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कोरबा में धान बेचने के लिए 37 हजार 364 किसान पंजीकृत

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Published : Nov 25, 2021, 10:34 AM IST

Updated : Nov 25, 2021, 12:04 PM IST

कोरबा में धान बेचने के लिए 37 हजार 364 किसानों ने पंजीयन कराया है. जबकि जिले में कुल किसानों की संख्या 1 लाख 24 हजार है. ज्यादातर लघु और सीमांत किसान स्तर के हैं.

Paddy purchased in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

कोरबा: 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है. इस साल विभाग ने 15 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके लिए 37 लाख बारदाना की जरूरत है. कोरबा में धान बेचने के लिए 37 हजार 364 किसानों ने पंजीयन कराया है. जबकि जिले में कुल किसानों की संख्या 1 लाख 24 हजार है. ज्यादातर किसान लघु और सीमांत स्तर के हैं.

जो धान बेचने के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ अपने जीविकोपार्जन और स्वयं के उपयोग के लिए धान उगाते हैं. जिसकी वजह से पंजीयन का आंकड़ा काफी कम है.

Paddy purchased in Chhattisgarh
धान की फसल

कोरबा में प्रदेश का सबसे ऊंचा मिनीमाता बांगो बांध गांव माचाडोली में हसदेव नदी पर स्थित है. लेकिन जिले का सिंचित रकबा महज 12 फ़ीसदी है. बांगो बांध से सिंचाई के लिए निकली नहर से जांजगीर-चांपा जिले के ज्यादातर खेत की सिंचाई होती है. जिले में धान व अन्य फसलों की खेती डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि में होती है. लेकिन सिंचित रकबा काफी कम है. सभी स्त्रोतों से मिलाकर जिले का सिंचित रकबा महेश 30 हजार हेक्टेयर है, जो कि 12 कुल खेती के रकबे का 12 फीसदी है.

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असिंचित खेतों के मामले में कोरबा जिले का करतला ब्लॉक सर्वाधिक प्रभावित है. नहर के ऊपरी तल पर खेतों के मौजूद होने की वजह से यहां नहरों के माध्यम से सिंचाई नहीं हो पाती. अब से लगभग 3 वर्ष पहले सिंचाई विभाग द्वारा करतला ब्लॉक की 1000 हेक्टेयर की भूमि को सिंचित करने के लिए लिफ्ट इरीगेशन का प्रोजेक्ट मुख्यालय को भेजा गया था। लेकिन यह अब तक लंबित है.

जिले में सहकारिता विभाग के कुल 41 धान उपार्जन केंद्र हैं. जहां 15 लाख क्विंटल के निर्धारित धान खरीदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 37 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी. लेकिन अब तक बारदानों का संग्रहण पूरा नहीं हो सका है. जबकि धान खरीदी के लिए अब सप्ताह भर का समय शेष है. बारदानों की आपूर्ति समय पर पूरी नहीं होने से किसानों को काफी परेशानी होती है.

दुर्गम क्षेत्रों में धान खरीदी मुश्किल

धान खरीदी केंद्र तक पहुंचने के लिए किसानों को कई बार लंबा सफर तय करना पड़ता है. जोकि 10 किलोमीटर से भी अधिक हो जाता है. हालांकि इस बार सरकार ने जिले में 4 नए धान खरीदी केंद्रों को स्वीकृति दे दी है. बावजूद इसके ज्यादातर इलाके पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र होने से किसानों को धान लेकर मंडी तक आने के लिए ट्रैक्टर का इंतजाम करना पड़ता है. यह खर्चीला और तकलीफदेह भी होता है.

धान खरीदी के करीब आने के बावजूद पटवारी की ओर से रकबा सत्यापन का कार्य भी अब तक अधूरा है. किसान कितने क्षेत्रफल में धान लगाते हैं, इसका निर्धारण पटवारी की रिपोर्ट करती है. ऑनलाइन पोर्टल में कई किसानों के खेतों का रकबा कम कर दिया गया है. इस त्रुटि के कारण कई किसानों पर धान नहीं बेच पाने जैसी परिस्थितियां निर्मित हो रही है. हालांकि प्रशासन ने इसके लिए विशेष पहल की है और रकबा सुधारने का काम भी शुरू किया है.

Last Updated : Nov 25, 2021, 12:04 PM IST
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