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तालाबंदी पर श्रम विभाग ने पॉवर प्लांट प्रबंधन को जारी किया नोटिस

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Published : Sep 18, 2019, 2:03 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 3:47 PM IST

मजदूर संघ

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े पॉवर प्लांट की एकतरफा तालाबंदी के बाद हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. श्रम कानून के मुताबिक यह मामला प्रबंधन के खिलाफ जाता है. इसी कड़ी में जिला श्रम पदाधिकारी ने नोटिस जारी कर प्रबंधन से एकतरफा तालाबंदी के फैसले के खिलाफ 7 दिन के अंदर जवाब भी मांगा है.

जांजगीर-चांपा: केएसके महानदी पॉवर प्लांट में लंबे समय से कर्मियों के साथ गतिरोध के बाद प्लांट प्रबंधन ने तालाबंदी कर दी है. प्रबंधन के इस फैसले के बाद प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है. जिला प्रशासन ने श्रम विभाग के साथ बैठक कर समिति गठित की है. श्रम विभाग ने पॉवर प्लांट तुरंत चालू करने के लिए प्रबंधन को आदेश दिया है.

तालाबंदी पर श्रम विभाग ने पॉवर प्लांट प्रबंधन को जारी किया नोटिस

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े प्लांट की एकतरफा तालाबंदी के बाद हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. श्रम कानून के मुताबिक यह मामला प्रबंधन के खिलाफ जाता है. इसी कड़ी में जिला श्रम पदाधिकारी ने नोटिस जारी कर प्रबंधन से एकतरफा तालाबंदी के फैसले के खिलाफ 7 दिन के अंदर जवाब भी मांगा है.

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नोटिस

4 हजार कर्मचारियों प्रभावित
अकलतरा ब्लॉक के नरियलरा गांव में स्थापित प्लांट में लंबे समय से रोजगार और वेतन भत्ते को लेकर चल रहे विवाद के बाद मंगलवार को प्लांट में तालाबंदी कर दी गई. प्लांट प्रबंधन के इस फैसले के बाद करीब 4 हजार कर्मचारियों और विस्थापितों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

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सूचना पत्र

प्रबंधन ने लिया एकतरफा तालेबंदी का निर्णय
यह मामला तालाबंदी तक क्यों पहुंचा, इस पर प्रशासन की उदासीनता भारी पड़ रही है. दरअसल, केएसके पॉवर प्लांट में कर्मियों के दो गुट हैं. छत्तीसगढ़ पॉवर मजदूर संघ और यूनियन मजदूर संघ के बीच टकराव की नौबत होते रहती है. चार रोज पहले कुछ अधिकारियों से मारपीट का जुर्म दर्ज होने के बाद इस मामले को सुलझाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. यही कारण है कि प्रबंधन की ओर से एकतरफा तालाबंदी का निर्णय लिया गया.

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Intro-
प्रदेश के सबसे बड़े पावर प्लांट में तालाबंदी के बाद जिला प्रशासन हुआ सक्रिय
0 बगैर जानकारी के पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा तालाबंदी करने पर श्रम विभाग ने जारी किया नोटिस
0 कल जिला प्रशासन के तत्वावधान में प्लांट कर्मियों व प्रबंधन के बीच समन्वय बैठक
0 प्लांट को जल्द से जल्द शुरू कराने प्रशासन पर बढ़ा दबाव
इंट्रो-
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े पावर प्लांट की तालाबंदी से प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है । एकतरफा तालाबंदी के निर्णय से श्रम कानून के मुताबिक यह मामला प्रबंधन के खिलाफ जाता है ।यही कारण है कि जिला प्रशासन ने श्रम विभाग के साथ बैठक कर समिति गठित की है और श्रम विभाग ने पावर प्लांट तुरंत चालू करने के लिए प्रबंधन को आदेश दिया है। जिला श्रम पदाधिकारी द्वारा नोटिस जारी कर प्रबंधन को एकतरफा तालाबंदी के फैसले के खिलाफ 7 दिन के अंदर जवाब भी मांगा है। लेकिन यह मामला तालाबंदी तक क्यों पहुंचा इस पर प्रशासन की उदासीनता भारी पड़ रही है। दरअसल केएसके पावर प्लांट में कर्मियों के दो गुट है इसमें छत्तीसगढ़ पावर मजदूर संघ और यूनियन मजदूर संघ के बीच टकराव की नौबत होते रहती है। चार रोज पहले कुछ अधिकारियों से मारपीट ,बलवा का जुर्म दर्ज होने के बाद इस मामले को सुलझाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया । यही कारण है कि प्रबंधन द्वारा एकतरफा तालाबंदी का निर्णय लिया गया। प्रबंधन के ताजा फैसले से एक झटके में प्लांट के चार हजार कामगार सड़क पर आ गए हैं। यही कारण है कि प्रशासन स्तर पर हड़कंप मच गया और इस पर श्रम कानूनों के खिलाफ जाकर प्लांट प्रबंधन द्वारा लिए गए फैसले पर तुरंत पावर प्लांट शुरू करने का आदेश जारी किया गया है। श्रम पदाधिकारी अधिकारी द्वारा कल बुधवार को 1:00 बजे प्रबंधन व मजदूरों के बीच समन्वय के लिए बैठक आहूत किया गया है ।जिला श्रम पदाधिकारी केके सिंह ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर समिति का गठन किया गया है जो प्रबंधन व मजदूर संघ के बीच समन्वय का काम करेंगे।
बाइट- केके सिंह, जिला श्रम पदाधिकारी जांजगीर चांपाBody:।Conclusion:।
Last Updated :Sep 18, 2019, 3:47 PM IST
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