कोरबा की बदहाल सड़क, आंदोलन के बाद भी हालत जस की तस

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Published : Nov 18, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 9:20 PM IST

Bad condition of Korba Darri road

Korba latest news कोरबा शहर में एक ऐसी सड़क है जो अपनी बदहाली पर रो रही है. इस सड़क को बनाने के लिए दो विभागों के बीच खींचतान हो चुकी है. लेकिन सड़क नहीं बनीं. वहीं अब स्थानीय जनता ही सड़क से उड़ रहे धूल के गुबार को कम करने के लिए सुबह शाम पानी का छिड़काव कर रही है.आपको बता दें कि इस सड़क का इस्तेमाल डेढ़ लाख की आबादी करती है.

कोरबा : जिले की खस्ताहाल सड़कें लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं. जिले के पश्चिम क्षेत्र के निवासियों को जिला मुख्यालय तक पहुंचाने वाली मेजर ध्यानचंद चौक से लेकर नगर पालिक निगम के अंतिम छोर गोपालपुर के सड़क का निर्माण चालू तो है. लेकिन लेटलतीफी और लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है. वर्तमान हालत यह है कि पूरी तरह से टूट चुकी सड़क पर भारी वाहन चलने से धूल का गुबार उड़ता है. अब इस धूल से बचने के लिए लोग सुबह शाम बाल्टी में पानी भरकर खुद ही सड़क धो रहे हैं. लोग पानी का छिड़काव इसलिए करते हैं. ताकि सड़क से धूल उड़कर उनके घर और दुकानों में प्रवेश न करे. लेकिन यह भी नाकाफी साबित हो रहा है. (Bad condition of Korba Darri road )

कोरबा की बदहाल सड़क
संवेदना है लगभग समाप्त हो चुकी है : दर्री मुख्य मार्ग में दुकान का संचालन करने वाले अर्जुन सिंघानिया कहते हैं कि "नेता हो या अधिकारी प्रशासन और शासन की संवेदनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं. सड़क लंबे समय से जर्जर है. अब तो यह पूरी तरह से टूट चुकी है. सड़क पर भारी वाहन लगातार आवागमन करते हैं. जिससे धूल का गुबार उठता है. धूल ने हमारा जीना दुश्वार कर रखा है. धूल से बचने के लिए लोग पाइप और बाल्टी लेकर लगातार सड़क पर पानी छिड़कते हैं. ये अब एक तरह से हमारे रूटीन में शामिल हो चुका है. रोज, दिनभर में दो से तीन बार हम खुद ही अपनी दुकानों के सामने पानी का छिड़काव करते हैं. लेकिन फिर भी धूल को रोक पाना मुश्किल हो गया है. व्यवसाय भी चौपट है, धूल के कारण लोग हमारी दुकानों में आना नहीं चाहते. हम आर्थिक, मानसिक सब तरह से परेशान हैं. लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है". (residents makes arrangements to avoid dust)

रोज छिड़कते हैं सैकड़ों लीटर पानी : मुख्य मार्ग के ही निवासी साजिद का कहना है कि "अब तो ये हमारे दिनचर्या में शामिल हो चुका है. सड़क से धूल उड़ कर हमारे घर और दुकानों में ना घुसे, इसलिए हम बाल्टी और मग लेकर सड़क पर पानी छिड़कते हैं. मैं अकेले ही दिन भर में 20 से 30 बाल्टी पानी सड़क पर छिड़क देता हूं. हालांकि यह प्रशासन का काम है कि पानी का छिड़काव नियमित तौर पर जारी रहना चाहिए, लेकिन सालों बीत गए यही हालात हैं. हम सुनते रहते हैं कि सड़क का निर्माण जल्द हो जाएगा, जल्द परेशानी से निजात मिलेगी. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. हम बेहद परेशान हैं".

सड़क के लिए हुआ था 10 का मुर्गा आंदोलन : कोरबा जिले की बदहाल सड़कों को लेकर स्थानीय युवाओं ने "10 का मुर्गा खाओगे ऐसे ही रोड पाओगे नारा दिया था". इस नारे ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. नारा इसी सड़क के लिए दिया गया था. विडंबना ये है कि यह सड़क आज भी अधूरी है. नगर पालिक निगम कोरबा या कोरबा शहर को हसदेव नदी दो भागों में बांटती है. मेजर ध्यानचंद चौक के एक तरफ कोरबा शहर है तो दूसरी तरफ शहर का पश्चिम भाग. यहां से शहर के डेढ़ लाख आबादी मुख्यालय की ओर आने के लिए इसी सड़क का उपयोग करती है. लेकिन यह सड़क इतनी जर्जर अवस्था में है. जिससे लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है.

सड़क की पूरी कहानी : यह सड़क नगर पालिक निगम क्षेत्र के अंतर्गत आती है. जिसकी कुल लंबाई 10 किलोमीटर है. दर्री डेम पर मौजूद मेजर ध्यानचंद चौक से लेकर के दर्री बैराज से होते हुए नगर पालिक निगम के अंतिम छोर गोपालपुर तक, इस सड़क की कुल सीमा है. जो पिछले लगभग 5 साल से बेहद जर्जर अवस्था में है. पहले यहां फोरलेन सड़क का निर्माण होना तय हुआ था. लेकिन अतिक्रमण हटाने और अन्य समस्याओं के कारण इसे टू लेन में परिवर्तित कर दिया गया. पहले तो बैराज के ऊपर के सड़क को लेकर सिंचाई विभाग और नगर निगम के बीच खींचतान चली. सिचाई विभाग ने इसे बनाने से इंकार कर दिया.

क्या था सिंचाई विभाग का तर्क : उनका तर्क था कि हम केवल विभागीय आवागमन के लिए सड़क बनाते हैं. लोगों के आवागमन के लिए मजबूत सड़क बनाने का बजट हमारे पास नहीं है. नगर निगम ने भारी भरकम फंड मौजूद नहीं होना कहकर असमर्थता जता दी. इसके बाद एनटीपीसी ने सीएसआर मद से 26 करोड़ रुपये की राशि देने की बात कही, लेकिन पैसे देने में काफी देर कर दी. सड़क निर्माण लटका रहा जनता हिचकोले खाती रही. यह तय हुआ कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के तहत पीडब्ल्यूडी द्वारा इस सड़क का निर्माण किया जाएगा. पीडब्ल्यूडी ने इसी वर्ष के 23 फरवरी को 37 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य का ठेका मेसर्स अशोक कुमार मित्तल को दिया. जिसके बाद इस सड़क का निर्माण शुरू करने में भी काफी लेट लेते भी हुई सड़क अभी अधूरी है.

मानसून से पहले बननी थी सड़क : वर्तमान में सड़क निर्माण का कार्य चालू है. लेकिन काफी धीमी गति से और लापरवाह तरीके से भी सड़क का निर्माण चल रहा है. जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है. लोग आए दिन सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शिकायत करते रहते हैं. जिले की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू ने ठेकेदार को फटकार लगाते हुए सड़क निर्माण शुरू करने और तय समय सीमा के भीतर पूर्ण करने को कहा था. बावजूद इसके सड़क का निर्माण अब भी बेहद धीमी गति से चल रहा है. पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता एके वर्मा ने कहा कि "सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. इसे पूर्ण करने की समय सीमा मानसून के पहले की थी. लेकिन तय समय सीमा में सड़क का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है. इसे लेकर ठेकेदार से बातचीत भी की जा चुकी है". (Korba latest news )

Last Updated :Nov 18, 2022, 9:20 PM IST
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