जशपुर: बाबा बिखराम भगत की जयंती और सामाजिक पत्रिका के विमोचन समारोह में एक विशेष समाज के जनप्रतिनिधियों को बुलाए जाने को लेकर जनजातीय समाज के एक पक्ष ने विरोध प्रर्दशन किया. इस दौरान जनजातीय समाज के दोनों गुटों में बहस भी हुई. इसके बाद एक पक्ष डिपू बगीचा में धनरे पर बैठ गए. एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जनजातीय समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. प्रभारी मंत्री ने मामले को वैचारिक मतभेद बताया.
शहर के नजदीक टिकेट गंज में बाबा भीखराम की 83वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय समाज की पत्रिका का विमोचन समारोह कार्यक्रम था. इसे पहले शहर के डिपू बगीचा सरना स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें मंत्री अमरजीत भगत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इसके साथ ही झारखंड के वित्त मंत्री रमेश्वर उरांव भी शामिल हुए. इसके साथ ही आयोजन में कुनकुरी के विधायक यूडी मिंज और सरगुजा जिले से विधायक मोहित करेकेट्टा विशिष्ठ अतिथि के रूप में आमंत्रित थे.
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तीखी नोकझोंक के बाद धरने पर बैठा एक गुट
जनजातिय समाज के एक गुट ने इसका विरोध किया था. मामले को लेकर जनजातीय समाज के एक दल ने डिपू बगीचा सरना स्थल पर विशेष समाज के व्यक्तियों को आमंत्रित किए जाने पर विरोध जताया. इसे लेकर जनजातीय समाज के दोनों गुटों में तीखी नोकझोंक भी हुई. लोगों का कहना था कि हमारे आस्था का केंद्र सरना स्थल पर विशेष समाज के लोगों को आमंत्रित कर उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है. जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाया गया
जनजातीय समाज के कृपाशंकर भगत ने कहा कि एक विशेष समाज के दो विधायकों को सरना स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया. इसका वे विरोध कर रहे हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनि भगत ने कहा कि डीपू बगीचा, जनजातीय समाज का पवित्र सरना पूजा स्थल है. यहां हर साल आयोजित होने वाले सरहुल पूजा में बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के लोग शामिल होते हैं. ऐसे पवित्र स्थल पर सरना धर्म की परम्परा से अलग रूढ़ियों को मानने वालों को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित करना जनजातिय समाज के धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचा रहें हैं.
वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन समाज एक है
अमरजीत भगत ने कहा कि इतना बड़ा समाज है जिसमें सभी के विचार एक जैसे नहीं रहते. मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक विकास या सामाजिक आयोजन की बात की जाए तो सभी लोग एक हैं.