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आंधी में उड़ी स्कूल की छत, एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर छात्र

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Published : Nov 15, 2019, 8:44 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 11:22 AM IST

आंधी से उड़ी स्कूल की छत

स्कूल की बदहाली की वजह से बच्चों का भविष्य खतरे में है, पंखाजूर के कई स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि वहां पढ़ने के लिए बच्चों के सर पर छत भी नहीं है.

कांकेर: सरकारी दावे धरातल पर आकर दम तोड़ रहे हैं और राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा. ग्रामीणों क्षेत्रों के स्कूलों के हालात बदतर नजर आते हैं. इस साल अप्रैल-मई में आए तूफान में बड़े झाड़कट्टा के प्राथमिकशाला के स्कूल की छत उड़ गई थी, तब से यहां पढ़ने वाले नौनिहालों को छत नसीब नहीं हुई. महीनों बीत गए लेकिन जिम्मेदारों ने इस स्कूल की हालत सुधारने की जहमत नहीं उठाई.

आंधी से उड़ी स्कूल की छत

पंखाजूर के अंदरुनी इलाकों के कई स्कूलों में अव्यवस्थाएं साफ देखी जा सकती है. जिसकी सुध अब तक किसी अधिकारी ने नहीं ली है. ऐसी बदहाली में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. बहीरेंगावहीं के हाईस्कूल में सैकड़ों छात्रों के लिए एक ही शिक्षक पदस्थ हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों का कोर्स अब तक पूरा नहीं हो सका है.

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स्कूल की इस हालत के बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वे इस मामले में सफाई देते और विभाग का बचाव करते ही नजर आए. उन्होंने बताया की एकल शिक्षा के तहत कुछ शिक्षकों की भर्ती की गई है.और तूफान में क्षतिग्रस्त हुए स्कूल भवनों की रिपेयरिंग के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से लिस्ट मंगवाई गई है.

Intro:ऐंकर - केंद्र एवं राज्य सरकार चाहे लाख दावे करे शिक्षा व्यवस्था को सुधारने मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर बयान कर रही हैं।दरअसल हम बात कर रहे हैं कोयलीबेड़ा के अंदरूनी क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की,बड़े झाड़ कट्टा के प्रथमिक शाला भवन के टीने की छत लोकसभा चुनाव के दिन हुए तेज तूफान से उड़ गया था।जो कि आज कई महीनों बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने आजतक मरम्मत नहीं किया।मजबूरन नन्हे बच्चो को एक ही कमरे में बैठ कर पढ़ाई करना पड़ रहा है स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि कई बार लिखित शिकायत करने पर भी आज तक कोई सुध लेने नहीं पहुचे।Body:ऐसे ही हाल है अंदरूनी क्षेत्र के लगभग स्कूलों की बही रेंगावहीँ के हाई स्कूल(पोटाकेबिन)में एक ही शिक्षक पदस्त हैं और छात्रों सैकड़ों हैं स्कूल के छात्र छात्राओं ने बताया कि एक ही शिक्षक होने की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं हो पाता है और बोर्ड परीक्षा कुछ ही दिन में होने वाली है ऐसे में बेहतर शिक्षा कैसे बच्चों को मिलेगी।

शिक्षा विभाग की ऐसे दूर व्यवस्था से बच्चों की भविष्य कैसे सुधार सकेगी कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो कही स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की अभाव तो कही स्कूल की छत टूटा हुआ।शासन सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रचार प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं मगर स्कूल भवन,सुद्ध पेय जल,शौचालय एवं स्कूल तक पहुंचने की मार्ग को नही बना सकते हैं।Conclusion:इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए बताया की एकल शिक्षा के तहत कुछ शिक्षकों की भर्ती कराया गया है एवं तूफान से क्षतिग्रस्त हुए स्कूल भवनों को रिपेयरिंग के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से लिस्ट मंगवाया गया है बोहत जल्द रिपेयरिंग कार्य सुरु किया जाएगा।


बाइट - एस.के.भारद्वाज जिला शिक्षा अधिकारी

बाइट - प्रिंसिपल हाई स्कूल रेंगावहीँ

बाइट - छात्र हाई स्कूल रेंगावहीँ

बाइट - हेडमास्टर बड़े झाड़ कट्टा

रिपोर्टर - देबाशीष बिस्वास पखांजूर 7587849010,6266609661
Last Updated :Nov 15, 2019, 11:22 AM IST
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