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बालको की जनसुनवाई में उठा पर्यावरण सुधार और रोजगार का मुद्दा

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Published : Feb 18, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Feb 18, 2021, 4:01 PM IST

कोरबा के बालको में जनसुनवाई हुई. करीब 500 लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. जनसुनवाई में पर्यावरण और स्थानीय लोगों को रोजगार देने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया गया.

Issues of environmental improvement and employment raised in public hearing of balco in korba
बालको की जनसुनवाई में उठा पर्यावरण सुधार और रोजगार का मुद्दा

कोरबा: बालको ने प्रस्तावित क्षमता विस्तार के लिए बुधवार को पर्यावरणीय जनसुनवाई की प्रक्रिया को पूरा किया. बुधवार सुबह 10 बजे शुरू हुई यह प्रक्रिया रात करीब 8 बजे तक चली. बालको के अधिकारियों के साथ ही पुलिस बल और प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद रहा. जनसुनवाई में बालको और आसपास के गांव के 500 लोगों ने बालको के समर्थन और विरोध में अपनी बातें रखीं.

बालको की जनसुनवाई

कोई बड़ा विवाद नहीं

जनसुनवाई में स्थानीय रोजगार का मुद्दा सबसे मुखरता से सामने आया. जिले में बढ़ता प्रदूषण और इसके उचित प्रबंध नहीं किए जाने की शिकायतें भी हुईं. हालांकि ज्यादातर लोग बालको के समर्थन में विचार रखते हुए दिखे. जनसुनवाई के दौरान कोई भी बड़ा विवाद या बवाल नहीं हुआ. छिटपुट विवादों के बीच जनसुनवाई की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया.

Issues of environmental improvement and employment raised in public hearing of balco in korba
जुनसुनवाई के दौरान बहस

बालको का स्थान 34वें से 14 वां हो जाएगा

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में विश्व भर में प्रति व्यक्ति एल्युमिनियम की खपत 11 किलोग्राम है. भारत जैसे देश में वर्तमान में एल्युमिनियम की उपलब्धता सिर्फ ढाई किलोग्राम प्रति व्यक्ति है. अनुमान है कि आने वाले समय में यह 10 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, प्रति वर्ष हो जाएगी. इसकी पूर्ति के लिए देश में 16 मिलियन टन अतिरिक्त एल्युमिनियम की आवश्यकता पड़ेगी. परियोजना विस्तार के बाद बालको ना सिर्फ इस आपूर्ति को पूरा करने का दावा करता है, बल्कि वह विश्व के 1 मिलियन एल्यूमिनियम उत्पादन क्लब में भी शामिल हो जाएगा. विश्व स्तर पर उत्पादन क्षमता के आधार पर बालको का स्थान 34वें से 14 वां हो जाएगा. परिवहन, निर्माण कार्य, पैकेजिंग, रक्षा और बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मांग के अनुसार एल्युमीनियम की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

Issues of environmental improvement and employment raised in public hearing of balco in korba
बालको की जनसुनवाई

स्थानीय बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

जनसुनवाई में पहुंचे ज्यादातर लोग प्रस्तावित परियोजना में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग कर रहे थे. फिर चाहे वह युवा हों, कर्मचारी संगठन से जुड़े लोग या फिर एक्टिविस्ट. सभी स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर बालको संयंत्र में नियोजित करने की बात कर रहे थे.

लगभग 8000 लोगों को रोजगार

बालको प्रबंधन की मानें तो वर्तमान में लगभग 8000 लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार दिया गया है. प्रस्तावित परियोजना के निर्माण कार्य शुरू होते ही 4000 से 5000 और लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा. हालांकि अबतक स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने के मामले में स्थानीय निवासी बेहद असंतुष्ट हैं.

जनसुनवाई में 2264 लिखित आवेदन मिले

बुधवार को मौके पर पहुंचकर 500 लोगों ने विरोध और समर्थन में अपने विचार रखे. इसके अलावा 93 लिखित आवेदन प्रशासन को मिले हैं. इसके पहले भी क्षमता विस्तार के संबंध में पर्यावरण विभाग द्वारा लिखित में सुझाव और शिकायतें बुलाई गई थी. पर्यावरण विभाग को जनसुनवाई के पहले तक 1671 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इस तरह बालको के क्षमता विस्तार के संबंध में अब प्रशासन को 2264 आवेदन मिल चुके हैं. एडीएम प्रियंका महोबिया ने बताया कि इन सभी को भारत सरकार के पर्यावरण विभाग के जलवायु मंत्रालय को भेजा जाएगा.

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सुझाव नहीं माने तो लेंगे न्यायालय की शरण

जनसुनवाई में सभी वर्ग के लोग पहुंचे थे. लॉ कॉलेज के प्राचार्य एचके पासवान ने कहा कि बालको यहां से जितनी कमाई करता है, उसे यहीं इन्वेस्ट करना चाहिए ताकि विकास को गति मिल सके. पर्यावरण एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान का कहना है कि जब किसी बड़े सार्वजनिक उपक्रम का विस्तार होता है तो बड़े प्रोजेक्ट चलाए जाते हैं. इस दौरान पर्यावरण के कई तरह के नियमों का पालन करना होता है. सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय लिया था कि जनता की भी सहभागिता होनी चाहिए. लिहाजा यह जनसुनवाई आयोजित होती है. हमने भी लिखित में अपने सुझाव और शिकायतें आपत्ति के तौर पर दर्ज कराए हैं. यदि विस्तार के पहले उनका निराकरण नहीं किया गया तो हम कोर्ट की शरण लेंगे.

संक्षिप्त जवाब से संतुष्ट पीठासीन अधिकारी ने पूरी की सुनवाई

नियमानुसार पर्यावरणीय जनसुनवाई में लोग बारी-बारी से लिखित या मौखिक तौर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हैं. वह समर्थन, विरोध या सुझाव के तौर पर अपनी बात रखते हैं. संबंधित प्रबंधन रिकॉर्ड मेंटेन करता है. जनसुनवाई के दौरान उठाए मुद्दों पर पीठासीन अधिकारी प्रबंधन से जवाब मांगते हैं. जनसुनवाई के दौरान उठाए गए मुद्दों का पीठासीन के साथ ही पर्यावरण अधिकारी ने प्रबंधन से इसका जवाब मांगा. बालको प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजर मनीष जैन ने संक्षिप्त जवाब दिया. इस जवाब की संतुष्टि के बाद पीठासीन अधिकारी ने जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो जाने की घोषणा की. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी थे जो अपने सवालों पर प्रबंधन की ओर से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं थे.

अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं, 6000 करोड़ का निवेश

बालको को इस विस्तार के लिए किसी भी तरह की अतिरिक्त भूमि की जरूरत नहीं पड़ेगी. लिहाजा नए सिरे से भूमि अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा. बालको प्रबंधन की मानें तो नए स्मेल्टर प्लांट के लिए करीब 98 एकड़ जमीन की जरूरत है. बाल्को प्लांट परिसर में पहले से ही जमीन मौजूद है. यह भी एक कारण रहा कि बालको के विस्तार का विरोध से ज्यादा समर्थन किया गया. बालको प्रबंधन विस्तार के लिए करीब 6000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी.

जनसुनवाई का विरोध करने वाले रहे नदारद

बालको की जनसुनवाई और विस्तार का जिले में पुरजोर विरोध हो रहा था. कुछ दिन पहले ही भाजपा ने एक बड़ी रैली निकाल कर धरना दिया था, लेकिन जनसुनवाई में कोई भी बड़ा भाजपा नेता नहीं दिखा. उल्टे भाजपा के पार्षद लोकेश्वर चौहान ने बालको के इस विस्तार का समर्थन कर दिया. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग हो या फिर यूथ कांग्रेस समेत कई लोग पहले बालको का विरोध कर रहे थे. लेकिन जनसुनवाई के दिन वह विरोध करने पहुंचे ही नहीं. कुछ लोग पहुंचे भी तो जनसुनवाई पूरी होने से पहले ही मैदान से लौट चुके थे. इसे लेकर भी कई तरह की चर्चाएं होती रहीं.

Last Updated : Feb 18, 2021, 4:01 PM IST
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