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कवर्धा: रात के अंधेरे में नान घोटाला! 2012 से चल रही है हेराफेरी

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Published : Jan 27, 2020, 11:10 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 11:52 PM IST

कवर्धा में एक बार फिर नान घोटाले का मामला सामने आया है. बोड़ला वेयर हाउस के अधिकारियों के अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर अब तक करोड़ों के चावल को हेराफेरी करने की आशंका जताई जा रही है.

nan ghotala kawardha
नान घोटाला कवर्धा

कवर्धा: नागरिक आपूर्ति निगम (नान) एक समय पर अपने कारनामों के चलते पूरे प्रदेश में सुर्खियों में था, जिसकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. कवर्धा में एक बार फिर नान घोटाला हुआ है. बोड़ला वेयर हाउस के अधिकारियों के अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर अब तक करोड़ों के चावल की हेराफेरी करने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल बोड़ला SDM और रायपुर की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. इसके बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है.

कवर्धा में नान घोटाला

कवर्धा के बोड़ला स्थित वेयरहाउस से शासकीय राशन दुकानों में अनाज पहुंचाने के लिए उन अनाजों को ट्रकों में लोड किया जाता है. ये अनाज से भरे ट्रकें अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले बीच में कहीं पर रोके जाते हैं और वहां चावल के कई बोरे उतारकर दूसरी गाड़ियों में रखा जाता है. मुखबिर की सूचना पर SDM ने कार्रवाई की. रविवार की रात बोड़ला वेयरहाउस से अनाज से भरे ट्रक वेयर हाउस के पास एक पेट्रोल पंप पर खड़े थे. जहां ट्रकों में भरे खाद्यान्न की हेराफेरी की जा रही थी. वहां पहुंचकर ये पाया गया कि वेयरहाउस से निकली चावल को शासकीय राशन दुकानों में खाली करने के बजाय पेट्रोल पंप के पीछे ही कुछ लोग चावल के बोरे उतार कर दूसरे वाहनों पर रख रहे थे. मौके पर एसडीएम को देखते ही कुछ लोग वहां से भाग निकले और कुछ लोग वहां रुक गए. जिनसे पूछताछ करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

60 क्विंटल खाद्यान्न कम पाया गया

खाद्य सामाग्री से भरी गाड़ियों को फिर से वेयरहाउस ले जाकर तौलने पर 60 क्विंटल खाद्यान्न कम पाया गया, जबकि वेयरहाउस से निकलने के बाद इन ट्रकों ने किसी भी सोसाइटी के दुकानों में खाद्यान्न नहीं बांटी थी. संदिग्ध गतिविधियों के चलते एसडीएम ने तात्कालिक रूप से वेयर हाउस को सील कर दिया और इनके उच्च कार्यालय को जांच के लिए निर्देशित किया गया. साथ ही जांच के लिए राजधानी रायपुर से अधिकारी भेजे गए जो बोडला वेयर हाउस पहुंचकर वेयरहाउस के सभी दस्तावेजों, निकासी की पर्ची और यहां के रखरखाव जैसे सभी विषयों पर जांच करने में जुटे हुए हैं, हालांकि जांच अधिकारी ने अभी जांच के बिंदु स्पष्ट नहीं किए हैं.

रात में खाद्यान्न निकासी के नहीं है कोई नियम

यहां पर वेयर हाउस में न तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और न ही खाद्यान्न सामग्री की निकासी पर संबंधित अधिकारियों, ड्राइवर या ट्रक मालिकों के कहीं कोई हस्ताक्षर नहीं है, जबकि नान में रात में खाद्यान्न निकासी के कोई नियम नहीं है. इसके बावजूद यहां पर रात में ट्रकों पर खाद्यान्न लोडिंग करके खाद्यान्न का परिवहन किया जा रहा था, जो संदेह के घेरे में है. फिलहाल अभी तक वेयर हाउस में पदस्थ सभी अधिकारी और कर्मचारी खुद को इन सब से अंजान और साफ बता रहे हैं.

जांच के बाद होंगे कई खुलासे

SDM के मुताबिक यहां के अधिकारियों और ट्रांस्पोर्टर की मिलीभगत से यह खेल सालों से चल रहा है, जिससे शासन को करोड़ों के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है जबकि नान के जिला अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इतने दिनों तक कोई जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं. वहीं वेयर हाउस के इस मामले में छापामारी कार्रवाई करने वाले एसडीएम की मानें, तो इस मामले के सूक्ष्म जांच करने की जरूरत है. यहां खाद्यान्न घोटाला 2012 से चल रहा है, जो करोड़ों में जा सकता है जो एक गंभीर मामला है. फिलहाल जांच के बाद कई तथ्यों के खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.

Intro:एंकर-नान विभाग एक समय पर अपने कारनामों के चलते पूरे प्रदेश में सुर्खियों में था जिनकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई है और कवर्धा जिले में एक बार फिर नान घोटाला का मामला सामने आया है,बताया जा रहा है बोड़ला वेयर हाउस के अधिकारियों द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर अब तक करोड़ों के चावल हेराफेरी होने की आशंका है। फिलहाल बोड़ला एसडीएम व रायपुर की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है।Body:दरअसल कवर्धा जिले के बोड़ला में स्थित वेयरहाउस से ट्रकों द्वारा शासकीय राशन दुकानों में पहुंचाए जाने हेतु ट्रकों से खाद्यान्न सामग्री लोड होकर वेयरहाउस से निकली जरूर लेकिन रास्ते में ही वाहनों को रोककर इसमें भरे खाद्यान्न को ट्रांसपोर्ट और वेयर हॉउस के अधिकारियों के मिलीभगत से चावल को रास्ते में कम कर दी जाती थी जिसकी सूचना बोड़ला एसडीएम को मुखबिर के माध्यम से मिल रही थी और वह इस मामले को कार्यवाही के लिए मौके की तलाश में थे कि उन्हें एक बार फिर मूखबिर से सूचना मिली की रात में बोड़ला वेयरहाउस से खाद्यान्न लोड होकर निकली हुई ट्रक वेयरहाउस के समीप एक पेट्रोल पंप के पास खड़ी हुई है जहां रात में ट्रकों में भरे खाद्यान्न की हेराफेरी की जा रही है सूचना पर बोड़ला एसडीएम अपनी पूरी टीम के साथ बताए गए मौके पर पहुंचे मौके पर वेयरहाउस से निकली चावल को शासकीय राशन दुकानों में खाली करने के बजाय पेट्रोल पंप के पीछे ही कुछ लोगों द्वारा चावल के बोरे उतार कर दूसरे वाहनों पर रखी जा रही थी मौके पर एसडीएम को देखते ही कुछ लोग वहां फरार हो गए और कुछ लोग वहां रुक गए जिससे पूछताछ करने पर उनके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया गया। खाद्यान्न से भरी वाहनों को पुनः वेयरहाउस ले जाकर तौल किये जाने पर ट्रक से 60 क्विंटल खाद्यान्न कम पाए गए जबकि वेयरहाउस से निकलने के बाद इन ट्रकों द्वारा किसी भी सोसाइटी के दुकानों में खाद्यान्न प्रदान नहीं की गई थी तो आखिर 60 क्विंटल खाद्यान्न कहां चली गई, संदिग्ध गतिविधियों के चलते एसडीएम ने तात्कालिक रूप से वेयरहाउस को सील कर दिया और इनके उच्च कार्यालय को जांच हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही जांच के लिए राजधानी रायपुर से अधिकारी भेजे गए जो बोडला वेयरहाउस पहुंचकर वेयरहाउस के सभी दस्तावेजों निकासी की पर्ची यहां के रखरखाव सभी विषयों पर जांच करने में जुटे हुए हैं।

हालांकि जांच अधिकारी ने अभी जांच के बिंदु स्पष्ट नहीं किए हैं परंतु प्रारंभिक तौर पर यहां पर वेयरहाउस में ना तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और ना ही खाद्यान्न सामग्री की निकासी पर संबंधित अधिकारियों ड्राइवर ट्रक मालिकों के हस्ताक्षर के स्थान भी खाली है किसी के हस्ताक्षर नहीं है जबकि नान में रात में खाद्यान्न निकासी की कोई नियम नहीं है बावजूद यहां पर रात में ट्रकों पर खाद्यान्न लोडिंग करके खाद्यान्न का परिवहन किया जा रहा था जो संदेह के घेरे में है हालांकि अभी तक वेयरहाउस में पदस्थ सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने आप को साफ- साफ बता रहे है लेकिन एसडीएम की माने तो यहां के अधिकारियों के ट्रांपोर्टर कि मिलीभगत से यह खेल सालों से चल रहा है,जिससे शासन को करोड़ों के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि नॉन के जिला अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इतने दिनों तक कोई जानकारी नही होने की बात कह रहें हैं।Conclusion:
वही वेयरहाउस के इस मामले में छापामारी कार्यवाही करने वाले एसडीएम की मानें तो इस मामले के सूक्ष्म जांच करने की आवश्यकता है,यहां खाद्यान्न घोटाला पिछले कई सालों से चल रहा है जो करोड़ों में जा सकता है जो एक गंभीर विषय है फिलहाल जांच के बाद कई तथ्यों के खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।

बाईट-01-विनय सोनी, एसडीएम बोड़ला
बाईट02- डीके चन्द्रवंशी,जांच अधिकारी रायपुर
बाईट-03-शशिकांत रात्रे, प्रभारी वेयर
हाउस बोड़ला


Last Updated : Jan 27, 2020, 11:52 PM IST
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