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जशपुर: हाथी के हमले में किसान की मौत, लोगों ने की मुआवजे की मांग

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Published : Aug 18, 2020, 9:25 PM IST

Farmer death due to elephant attack in Jashpur
हाथी के हमले से किसान की मौत

छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में हाथियों का आतंक जारी है. बता दें कि जशपुर के तपकरा वन परिक्षेत्र के जंगल में दंतैल हाथी ने एक किसान को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है. वहीं घटना के बाद वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि दे दी गई है.

जशपुर : छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. जानकारी के मुताबिक सोमवार की शाम को तपकरा वन परिक्षेत्र के जंगल में दंतैल हाथी के हमले से एक किसान की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि किसान अपने खेत की रखवाली कर वापस घर लौट रहा था. तभी रास्ते में उसका सामना हाथी से हो गया, जिसके बाद हाथी ने उसे कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि दे दी गई है.

हाथी के हमले में किसान की मौत

घटना तपकरा थाना क्षेत्र के समडमा गांव की है, जहां जंगली हाथी ने किसान को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. जानकारी के मुताबिक समडमा गांव के रहने वाले बाबूलाल जिसकी उम्र 55 साल थी. जो अपने एक अन्य साथी के साथ सोमवार को खेत की रखवाली करने के लिए गया हुआ था. वहीं शाम को घर वापस आने के दौरान उनका सामना क्षेत्र में भटक रहे एक दंतैल हाथी से हो गया, जिसके बाद दंतैल हाथी ने बाबूलाल को सूंड़ में लपेट कर जमीन पर पटक दिया और पैर से कुचलकर उसकी जान ले ली.

दोस्त ने दी परिजनों को सूचना

वहीं बाबूलाल के साथ गए उनके साथी किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे और घटना की जानकारी मृतक के परिजन को दी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वहीं वन विभाग की टीम ने रात को ही ग्रामीणों और परिजनों की मदद से बाबूलाल को ढूढने की कोशिश की, लेकिन अंधेरा और बारिश के कारण वे बाबूलाल को खोज नहीं पाए.

झाड़ियों के बीच मिला किसान का शव

वहीं मंगलवार को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर फिर जंगल में बाबूलाल की तलाश शुरू की, जहां भारी मशक्कत के बाद बाबूलाल का शव झाड़ियों के बीच में मिला. इसके बाद वन विभाग की ओर से मृतक बाबूलाल के परिजनों को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराई गई. साथ ही मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है.

पढ़ें: सूरजपुर: करंजवार के जंगल में मिला हाथी का शव

बता दें कि साल 2020 में हाथी के हमले में मौत की यह 21वीं घटना है. 2010 से लेकर 2020 के दौरान एक दशक में इस साल हाथी के हमले में मौत का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. ओडिशा की सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र हाथियों का स्थाई रहवास बन चुका है. वहीं वन विभाग के मुताबिक इस इलाके में गौतमी दल सहित 25 हाथी मौजूद हैं.

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