कांकेर: लाखों रुपए खर्च कर शहर में लगाए गए वाटर एटीएम शो पीस बनकर रह गए हैं. शहर के नए बस स्टैंड, पालिका बाजार और कचहरी में दो साल पहले वाटर एटीएम लगाए गए थे लेकिन अब इससे लोगों को शुद्ध पानी नसीब नहीं हो सका है. इस वाटर एटीएम में सिक्का डालकर पानी लेने की व्यवस्था थी. लेकिन अब ये कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं.
पालिका बाजार में आने वाले सब्जी विक्रेताओं के लिए नगर पालिका को टैंकर से पानी उपलब्ध कराना पड़ा रहा है. सब्जी व्यापारी संतोष पटेल कहते हैं कि इन वाटर एटीएम का फायदा दो महीने मिला उसके बाद ये बंद पड़ा रहता है. यहां आस-पास पीने के पानी का इंतजाम भी नहीं है.
पीने के पानी के लिए भटक रहे लोग
नए बस स्टैंड में लगा वाटर एटीएम भी खराब पड़ा हुआ है. यही हाल तहसील ऑफिस का भी है. वहां हर रोज आने वाले वकील बताते हैं कि एक महीने चलने के बाद पानी देने वाले ये एटीएम कबाड़ में बदलने लगे, जिससे पीने के पानी के लिए भी लोगों को भटकना पड़ता है.
मेंटेनेंस के अभाव में हुए बंद
जिन कंपनियों को वाटर एटीएम के निर्माण का ठेका दिया गया था, उन्हीं कंपनियों के द्वारा वाटर एटीएम की पांच साल तक मेंटेनेंस भी की जानी थी, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में एटीएम बंद पड़ा हुआ है.
कंपनी द्वारा किया जाना है मेंटेनेंस
इस मामले में नगरपालिका के सब इंजीनियर कमलेश साहू ने बताया कि जिन कंपनियों ने वाटर एटीएम लगाए हैं, उन्हीं को मेंटेनेंस भी करना है. कंपनियां बाहर की हैं और लॉक डाउन की वजह से सुधार कार्य नहीं हो सका है. उन्होंने जल्द ही सुधार कार्य का आश्वासन दिया है.
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19 लाख की लागत से बने हैं वाटर एटीएम
ये वाटर एटीएम 19 लाख रुपए की लागत से बनाए गए थे. पालिका के नए सब्जी बाजार में 9 लाख 1 हजार रूपये की लागत से नगर प्रशासन विकास विभाग के निर्देश पर लगाया गया है. इसका निर्माण नागपुर की राइट वाटर सॉल्यूशन कंपनी द्वारा किया गया था. इसी तरह नए बस स्टैंड पर डीएमएफ मद से 10 लाख रूपये की लागत से वाटर एटीएम लगाया गया है. इस वाटर एटीएम का निर्माण रायपुर की एसबी सेल्स कंपनी द्वारा किया गया है. देखते हैं ये वाटर एटीएम कब लोगों की प्यास बुझाना फिर शुरू करते हैं.