कोरबा : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र समुदाय विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद सिस्टम जाग गया है. 9 फरवरी को हाथ में फ्रैक्चर की शिकायत के बाद ग्राम पंचायत सतरेंगा की 50 वर्षीय महिला सुनी बाई कोरवा की मौत लापरवाहीपूर्वक इलाज के कारण गीता देवी मेमोरियल में हो गई थी. जिसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के रेफरल रैकेट द्वारा निजी अस्पताल पहुंचाया गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया. जिसके बाद पूर्व गृह मंत्री व विधायक ननकीराम अस्पताल में धरना देने पहुंचे, दिनभर गहमागहमी भरा माहौल रहा. चौतरफा दबाव के बाद देर शाम कलेक्टर ने आदेश जारी कर अस्पताल को सील (Geeta Devi Memorial Hospital Seal) कर दिया है. इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों को नोटिस जारी करने के साथ ही अब जिले के सभी निजी अस्पतालों के जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
अस्पताल का लाइसेंस नहीं पाए जाने पर प्रशासन ने की तालाबंदी
कलेक्टर रानू साहू ने गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल में पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के मामले में जांच समिति गठित की है. समिति द्वारा जांच में अस्पताल संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं पाए जाने पर गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को प्रारंभिक तौर पर बंद कर दिया गया है. जांच समिति में शामिल डॉ बीबी बोडे ने बताया कि जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक अस्पताल को बंद रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि मामले की पूरी जांच पड़ताल की जाएगी. साथ ही पहाड़ी कोरवा महिला की मौत की हर पहलुओं पर जांच की जाएगी. जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक अस्पताल को बंद कर दिया गया है. सीएमएचओ डॉ बोडे ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल में शिफ्ट करने की करवाई की जा रही है.
ग्राम सतरेंगा निवासी मृतका के पति पहाड़ी कोरवा सुख सिंह ने कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत भी की है. अपने आवेदन में उनकी पत्नी सुनी बाई की मौत इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के कारण कोरबा शहर स्थित निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में होना बताया गया. कलेक्टर ने सुख सिंह के आवेदन पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले की पूरी जांच के लिए जांच समिति गठित कर दी है. तात्कालिक तौर पर अस्पताल को बंद करने के बाद जांच टीम को 3 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.
दलालों पासवर्ड दर्ज होगा एफआईआर
कलेक्टर ने पहाड़ी कोरवा महिला को गीता देवी अस्पताल में एडमिट कराने वाले स्वप्निल झा, शुभम और उनके साथियों के खिलाफ भी एफआईआर करवाने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल तक मरीजों को लाने के लिए कर रैकेट काम करता है. इनके द्वारा ही निजी अस्पतालों में भोले-भाले मरीजों को भर्ती किया जाता है, ताकि उनसे पैसे ऐंठे थे जा सकें. मौजूदा मामले में पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद प्रशासन सख्त हो गया है. न सिर्फ अस्पताल बल्कि अब दलालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
डीन सहित सरकारी चिकित्सकों को नोटिस
कलेक्टर रानू साहू ने निजी अस्पताल में पहाड़ी कोरवा महिला की मौत पर कड़ा रुख अपनाते हुए मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टरों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने महिला की मौत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए डॉक्टरों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ पदस्थ हैं. इसके बावजूद महिला के रिफर होने का मामला लापरवाही दर्शाता है. साथ ही पहाड़ी कोरवा महिला को निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल में एडमिट कराने वाले स्वप्निल झा, शुभम और उनके अन्य साथियों के खिलाफ भी एफआईआर करवाने के सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं.
अब सभी निजी अस्पतालों की होगी जांच
पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है. जिले के सभी निजी अस्पतालों के लाइसेंसो के जांच करने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर कहा कि जिले में संचालित सभी अस्पतालों के अस्पताल संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस आदि की जांच की जाएगी. साथ ही बिना लाइसेंस और अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. कलेक्टर साहू ने कहा कि जिले में संचालित सभी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए जरूरी संसाधनों और वैध लाइसेंसों की जांच की जाएगी. शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार अस्पताल संचालन नहीं पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.