कोरबा: कोरबा के गांव गिधौरी में बिना चंदा दिए शासकीय राशन दुकान से राशन नहीं मिलने की बात स्थानीय ग्रामीणों ने कही. जानकारी के अनुसार 100 रूपए चंदा जमा करने पर ही ग्रामीणों को राशन दिया जा रहा था. चंदा नहीं देने की स्थिति में ग्रामीणों को पीडीएस दुकान से राशन प्रदान नहीं किया जा रहा था. कलेक्टर तक मामला पहुंचा. फिर कलेक्टर ने जांच टीम बिठाई है. अब ग्रामीणों को रियायती दर पर मिलने वाले सरकारी राशन के लिए किए जा रहे इस अवैध वसूली की जांच की जायेगी.
सरपंच के पति और दुकान संचालक पर आरोप: राशन लेने ग्रामीणों की लंबी कतार लग गई थी. ग्रामीण निचले तबके से भी आते हैं, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं. ऐसे में इनके लिए ₹100 रूपये भी बड़ा महत्व रखता है. ग्रामीणों ने विरोध किया, जानकारी जिला मुख्यालय पर पहुंच गई. जिसके बाद इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें महिला सरपंच के पति और पीडीएस दुकान के संचालक की मिलीभगत है.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश: कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने पूरे मामले की विस्तृत जांच की बात कही है. मामले में दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए एसडीएम कोरबा को निर्देश दिए हैं. कलेक्टर जिला कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने एसडीएम कोरबा से मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है. दोषी पाए जाने पर गरीबों से वसूली करने वालों पर ठोस कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं".