SPECIAL: बारूद की गंध के बीच बंजर जमीन पर महक रहा है गेंदा, फल-फूल रहे किसान

author img

By

Published : Dec 3, 2020, 9:32 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 10:30 AM IST

farmers earning from floriculture

जहां की आबोहवा में बारूद की गंध आती थी, वहां बिखर रही है फूलों की खुशबू. गढ़पिछाड़ी के अश्वनी पटेल और मिलन पटेल दोनों ने गेंदे के कलकतीया किस्म के पौधे मिलने के बाद फूलों की खेती शुरू की और आज कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

कांकेर: नक्सल प्रभावित कांकेर जिले से गढ़पिछाड़ी समेत दर्जनों गांवों में खिले गेंदे के फूल यहां की तस्वीर बदल रहे हैं. यहां न सिर्फ किसान फूलों की खेती से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं बल्कि बंजर जमीन का भी भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं.

बंजर जमीन पर महक रहा है गेंदा

कांकेर के गढ़पिछाड़ी, घोटिया, आतुर गांव, कुलगांव, नवागांव, गोवर्धन समेत आसपास के दर्जनों गांव के किसानों को शासन की योजना के तहत जिले के उद्यानिकी विभाग से पौधे मिले. जिसके बाद किसानों ने अपने खेतों के पास की जमीन को इस्तेमाल किया और गेंदे के फूल की खेती शुरू कर दी. गढ़पिछाड़ी के अश्वनी पटेल और मिलन पटेल दोनों ने गेंदे के कलकतीया किस्म के पौधे मिलने के बाद फूलों की खेती शुरू की और आज कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

साल भर की जा सकती है फूलों की खेती

  • फूलों की डिमांड हर मौसम में रहती है लिहाजा साल भर खेती की जा सकती है.
  • दिवाली के वक्त करीब 110 से 130 किलोग्राम फूल तोड़े गए. इसे 50 से 60 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया. यही माला बनने पर 40 से 50 रुपए नग बेचा गया. इससे किसानों को 1 हजार रुपए की शुद्ध आमदनी हुई है.
  • किसानों का कहना है कि बाजार में बेचने के अलावा शादियों और अन्य कार्यक्रमों में भी फूल की अच्छी डिमांड है. जिससे वे 2 हजार और आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.
  • इस तरह 10 डिसमिल में गेंदे खेती से 12 हजार रूपये की आय हो रही है. धान की खेती से प्रति डिसमिल लगभग 250 रूपये, सब्जी की खेती से 600 रूपये जबकि गेंदा फूल उत्पादन से प्रति डेसिमल 1200 रूपये प्राप्त हो रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना काल में वीरान हुई फूलों की बगिया, किसानों को हुआ लाखों का नुकसान

गेंदे की खेती से किसानों को मिल रहा फायदा

सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग के अनुसार ग्राम गढपिछवाड़ी में श्याम पटेल, मिलन पटेल, रतिराम पटेल, सेवती बाई, राजूराम पटेल, सेत कुमार जैन, अहिल्या मरकाम, रामकुमार नागवंशी और भारत रवतिया समेत कई किसान गेंदे की खेती से फायदा उठा रहे हैं.

Last Updated :Dec 5, 2020, 10:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.