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कोरबा पुलिस कस्टडी में स्थाई वारंटी आदिवासी युवक की मौत, जांच के बाद स्पष्ट होगी वजह

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Published : Jul 30, 2021, 11:10 PM IST

कोरबा के थाना करतला में स्थाई वारंटी आदिवासी युवक की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

करतला थाना
करतला थाना

कोरबा: पुलिस कस्टडी में एक स्थाई वारंटी आदिवासी युवक की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यह घटना जिले के वनांचल क्षेत्र के थाना करतला की है. जहां 29 जुलाई की रात के 11 बजे स्थाई वारंटी 30 वर्षीय आदिवासी युवक हंसाराम राठिया को गिरफ्तार कर थाने लाया गया था. जिसे शुक्रवार की सुबह न्यायालय में पेश करने की तैयारी थी. इस बीच आरोपी युवक की तबीयत बिगड़ गई. इलाज के लिए उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहां उसने दम तोड़ दिया. इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये है पूरा मामला

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने पुलिस की ओर से आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया है. जिसके अनुसार 29 जुलाई को हंसाराम राठिया पिता सुखसिंघ राठिया 30 साल निवासी ग्राम अलोग थाना सियांग को रात के 11 बजे करताला थाने में लाया गया. आरोपी पर मारपीट और गाली गलौज का आरोप था. जो जमानती धारा के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था. वारंट की तामीली के लिए सुबह जब आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाना था.इससे पहले उसने अपनी तबीयत खराब होने की बात पुलिस को बताई. जिसके बाद करतला के पुलिस स्टाफ वारंटी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में इलाज के लिए ले गए. जहां वारंटी को खून की कमी, लो ब्लड प्रेशर और पीलिया होने की जानकारी चिकित्सक के द्वारा दी गई. इलाज के दौरान हंसाराम राठिया की मृत्यु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में हो गई. शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत की वजह का खुलासा हो पाएगा.

जमानतीय धाराओं के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों?

जिन धाराओं के तहत आरोपी पर मामला दर्ज है और न्यायालय ने उसे स्थाई वारंटी करार दिया. वह मारपीट और गाली गलौज की सामान्य धाराएं हैं, ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि इस तरह के सामान्य धाराओं के लिए पुलिस ने इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई? जिससे कि वारंटी को रात के 11 बजे थाने में गिरफ्तार करके लाया गया इतना ही नहीं उसे रात भर थाने में भी रखा गया.

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पीलिया का मरीज लेकिन नहीं हुआ इलाज

इस मामले में पुलिस ने खुद ही यह बात स्पष्ट की है कि चेकअप के दौरान डॉक्टर ने पीलिया होने की पुष्टि की है. मरीज को जब पीलिया था तो यह बात पुलिस के संज्ञान में कैसे नहीं आई? बीमारी की हालत में वारंटी को थाने में रखना है या इलाज कराना है. इस बात को लेकर थाना प्रभारी ने अपने विवेक से निर्णय क्यों नहीं लिया? इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं. पूरी रात वारंटी थाने में था, इस दौरान क्या हुआ? यह भी जांच का विषय है.

हाल ही में अनिल को बनाया गया करतला प्रभारी

टीआई अनिल पटेल वर्तमान में करतला के प्रभारी हैं. इसके पहले वह बांगो थाने में प्रभारी थे. जिले के पूर्व एसपी अभिषेक मीणा ने अनिल को लाइन अटैच किया था. हाल ही में उन्हें करतला थाना का प्रभार मिला है. ऐसे में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

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