ETV Bharat / state

SPECIAL: हर साल हजारों बेरोजगार करा रहे पंजीयन, रिक्त सरकारी पदों पर नहीं हो रही भर्तियां न मिल रहा भत्ता

author img

By

Published : Dec 23, 2020, 9:06 PM IST

कांकेर जिले में लगातार बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है. प्रति माह औसतन 300 से 500 बेरोजगार पंजीयन करा रहे हैं. ETV भारत ने बेरोजगार युवक-युवतियों से बातचीत की है. बेरोजगार शासन-प्रशासन से निराश हैं. उनका कहना है कि सरकारी कार्यालयों में पद रिक्त है, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है. साथ ही वादे के अनुसार सरकार रोजगार भत्ता भी नहीं दे रही है.

number-of-unemployed-growing
बेरोजगारों की संख्या बढ़ी

कांकेर: बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. फिलहाल कांकेर जिले में 77 हजार 962 शिक्षित पंजीकृत बेरोजगार हैं. जिसमें 47 हजार 108 पुरुष और 30 हजार 854 महिलाएं हैं. इस सत्र में भी रोजगार कार्यालय में 6 हजार 497 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया है. हर साल 3 से 5 हजार नए बेरोजगार पंजीयन करा रहे हैं.

बेरोजगारों की संख्या बढ़ी

पिछले सत्र में कांकेर जिले में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 75 हजार 827 थी. इसमें 29 हजार 607 महिला और 46 हजार 320 पुरुष शामिल थे. औसतन 300 से 500 बेरोजगार हर माह पंजीयन करा रहे हैं. ETV भारत ने रोजगार की तलाश कर रहे पंजीकृत बेरोजगार युवक-युवतियों से बातचीत की है. बेरोजगार युवक-युवतियां अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं. साथ ही लगातार दूसरे विकल्प की तलाश कर रहे हैं. कई बेरोजगारों ने तो खेती को अपना लिया है. उनका कहना है कि वे काबिल हैं, लेकिन सरकार भर्तियां नहीं कर रही है.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर, 2 करोड़ तक के मिल सकेंगे सरकारी टेंडर

काम हो रहा प्रभावित

बता दें कि कांकेर के शासकीय कार्यालयों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं. जिसके कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है. पद रिक्त होने के बावजूद भर्तियां नहीं होने से शासन और प्रशासन दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में बेरोजगारों में भी निराशा है.

जिला रोजगार कार्यालय में हर साल बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. हर साल पढ़ाई पूरी करने के बाद शासकीय सेवा में जाने की मंशा रखने वाले युवक-युवतियां शिक्षित बेरोजगारों में अपना पंजीयन करा रहे हैं. लेकिन सालों कोशिश के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है. जबकि सरकारी कार्यालय में बड़ी संख्या में पद स्वीकृत हैं.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, अनिश्चित कालीन हड़ताल का दूसरा दिन

नहीं मिल रहा बेरोजगारी भत्ता

ETV भारत ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराए युवकों से बात कि युवक जगदीश साहू बताते हैं, वह 2015 में रोजगार कार्यालय में पंजीयन करा चुके हैं. 2015 से लेकर 2020 अब तक उन्हें बेरोजगारी भत्ता तक नहीं मिला है. इस बीच साल दर साल रोजगार कार्यालय में बस आकंड़े बढ़े हैं. रोजगार किसी को नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में पढ़े-लिखे युवक-युवतियां मजदूरी, खेती किसानी की ओर रुख कर रहे हैं.

वहीं मनीष जैन कहते हैं रोजगार कार्यालय एक पंजीयन सेंटर बनकक रह गया है. उन्होंने 3 साल पहले पंजीयन कराया था. अबतक एक बार भी बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला है. मनीष कहते है नौकरी की कमी नहीं है, सरकार देती ही नहीं है. सरकार का मैनेजमेंट ही नौकरी देने को लेकर खराब है.

पढ़ें: मजदूरों के पलायन पर बीजेपी ने बघेल सरकार को घेरा

कांकेर में इतनी नौकरियां

  • मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 608 पद स्वीकृत है, जिसमें से 430 कार्यरत हैं जबकि 205 पद रिक्त है.
  • शिक्षक के 2383 पद स्वीकृत है जिसमें से 1606 कार्यरत हैं जबकि 777 पद रिक्त पड़े है.
  • जिले में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 38 पद स्वीकृत है, जिसमे से 16 कार्यरत हैं जबकि 22 पद रिक्त पड़े हैं.
  • सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के 105 पद स्वीकृत है, जिसमें से 71 कार्यरत हैं, जबकि 34 पद रिक्त पड़े हैं.
  • चतुर्थ श्रेणी परिचारक के 75 पद स्वीकृत है, जिसमें से 8 पद रिक्त है.
  • सांख्यिकी अधिकारी का स्वीकृत एकमात्र पद रिक्त है.
  • लिपिक के 11 पद स्वीकृत है, जिसमें से 2 रिक्त है.
  • जिले में 15 चिकित्सालय, 44 औषधालय और 1 चलित इकाई है, पद रिक्त होने से काम प्रभावित हो रहे हैं.
  • इसके अलावा व्यायाता, प्राचार्य के साथ अन्य कार्यालयीन कर्मचारी के पद भी रिक्त पड़े हैं.

स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा पद है खाली

स्वास्थ्य विभाग में नर्स स्टाफ के 30 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं. जिले में स्टाफ नर्स के 250 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से 153 पद ही भरे हुए हैं, जबकि 97 पद रिक्त पड़े हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ नर्स के पद रिक्त होने से चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. डाक्टरों के 87 पद स्वीकृत है, जिसमें 73 कार्यरत हैं. जबकि 14 पद रिक्त हैं. विशेषज्ञ डाक्टरों के स्वीकृत 62 पद में 11 कार्यरत हैं, जबकि 51 पद रिक्त है. स्वास्थ्य विभाग में सहायक ग्रेड 3 के 53 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से आधे से भी कम 24 कार्यरत हैं, जबकि 29 पद रिक्त पड़े हैं. लोक निर्माण विभाग कार्यालय में भृत्य के 10 पद स्वीकृत हैं, जिसमे से 5 पद रिक्त पड़े हैं.

पढ़ें: SPECIAL: आत्मनिर्भर बन रहे नक्सलगढ़ के ग्रामीण, छिंद रस के गुड़ से दंतेवाड़ा को दिला रहे पहचान

राज्य सरकार के अपने बड़े-बड़े दावे और बड़े-बड़े वादे हैं. लेकिन धरातल पर इनका असर कम नजर आ रहा है. अब देखना होगा कि जिले के इन हजारों बेरोजगारों को प्रदेश में कबतक नौकरी मिल पाती है. साथ ही कब तक इस सरकारी पदों पर भर्ती पूरी की जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.