जगदलपुर: महारानी अस्पताल में 2 साल पहले डिलीवरी के दौरान डॉक्टर और नर्स की लापरवाही से एक नवजात की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर और 2 स्टाफ नर्स के खिलाफ धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.
डस्टबीन में गिरने से हुई थी मौत
कोतवाली थाना प्रभारी धनंजय सिन्हा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 20 मार्च 2016 को बिलोरी गांव का रहने वाला कालीराम ने अपनी गर्भवती पत्नी सोनी को महारानी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां 31 मार्च को इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर हरीश यादव और स्टाफ नर्स हेमलता यादव के साथ रीना यादव ने सोनी का ऑपरेशन किया था. सोनी ने इस दौरान एक नवजात बच्ची को जन्म दिया था. जो डॉक्टर और स्टाफ नर्स की लापरवाही की वजह से फिसलकर डस्टबिन में गिरकर घायल हो गई. इसके बाद बच्ची को एनएससीयू में भर्ती कराया गया था. भर्ती होने के 11 दिन बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया था.
मानव अधिकार आयोग ने लिया था संज्ञान
बच्ची की मौत के बाद उसके पिता ने बस्तर एसपी के सामने मामले की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी. बच्ची की मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था. आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन बस्तर कलेक्टर ने चार सदस्यों की एक टीम गठित कर मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद 2 साल तक इस मामले की जांच चली और जांच में पुलिस ने बच्ची की मौत के मामले में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ नर्स को दोषी पाया गया. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.