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जशपुर में हाथी के हमले से दो ग्रामीणों की मौत, एक बच्ची घायल

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Published : Jun 14, 2021, 3:10 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 6:34 PM IST

जशपुर में हाथियों का आतंक (Elephants terror in Jashpur) थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के तीन अलग-अलग स्थानों पर हाथियों के दल ने हमला बोल दिया. जिसमें दो लोगों की मौत (death of two people) हो गई. वहीं एक बच्ची घायल बताई जा रही है. डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव (DFO ShriKrishna Jadhav) ने बताया कि घटना के बाद वन विभाग के कर्मचारी शव का रेस्क्यू कर अन्य कार्रवाई में जुट गए हैं. पीड़ित परिवार को सहायता राशि (Relief fund) दी गई है.

Police engaged in investigation of inciden
घटना की जांच में जुटी पुलिस

जशपुरः जिले में जंगली हाथियों का आतंक (Elephants terror in Jashpur) थमने का नाम नहीं ले रहा है. जशपुर वन परीक्षेत्र (Jashpur Forest Park) के तीन अलग-अलग स्थानों पर हाथियों के दल ने हमला बोल दिया. घटना में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं एक बच्ची घायल बताई जा रही है. घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम (forest department team) ने मौके पर पहुंच कर शवों का रेस्क्यू कर बाहर निकाला. शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया गया है. वन विभाग के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को तत्काल सहायता राशि (Relief fund) भी दी है. वहीं घायल बच्ची को इलाज के लिए कुनकुरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जशपुर में हाथियों का आतंक

डोरी बीन रहा था ग्रामीण

पहली घटना जिले के तपकरा थाना क्षेत्र (Tapkara police station area) की बताई जा रही है. घटना की जानकारी देते हुए जशपुर डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि तपकरा वन परिक्षेत्र के जमुना गांव की है. उन्होंने बताया कि जमुना गांव निवासी किसान प्रकाश एक्का उम्र 55 वर्ष का खेत जंगल के अंदरूनी इलाके में है. सोमवार की सुबह वह खेत देखने गए हुआ था. वह खेत में डोरी बीनने लगा. इसी दौरान जंगल से निकल कर अचानक एक हाथी (Elephant) ने उस पर हमला कर दिया. हाथी को देख कर किसान प्रकाश ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका. हाथी ने उसे कुचल कर मार डाला.

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जंगल में पुटू बीनने के दौरान हमला

दूसरी घटना भी जमुना गांव की है. जहां 59 वर्षीय दयामनी कुजूर जंगल में पुटू खुखड़ी बीन रही थी. इसी दौरान हाथी ने उसपर भी हमला (Attack) कर दिया और कुचल कर मार डाला. एक ही दिन में हाथी के हमले से दो ग्रामीणों की मौत की घटना से आसपास के गांव में दहशत का माहौल (Panic atmosphere) है.

crowd
घटना स्थल पर मौजूद भीड़

5 साल की मासूम भी घायल

तीसरी घटना में एक बच्ची के घायल होने की सूचना मिल रही है. यह घटना जमुना गांव से तकरीबन दो किलोमीटर दूर जंगलकोना की बताई जा रही है. जहां हाथी ने एक 5 साल की मासूम बच्ची को सूंड से लपेट कर जमीन में पटक दिया. हादसे में आलिया तिग्गा गम्भीर रूप से घायल हो गई है. उसे इलाज के लिए कुनकुरी के हाली क्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल की हालत नाजुक बताई जा रही है. हादसे के वक्त मासूम अपने परिजनों के साथ जंगल में डोरी बीन रही थी, इसी दौरान अचानक पहुंचे हाथी ने घटना को अंजाम दिया है.

वन विभाग ने दी सहायता राशि

डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंच कर शव का रेस्क्यू कर लिया है. शव को जंगल से निकाल लिया गया है. उन्होंने बताया कि शव का पंचनामा कर लिया गया है. उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही मृतक प्रकाश एक्का और मृतक दयामनी कुजूर के परिजनों को 25-25 हजार की तुरंत सहायता राशि भी दी गई है. मामले में अन्य कार्रवाई की जा रही है.

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अलर्ट के बाद भी ग्रामीण जा रहे हैं जंगल

डीएफओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों को से जंगल में न जाने की अपील की गई है. बावजूद इसके ग्रामीण जंगल में डोरी और पुटू बीनने के लिए जंगल में जा रहे हैं, जिसके चलते ऐसी घटना हो रही है. उन्होंने कहा कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन विभाग की टीम लगातार लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई है. जंगल के आस-पास के गामीणों को जंगल में नहीं जाने के लिए कहा जा रहा. अलर्ट के बाद भी लोग जंगलों में जा रहे हैं, जिससे इस तरह की अनहोनी हो रही है.

16 महीने में 40 की मौत

जिले में बीते 16 महीने में हाथियों के दल ने अबतक 40 लोगों की जान ले चुका है. वहीं पिछले एक सप्ताह में हाथी के हमले में तीन लोगों की जान जा चुकी है. बावजूद इसके वन विभाग लोगों को अलर्ट करने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है. वन विभाग हाथियों से बचाव के लिए साल भर में करोड़ों रुपए खर्च कर देती है. फिर भी स्थिति जस की तश बनी हुई है. ग्रामीणों की माने तो सबसे अधिक समस्या दल से अलग होकर भटकने वाले लोनर एलिफेंट (हाथी) से होती है. अकेले होने की स्थिति में हाथी और आक्रामक हो जाता है, इसके साथ ही इनके हलचल की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. अकेले होने पर वन विभाग भी इनकी लोकेशन का पता नहीं कर पाता है. ऐसे में इस तरह की घटना बढ़ जाती है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 6:34 PM IST
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