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naxal police encounter in kanker : पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कैंप ध्वस्त

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Published : Aug 6, 2022, 2:09 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 2:23 PM IST

कांकेर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है.जिसमें पुलिस के आगे नक्सली बेबस नजर आए और कैंप छोड़कर भाग (naxal police encounter in kanker) गए.

naxal police encounter in kanker
पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कैंप ध्वस्त

कांकेर : पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई (naxal police encounter in kanker) थी. जिसमें जवानों ने नक्सली कैम्प को तहस-नहस कर दिया है. देर रात डीआरजी के जवान लौट आए हैं. वही पुलिस ने क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी है. कांकेर पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि '' आमाबेड़ा क्षेत्र के कामकाकूडूम (Naxal goods recovered in Amabeda in Kanker) के जंगल क्षेत्र में नक्सलियों की लगातार मौजूदगी की खबर मिल रही थी. जवानों की एक टुकड़ी एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी. जंगल में मौजूद नक्सलियों ने जवानों के ऊपर हमला कर दिया. जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब (kanker naxal attack) दिया. जिससे वो भाग निकले.''

पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कैंप ध्वस्त

अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे नक्सली : कांकेर एसपी (Kanker SP Shalabh Sinha ) ने बताया कि '' 3 से 4 घंटे हैवी फायरिंग हुई (kanker police naxal news) है. नक्सलियों के पास आत्यधुनिक हथियार थे. लेकिन डीआरजी के जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग निकले. जवानों ने नक्सलियों के एक कैम्प को ध्वस्त किया है. जहां दैनिक उपयोग के सामानों के साथ खाने पीने के सामान , टेंट बरामद किए गए हैं. नक्सलियों के पकड़े को वही जवानों ने जला दिया. वहीं नक्सलियों के पास यूबीजीएल और आईडीडी बम भी थे. इलाके में सर्च के दौरान एक आईईडी बम बरामद भी किया गया. जिसे वहीं नष्ट कर दिया गया. एसपी ने बताया कि संभवत कुएमारी एरिया कमेटी के बड़े नक्सली लीडर वहां मौजूद थे. इलाके में सर्च अभियान जारी है.''

ये भी पढ़ें- कांकेर में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, नक्सली कैम्प ध्वस्त

naxal police encounter in kanker
पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कैंप ध्वस्त

मॉनसून में पुलिस का ऑपरेशन : गौरतलब है कि मानसून की दस्तक के साथ ही बस्तर में नक्सलियों का मूवमेंट (Naxalite movement in Bastar) शुरू हो जाता है. नक्सली मानसून के दौरान पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं. नक्सली अपने ठिकाने बदलने के साथ ही पोस्ट को नुकसान पहुंचाने के कई तरह के पैंतरे अपनाते हैं. बरसात के मौसम में जब नदी नाले उफान पर होते हैं तब नक्सली जवानों पर हमला कर घने जंगलों में गुम हो जाते हैं. मानसून के दौरान आज से 5 साल पहले 4 को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन पिछले दो-तीन सालों से बारिश के मौसम में भी पोरसा क्रमांक हुई है. नक्सलियों को मानसून में ऑपरेशन के दौरान मार गिराने में सफलता हासिल हुई है.

Last Updated : Aug 6, 2022, 2:23 PM IST
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