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झीरम हमला: NIA की याचिका को जगदलपुर कोर्ट ने किया खारिज

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Published : Aug 12, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच को लेकर पुलिस विभाग और NIA आमने-सामने हैं. NIA ने पुलिस को पत्र लिखकर मामले में FIR की कॉपी देने की मांग की थी. साथ ही केस से जुड़ी जानकारी की मांग की थी. जब पुलिस ने इस मामले में NIA को कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन अब कोर्ट ने NIA की इस याचिका को खारिज कर दिया है.

Jhiram naxal attack case
झीरम नक्सली हमला केस

जगदलपुर: झीरम नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस नेता उदय मुदलियार और बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के परिजनों की शिकायत पर बस्तर पुलिस ने 20 मई 2020 को दरभा थाने में FIR दर्ज कराई थी. दरभा थाने में दर्ज FIR के बाद NIA और जिला पुलिस आमने सामने आ गई. जिसके बाद NIA ने कोर्ट में याचिका दायर कर दरभा थाने में अलग से दर्ज की गई FIR और उसकी जांच के दस्तावेज सौंपने की मांग की थी. साथ ही NIA ने 14 बिंदुओं में याचिका दायर कर बताया कि पिछले 7 साल से किस तरह वह इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

Jhiram naxal attack case
निर्देश की कॉपी
Jhiram naxal attack case
निर्देश की कॉपी

याचिका में इस बात की भी जानकारी दी गई थी कि NIA एक्ट के अनुसार झीरम मामले की जांच जब तक उनके पास है, तब तक कोई और इस मामले की जांच नहीं कर सकता. लेकिन कोर्ट ने NIA की ओर से दायर की गई इस याचिका को खारिज कर दिया है.

बस्तर आईजी सुन्दराज पी ने बताया कि, FIR के बाद मामले की विवेचना भी तेज कर दी गई है और झीरम मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज करने की भी तैयारी कर रही है. हालंकि पुलिस असमंजस में है कि इसकी पूरी जांच रिपोर्ट NIA के पास है और हाल ही में 25 मई 2020 को दरभा थाने में इस पर नया मामला दर्ज किया गया है. बस्तर पुलिस के पास इससे संबंधित कोई नई जानकारी नहीं है.

बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर पुलिस इसके जवाब के लिए लोक अभियोजक और विधि विशेषज्ञ से राय ले रही है. ताकि वे इसका प्रतिवेदन बनाकर NIA को दे सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस को कानून से जो शक्तियां मिली है, उसके अनुसार भी मामले की जांच की जाएगी.

पढ़ें-EXCLUSIVE: झीरम कांड में बस्तर पुलिस के FIR के बाद कोर्ट पहुंची NIA

25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले में 24 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी. घटना के 7 साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों को सजा दिलाना तो दूर उनकी पतासाजी तक जांच एजेंसियां नहीं कर पाई है. इससे नाराज होकर दिवंगत उदय मुदलियार के परिजनों ने दरभा थाने में FIR दर्ज कराई थी. इस FIR की जानकारी जैसे ही NIA को लगी, उन्होंने तुरंत बस्तर SP को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए मामले को NIA को सौंपने को कहा था.

जिसपर बस्तर SP ने हामी भरी थी, लेकिन इसके बाद भी बस्तर पुलिस की तरफ से जब मामला NIA को नहीं सौंपा गया तो NIA ने जगदलपुर NIA कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान देने से किया था इंकार

इससे पहले दिल्ली से NIA अधिकारियों की टीम रायपुर पहुंची थी. NIA ने रविवार 28 जून को झीरम नक्सली हमले के प्रत्यक्षदर्शियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस वजह से फिलहाल वो बयान दर्ज नहीं कराएंगे. जिसके बाद NIA ने नोटिस जारी किया था.

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परिजनों ने लगाये ये आरोप

झीरम नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कांग्रेस नेता के परिजन जितेंद्र मुदलियार और तूलिका कर्मा ने कहा है कि इस घटना को 7 साल बीत चुके हैं. बावजूद इसके उन्हें न्याय नहीं मिल सका है. इसी वजह से उन्होंने FIR दर्ज कराया है. पीड़ित परिजनों ने मामले की जांच राज्य सरकार से गठित SIT के जरिए करने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने NIA पर प्रभावितों के बयान भी नहीं लेने का आरोप लगाया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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