संचालकों की मनमानी, मदद के लिए भटकते रहे जरूरतमंद

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Published : Sep 24, 2020, 12:45 PM IST

कोरबा में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सप्ताहभर का टोटल लॉकडाउन किया गया है. इससे जरूरी सेवाओं के साथ पेट्रोल पंप के लिए अलग नियम जारी किए गए हैं. लेकिन शहर के पेट्रोल पंप के कर्मचारियों के द्वारा मेडिकल इमरजेंसी के लिए अस्पताल जाने वाले लोगों को भी पेट्रोल नहीं देने की जानकारी मिली हैं.

Petrol pump operators in Korba
कोरबा में पेट्रोल पंप संचालकों की मनमानी

कोरबा: लॉकडाउन के पहले दिन पेट्रोल पंप संचालकों की मनमानी चरम पर रही. कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी पेट्रोल पंप से जरूरतमंद लोगों को पेट्रोल जैसे आवश्यक वस्तु से वंचित किया गया. शहर में टीवी नगर के साथ ही कुछ और पेट्रोल पंप में भी इसी तरह की स्थिति बनी रही. आदेश दिखाने के बाद भी पेट्रोल पंप में तैनात कर्मचारी और मैनेजर नहीं माने.

कोरबा में पेट्रोल पंप संचालकों की मनमानी

दरअसल प्रशासन ने लॉकडाउन प्रभावशाली होने के पहले दो आदेश जारी किए थे. पहले आदेश में पेट्रोल पंप संचालकों को सुबह 7:00 से 12:00 बजे तक संचालन की अनुमति थी और निर्धारित समय अवधि के बाद केवल सरकारी वाहन और एंबुलेंस को ही पेट्रोल दिया जाना था. लेकिन इसके कुछ समय बाद एक और संशोधित आदेश जारी किया गया.

कलेक्टर ने जारी किया था आदेश

नए आदेश में कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय अवधि के बाद भी शासकीय कार्य में प्रवृत्त वाहन, मेडिकल इमरजेंसी से संबंधित निजी वाहन/एंबुलेंस और एलपीजी परिवहन कार्य में प्रयुक्त वाहन, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन अंतर राज्य बस स्टैंड से संचालित ऑटो, टैक्सी विधिमान्य ई-पास धारित करने वाले वाहन, एडमिट कार्ड दिखाने पर परीक्षार्थी और उनके अभिभावक, परिचय पत्र दिखाने पर मीडियाकर्मी, प्रेस वाहन, न्यूज़पेपर हॉकर के साथ ही दुग्ध वाहन और छत्तीसगढ़ में नहीं रुकते हुए अन्य राज्य से अन्य राज्य जाने वाले वाहन को ही पेट्रिल प्रदान किया जाएगा.

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इनके अलावा सभी वाहनों को निर्धारित अवधि के बाद पेट्रोल नहीं मिलेगा. लेकिन कलेक्टर के इस आदेश को दरकिनार करते हुए पेट्रोल पंप में तैनात कर्मचारियों को उनके संचालकों ने कह दिया कि किसी को भी पेट्रोल नहीं देना है. इस वजह से पूरे दिन जरूरतमंद लोग परेशान रहे. मेडिकल इमरजेंसी के लिए आवागमन करने वालों को भी पेट्रोल नहीं दिया गया. कलेक्टर का संशोधित आदेश पेट्रोल पंप संचालकों तक या तो पहुंचा नहीं और यदि पहुंचा तो पेट्रोल पंप संचालक और वहां तैनात कर्मचारी इस आदेश को समझ ही नहीं सके.

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शहर के टीपी नगर क्षेत्र में पेट्रोल भरवाने पहुंचे राहुल सिंह ने बताया कि उनके दादा शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं. पैसे कम पड़ गए थे, इसलिए वह घर जाकर पैसे लेकर वापस अस्पताल जा रहे थे. लेकिन पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने उन्हें पेट्रोल देने से मना कर दिया. मेडिकल इमरजेंसी होने के बाद भी उन्हें पेट्रोल नहीं दिया गया.

इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि यदि इस तरह की कोई घटना हुई है तो, उसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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