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बेहरामार के जंगल में हुई 'गणेश' हाथी की मौत, वन विभाग के अधिकारी ने की पुष्टि

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Published : Jun 20, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 6:12 PM IST

death of ganesh elephant
गणेश हाथी की मौत

धरमजयगढ़ वन मंडल के बेहरामार जंगल में मिले मृतक हाथी की पहचान 'गणेश' के तौर पर की गई है. एपीसीसीएफ अरुण पांडे ने इसकी पुष्टि की है.

कोरबा : 18 जून की सुबह धरमजयगढ़ वन मंडल के बेहरामार जंगल में मिले मृत हाथी की पहचान 'गणेश' के तौर पर की गई है. वन विभाग के अफसर हाथी का शव मिलने के 48 घंटे बाद तक इसकी पहचान नहीं कर सके थे. अब एपीसीसीएफ अरुण पांडे ने इसकी पुष्टि की है.

बेहरामार के जंगल में हुई 'गणेश' हाथी की मौत

बताया जा रहा है कि बेहरामार के जंगल में करंट लगने से गणेश की मौत हुई है. हालांकि गणेश की मौत होने के कारण की जांच चल रही है. संभवत: इस पर भी कोई कार्रवाई हो.

18 जून की सुबह बेहरामार के जंगल में गणेश का शव मिला था. इसके गणेश होने की संभावनाओं से 1 अफसर ने इंकार किया और केवल संभावना व्यक्त की. बाद में कोरबा वनमंडल में संधारित रिकॉर्ड के आधार पर मृत हाथी की गणेश के तौर पर पहचान की गई. कोरबा और धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी लेकिन अंत में उच्चाधिकारियों को सामने आकर हाथी की पहचान करनी पड़ी.

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बता दें कि गणेश हाथी कोरबा और धरमजयगढ़ के वनमंडलों में दहशत का पर्याय बन चुका था. जिसने अब तक 18 लोगों को मौत के घाट उतारा है. गणेश की पहचान एक आक्रामक हाथी के तौर पर थी, लेकिन जानकारों की माने तो एक तरह से वह कोरबा और धरमजयगढ़ के वनों की रक्षा भी कर रहा था. गणेश के आक्रामक रवैये के कारण शिकारी हो या फिर आम लोग जंगलों को बर्बाद करने से कतराते थे.

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मई में टूटी थी रेडियो कॉलर आईडी

पिछले दो-तीन साल से गणेश हाथी लगातार लोगों को मार रहा था. जिसके बाद जुलाई 2019 में कुदमुरा में गणेश के गले में वन विभाग ने उसे ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहनाई थी. जिससे गणेश का लोकेशन वन अमले को मिलता रहता था. लेकिन मई 2020 में रेडियो कॉलर आईडी कुदमुरा के जंगलों में टूटी मिली थी. जिसके बाद वन विभाग ने एक बार फिर गणेश को रेडियो कॉलर आईडी के दायरे में लाने कि कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी.

Last Updated :Jun 20, 2020, 6:12 PM IST
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