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दुर्ग और बालोद के बाद कांकेर पहुंचा बाघ, अलर्ट पर वन विभाग

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Published : Jan 21, 2020, 8:17 PM IST

Tiger reached Kanker district forest department on alert
कांकेर पहुंचा बाघ

कांकेर जिले में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं. जिसके बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ चुकी है. वन विभाग ने ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया है.

कांकेर : वन अमले के लिए आफत बन चुके बाघ की आहट दुर्ग और बालोद जिले के बाद अब कांकेर जिले में पहुंच चुकी है. जिले के चारामा ब्लॉक के मैनखेड़ा और भोथागाव के बीच जंगलो में बाघ के पदचिन्ह मिले हैं. वन विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है . जिसके बाद से अब इलाके में दहशत का माहौल है.

Tiger reached Kanker district forest department on alert
कांकेर पहुंचा बाघ

दुर्ग और बालोद जिले में कई दिनों तक दहशत का पर्याय बने बाघ के जिले की सीमा में घुसने की खबर से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग ने ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर नहीं जाने की चेतवानी जारी की है .बताया जा रहा है, कि मैनखेड़ा और भोथागांव के बीच जंगलो में किसी जानवर के पैरों के निशान देखे जाने के बाद बालोद जिले की डीएफओ खुद मौके पर पहुंचे और इस निशान को बाघ के पैरों का निशान बताया.

Tiger reached Kanker district forest department on alert
अलर्ट पर वन विभाग

दूसरे जिले से आया है बाघ

बता दें कि बालोद की सीमा कांकेर जिले से लगी हुई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वही बाघ है जो काफी दिनों से बालोद जिले के जंगलो में घूम रहा था. बता दें कि कांकेर वन परिक्षेत्र में बाघ नहीं हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बाघ दूसरे क्षेत्र से भटक कर आया है .

Intro:कांकेर - प्रदेश के वन अमले के लिए आफत बन चुके बाघ की आहट दुर्ग और बालोद जिले के बाद अब कांकेर जिले में है, जिले के चारामा ब्लॉक के मैनखेड़ा और भोथागाव के बीच जंगलो में बाघ के पदचिन्ह मिले है, वन विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है । जिससे अब इलाके में दहशत का माहौल है ।Body:दुर्ग और बालोद जिले में कई दिनों तक दहशत का पर्याय बने बाघ के जिले की सीमा में घुसने की खबर से वन विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है, वन विभाग ने ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर नही जाने की चेतवानी जारी की है । बताया जा रहा है कि मैनखेड़ा और भोथागाव के बीच जंगलो में किसी जानवर के पदचिन्ह देखे जाने की खबर लगते ही बालोद जिले की डीएफओ खुद मौके पर पहुची थी और उन्होंने इसे बाघ के पदचिन्ह होने की पुष्टि की है, बता दे कि बालोद की सीमा कांकेर जिले से लगी हुई हैConclusion:ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वही बाघ है जो काफी दिनों से बालोद जिले के जंगलो में भृमण कर रहा था, बता दे कि कांकेर वन परिक्षेत्र में बाघ नही है ऐसे में यह बाघ दूसरे क्षेत्र से भटक कर आया हुआ ही है ।
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