कोरबा: मिनीमाता बांगो बांध के लबालब होने के बाद शुक्रवार को सुबह 11:45 बजे 3 गेट खोल दिए गए हैं, जहां से साढ़े 14 हजार क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा है, जबकि 9 हजार क्यूसेक पानी बिजली संयंत्र को दिया जा रहा है. इस तरह बांगो बांध से कुल लगभग 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. पिछली बार 2014 में बांगो बांध के गेट खुले थे. अब 6 साल बाद ऐसी परिस्थिति बनी है, जब बांगो बांध के गेट खोलने पड़े हैं. बांध के गेट खुलते ही जिले के निचले इलाकों में बसे 41 गांव अलर्ट पर हैं. प्रशासन ने गांव में मुनादी कराने का काम शुरू करा दिया है, तो पड़ोसी जिले जांजगीर-चांपा सहित रायगढ़ और ओडिशा को भी अलर्ट किया गया है.
वर्तमान में बांगो बांध अपने कुल जलधारण क्षमता का 90 प्रतिशत तक लबालब हो चुका है. बांगो बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश हो रही है. इसके कारण भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. 2020 का पूरा साल बरसात के लिहाज से काफी बढ़िया रहा. सावन के महीने को छोड़ दिया जाए, तो पूरे साल रुक-रुककर बारिश होती रही है, जिसके कारण जून-जुलाई में ही बांगो में अपेक्षाकृत काफी ज्यादा जलभराव हो चुका था. शुक्रवार दोपहर से लेकर देर शाम तक 3 गेट खोले गए थे. लगभग 24 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है.
![24,000 cusecs of water being released due to excess water in Minimata Bango Dam](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-krb-03-bango-avbptc-exl-7208587_07082020183515_0708f_02550_383.jpg)
देर रात तक छोड़ा गया डैम का पानी
बांगो बांध प्रबंधन ने बताया कि जलस्तर कम नहीं हुआ, इसलिए पानी छोड़ा जाना देर रात तक जारी रखा गया. अधिकारियों ने कहा कि नदी का जलस्तर कम होता दिखेगा, तभी बांध के गेट बंद किए जाएंगे. गेट नंबर 6 सबसे पहले खोला गया था, जिसके बाद दोपहर में दो और गेट खोल दिए गए, जिसमें से दो गेट को आधा मीटर खोला गया है, जबकि एक गेट को 4.2 मीटर तक खोल कर रखा गया है. दर्री बराज से भी पानी छोड़ा जा रहा है, क्योंकि पानी हसदेव नदी से होता हुआ दर्री बराज तक पहुंचता है.
![24,000 cusecs of water being released due to excess water in Minimata Bango Dam](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-krb-03-bango-avbptc-exl-7208587_07082020183515_0708f_02550_528.jpg)
दो गेट खोलकर 8,064 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा
बांगो से लेकर दर्री तक की दूरी तय करने में पानी को कुल 8 घंटे का समय लगता है. अब जितना पानी बांगो बांध से छोड़ा जा रहा है, उतना ही पानी दर्जी बराज से भी छोड़ना होगा. इसकी भी तैयारी शुरू कर दी गई है. दर्री बराज के भी दो गेट खोलकर 8 हजार 064 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. दाएं और बाएं तट नहरों से भी पानी लगातार डिस्चार्ज किया जाना शुरू कर दिया गया है.
![24,000 cusecs of water being released due to excess water in Minimata Bango Dam](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-krb-03-bango-avbptc-exl-7208587_07082020183508_0708f_02550_201.jpg)
जिले में अब तक 809.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज
इस वर्ष मानसून के सीजन में कोरबा जिले में 1 जून से लेकर 7 अगस्त तक की स्थिति में कुल 809.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. 7 अगस्त तक कोरबा तहसील में 961.2, करतला में 845.4, कटघोरा में 796.2, पाली में 756.6 और पोड़ी उपरोड़ा तहसील में 689. मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि 7 अगस्त को जिले की औसत वर्षा 33.1 दर्ज की गई है.
छत्तीसगढ़ की पहली बहुद्देशीय परियोजना बांगो बांध
छत्तीसगढ़ राज्य की पहली बहुद्देशीय परियोजना है. जहां से सिंचाई, मछली पालन, विद्युत उत्पादन के साथ ही पर्यटन के क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जाता है, जिसकी स्थापना 1967 में की गई थी. बांगो बांध छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध भी है. मनोरम दृश्य देखने लोगों की भीड़ यहां लगती है. बांगो बांध से जब 87 मीटर की ऊंचाई से पानी नदी में छोड़ा जाता है, तब का दृश्य बेहद मनोरम होता है. इस दौरान पानी दूध जैसा सफेद दिखाई पड़ता है. इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए आसपास के लोगों का बांगो बांध के पास आना शुरू हो गया है.
बांगो बांध के बारे में जानिए
- बांगो बांध की स्थापना 1967 में की गई.
- प्रथम बहु उद्देशीय परियोजना हसदेव नदी पर निर्मित.
- जिले के गांव माचाडोली में स्थापित, अंतिम निर्माण 2011 तक पूर्ण हुआ.
- प्रदेश का सबसे ऊंचा बांध. इसकी ऊंचाई 87 मीटर- 1994.
- जल विद्युत परियोजना संचालित. राज्य की पहली और सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना.
- लाभान्वित जिले कोरबा, जांजगीर और रायगढ़.
- सिंचाई क्षमता 4,20,580 हेक्टेयर (खरीफ फसल- 2,47,400, रबी फसल- 1,73,180).