कोरबा: छत्तीसगढ़ का सबसे पहला कोरोना हॉट स्पॉट कटघोरा अब भले ही आंशिक तौर पर कोविड-19 महामारी से मुक्त हो चुका हो, लेकिन यहां से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित एसईसीएल ढेलवाडीह की आवासीय कॉलोनी इन दिनों कोरोना महामारी की भीषण चपेट में है. कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद ढेलवाडीह के आसपास की 3 कोयले की खदानों से डिस्पैच भी प्रभावित होने की आशंका है.
यदि ऐसा होता है तो पावर प्लांट को सप्लाई होने वाले कोयले की खेप में बड़े पैमाने पर कमी आने की संभावना है. हालांकि कोयला खदानें पूरी तरह से बंद रहेंगी या फिर यहां से कोयला उत्खनन जारी रहेगा, इसका अंतिम निर्णय एसईसीएल प्रबंधन पर छोड़ने की बात प्रशासन ने कही है, लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए कोयला उत्खनन पर भी कुछ दिनों के लिए रोक लगाने के बात भी अधिकारी कह रहे हैं.
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ढेलवाडीह में आलम यह है कि महज 10 दिनों में ही यहां 100 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है. अब तक 190 कोरोना संक्रमितों की पहचान हो चुकी है. जबकि 90 एक्टिव मरीज यहां मौजूद हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अभिषेक शर्मा ने इस क्षेत्र को कटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. कॉलोनी के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. लोगों को उनके आवास में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अलावा किसी बाहरी शख्स को भीतर जाने की अनुमति नहीं होगी.
बड़ी संख्या में टेस्टिंग जारी
एसडीएम अभिषेक शर्मा ने बताया की कोरोना के इस फैलाव से आम लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर एसईसीएल प्रबंधन को भी हिदायतें दी गई है. एसईसीएल के बड़े अफसर प्रशासन के सम्पर्क में है. कॉलोनी के अंदर संक्रमण की रोकथाम और नए मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम वहां डटी हुई है. हर दिन बड़ी संख्या में टेस्टिंग जारी है. पीड़ितों को उनके स्वास्थ्य के मुताबिक या तो होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है या फिर उन्हें कोविड-19 केयर सेंटर में शिफ्ट किया जा रहा है. एसडीएम अभिषेक शर्मा ने बताया की तीन अलग-अलग अंडरग्राउंड माइंस प्रभावित क्षेत्र में है. लिहाजा उनका संचालन चालू रहेगा या नहीं इस पर एसईसीएल खुद निर्णय लेगा.