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कांकेर शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

कांकेर की बदहाल यातायात व्यवस्था और बाइपास सड़क निर्माण को लेकर एक जनहित याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में (Chhattisgarh High Court )दाखिल किया गया है. सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मिश्रा (Chief Justice Prakash Mishra ) और न्यायमूर्ति पीसी साहू की डिविजन बेंच ने मंगलवार को की है. रिट याचिका में उल्लेखित जन समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य शासन छत्तीसगढ़ के संबंधित विभागों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. (Bad traffic system of Kanker city)

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हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
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Published : Jun 17, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 11:04 PM IST

कांकेर: सड़क की खराब स्थिति और अधूरे बायपास निर्माण की लेटलतीफी का मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में गूंजा है. (Bypass road construction incomplete ) कांकेर शहर के अधिवक्ता नितेश पंत ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में कांकेर शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कोर्ट को बताया है कि यहां भारी वाहनों के कारण ट्रैफिक की समस्या हो रही है. एक बड़ी आबादी परेशानी झेल रही है. (poor traffic system)

हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मिश्रा और न्यायमूर्ति पीसी साहू की डिविजन बेंच ने मंगलवार को की है. रिट याचिका में उल्लेखित जन समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India ) और राज्य शासन छत्तीसगढ़ के संबंधित विभागों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

शहर में यातायात की अव्यवस्था

अधिवक्ता नितेश पंत ने बताया कि कांकेर शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था का मुख्य कारण नए बायपास रोड का पिछले एक दशक से निर्माण पूर्ण नहीं होना है. जिससे भारी वाहनों को शहर से गुजरना पड़ रहा है. इससे शहर में भारी ट्रैफिक समस्या बढ़ती जा रही है. याचिका में उल्लेख किया गया है कि इससे आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही है. वायु और ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इसके अलावा बरसात में पानी भर जाना भी शहर की एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसका खामियाजा सड़क किनारे बसे लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा गया पत्र

अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व में सड़क किनारे बसे कई निवासियों और व्यापारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र भेजकर समस्या के बारे में बताया था. जिसके जवाब में प्रशासन, एसडीओ राष्ट्रीय राजमार्ग और पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट कांकेर ने एक जवाब दिया था. इसमें कहा गया था कि फिलहाल बाइपास सड़क निर्माणाधीन है. दो बड़े पुलिया निर्माण होना बाकी है.

कांकेर: भीषण सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत

नेशनल हाईवे के कामकाज पर उठे सवाल

अधिवक्ता नितेश पंत ने कहा कि एक तरफ देश में नेशनल हाईवे 1 दिन में कई किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का रिकॉर्ड बना रहा है. लेकिन कांकेर शहर में यह दावा पिछले आठ-दस सालों में गलत साबित हो रहा है. शासन-प्रशासन स्थानीय स्तर पर नए-नए प्रस्ताव का प्लान बनाते हैं. लेकिन ये सब राजनीतिक समीकरणों से उलझ कर धरे के धरे रह जाते हैं.

कांकेर में सड़क हादसे

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. इनमें कई लोगों की मौत भी हो रही है. कांकेर जिले के साल 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांकेर में साल 2020 में सड़क दुर्घटना के 320 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. (road accident in kanker )साल 2019 में कुल 351 सड़क दुघर्टनाओं में 173 लोगों की मौत हुई थी और 400 लोग घायल भी हुए थे. वहीं पुलिस कार्रवाई की बात करें तो यातायात विभाग ने 2020 में सीएफ चालान काटते हुए कुल 5001 प्रकरणों में 12 लाख 5 हजार 600 रुपए वसूले हैं. वहीं न्यायालय में 40 प्रकरण पेश किए गए हैं, जिसमें 86 हजार 300 रुपए की चालानी कार्रवाई की गई है. इस तरह पूरे साल में 5041 प्रकरणों में 12 लाख 91 हजार 900 रूपए समन शुल्क के रूप में वसूला गया है.

कांकेर में सड़क की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीण

कांकेर: सड़क की खराब स्थिति और अधूरे बायपास निर्माण की लेटलतीफी का मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में गूंजा है. (Bypass road construction incomplete ) कांकेर शहर के अधिवक्ता नितेश पंत ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में कांकेर शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कोर्ट को बताया है कि यहां भारी वाहनों के कारण ट्रैफिक की समस्या हो रही है. एक बड़ी आबादी परेशानी झेल रही है. (poor traffic system)

हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मिश्रा और न्यायमूर्ति पीसी साहू की डिविजन बेंच ने मंगलवार को की है. रिट याचिका में उल्लेखित जन समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India ) और राज्य शासन छत्तीसगढ़ के संबंधित विभागों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

शहर में यातायात की अव्यवस्था

अधिवक्ता नितेश पंत ने बताया कि कांकेर शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था का मुख्य कारण नए बायपास रोड का पिछले एक दशक से निर्माण पूर्ण नहीं होना है. जिससे भारी वाहनों को शहर से गुजरना पड़ रहा है. इससे शहर में भारी ट्रैफिक समस्या बढ़ती जा रही है. याचिका में उल्लेख किया गया है कि इससे आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही है. वायु और ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इसके अलावा बरसात में पानी भर जाना भी शहर की एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसका खामियाजा सड़क किनारे बसे लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा गया पत्र

अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व में सड़क किनारे बसे कई निवासियों और व्यापारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र भेजकर समस्या के बारे में बताया था. जिसके जवाब में प्रशासन, एसडीओ राष्ट्रीय राजमार्ग और पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट कांकेर ने एक जवाब दिया था. इसमें कहा गया था कि फिलहाल बाइपास सड़क निर्माणाधीन है. दो बड़े पुलिया निर्माण होना बाकी है.

कांकेर: भीषण सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत

नेशनल हाईवे के कामकाज पर उठे सवाल

अधिवक्ता नितेश पंत ने कहा कि एक तरफ देश में नेशनल हाईवे 1 दिन में कई किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का रिकॉर्ड बना रहा है. लेकिन कांकेर शहर में यह दावा पिछले आठ-दस सालों में गलत साबित हो रहा है. शासन-प्रशासन स्थानीय स्तर पर नए-नए प्रस्ताव का प्लान बनाते हैं. लेकिन ये सब राजनीतिक समीकरणों से उलझ कर धरे के धरे रह जाते हैं.

कांकेर में सड़क हादसे

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. इनमें कई लोगों की मौत भी हो रही है. कांकेर जिले के साल 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांकेर में साल 2020 में सड़क दुर्घटना के 320 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. (road accident in kanker )साल 2019 में कुल 351 सड़क दुघर्टनाओं में 173 लोगों की मौत हुई थी और 400 लोग घायल भी हुए थे. वहीं पुलिस कार्रवाई की बात करें तो यातायात विभाग ने 2020 में सीएफ चालान काटते हुए कुल 5001 प्रकरणों में 12 लाख 5 हजार 600 रुपए वसूले हैं. वहीं न्यायालय में 40 प्रकरण पेश किए गए हैं, जिसमें 86 हजार 300 रुपए की चालानी कार्रवाई की गई है. इस तरह पूरे साल में 5041 प्रकरणों में 12 लाख 91 हजार 900 रूपए समन शुल्क के रूप में वसूला गया है.

कांकेर में सड़क की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीण

Last Updated : Jun 17, 2021, 11:04 PM IST
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