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कांकेर: बांदे कन्या छात्रावास में हादसा, तीन छात्राएं झुलसीं

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Published : Mar 14, 2019, 12:02 AM IST

Updated : Mar 14, 2019, 12:11 AM IST

कांकेर के बांदे में मौजूद कन्या छात्रावास में खाना निकलने के दौरान तीन बच्चियां झुलस गईं. इलाज के लिए तीनों छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

घायल छात्राएं

कांकेर : जिले के बांदे कन्या छात्रावास में तीन बच्चियां झुलस गईं. बच्चियां कुकर खोलकर खाना निकालने की कोशिश कर रही थीं. इसी दौरान सेफ्टी वॉल्व फट गया और गर्म दाल बच्चियों पर गिर गई, जिससे तीनों बच्चियां 25 फीसदी तक झुलस गई हैं. बच्चियों को इलाज के लिए पखांजुर सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

कई बार विवादों में घिर चुके बांदे के कन्या छात्रावास में देर शाम खाना खाने के दौरान तीन बच्चियां सुष्मिता नरेटी, प्रियंका कवासी और आसमा उइके कुकर से दाल निकाल रही थी, तभी सेफ्टी वॉल्व फटने से बच्चियां झुलस गईं. बच्चियों के चेहरे और हाथ झुलसे हैं.

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बच्चियों को झुलसने के बाद प्राथमिक इलाज के बाद पखांजुर के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां बच्चियों की हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं मामले में छात्रावास अधीक्षिका से संपर्क नहीं हो पाया है. हादसे के बाद पुलिस और खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे.
Intro:कांकेर -जिले के बांदे में कन्या छात्रावास की तीन बच्चियां कुकर के भाप में झुलस गई है , बच्चियों को प्राथमिक उपचार के बाद पखांजुर सिविल अस्पताल रेफर किया गया है जहां उनका इलाज जारी है । तीनो बच्चियों की हालत स्थिर बताई जा रही है , लेकिन इस घटना के बाद छात्रावास प्रबंधन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है ।


Body:कई बार विवादों में घिर चुके बांदे के कन्या छात्रावास में देर शाम खाना खाने के दौरान तीन बच्चियां सुष्मिता नरेटी , प्रियंका कवासी और आसमा उइके कुकर से दाल निकाल रही थी तभी तेज भाप की वजह से बच्चियां झुलस गई , बच्चियों के चेहरे , हाथ मे चोट आई है । अब सबसे बड़ा सवाल है उठ रहा है कि आखिर बच्चियों को खाना निकालने आखिर क्यों जाना पड़ा जबकि इस कार्य के लिए छत्रावास में रसोइया के साथ साथ भृत्य की भी नियुक्ति होती है। छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही और मनमर्ज़ी के चलते तीन बच्चियां बड़ी घटना की शिकार हो सकती थी। बच्चियां लगभग 20 प्रतिशत झुलसी है उनकी हालत खतरे से बाहर है लेकिन जिस तरह से यह मामला सामने आया है उससे यह बात जरूर साफ हो गई है कि शिक्षा के अधिकार नियम हो या बच्चियों के देखभाल के लिए जो भी निर्देश दिए गए हो सभी की जिले के अंदुरनी इलाको में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।


Conclusion:इस मामले को लेकर छत्रावास की अधिक्षका से संपर्क नही हो सका है ।
Last Updated :Mar 14, 2019, 12:11 AM IST
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