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बारदाने की कमी पर बवाल, किसानों-धान खरीदी केंद्र प्रभारी के बीच ठनी

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Published : Dec 25, 2020, 9:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी की समस्या बनी हुई है. माड़पाल धान खरीदी केंद्र में भी बारदाने की कमी को लेकर किसान और केंद्र के प्रभारी के बीच विवाद हुआ है. विवाद 2 घंटे तक चलता रहा. खरीदी केंद्र प्रभारी का कहना है कि शासन की ओर से जूट के बोरे(बारदाना) में ही खरीदी के आदेश हैं. जबकि किसान प्लाटिक बोरे में धान लेकर पहुंचे थे.

lack of gunny bags at bastar
बारदानों की कमी

जगदलपुर: बस्तर जिले में बारदाने की कमी से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी की समस्या बनी हुई है. कई जगहों पर धान खरीदी केंद्र के प्रभारी और किसानों के बीच विवाद की स्थिति भी बन रही है. जगदलपुर ब्लॉक के माड़पाल धान खरीदी केंद्र में भी बारदाने की कमी को लेकर किसान और केंद्र के प्रभारी के बीच विवाद हुआ है. किसान बारदाना नहीं होने की वजह से प्लास्टिक बोरे में अपने घर से धान लेकर आए थे. इसी बोरी में ही धान खरीदने के लिए किसानों ने प्रभारी से आग्रह किया. लेकिन प्रभारी ने केवल जूट के बोरे में ही शासन के आदेश अनुसार धान खरीदने की बात कही. जिसके बाद प्रभारी और किसानों के बीच विवाद शुरू हो गया. विवाद 2 घंटे तक चलता रहा.

बारदाने की कमी पर बवाल

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माड़पाल धान खरीदी केंद्र में 8 से अधिक किसान अपने धान लेकर पहुंचे हुए थे. केंद्रों में बारदाना नहीं है. ऐसे में बाजार से 12 से 14 रुपए एक बोरी के पीछे खर्च कर प्लास्टिक का बोरा खरीदकर उसमें धान डालकर किसान केंद्र पहुंचे थे. लेकिन केंद्र प्रभारी ने जूट के बोरे का शासन से आदेश होने की बात कहकर धान लेने से मना कर दिया. जिसके बाद जमकर विवाद हुआ.

मिलर्स से बोरी मांगकर हुई खरीदी

धान खरीदी केंद्र प्रभारी ने अपनी ओर से प्रयास करते हुए लगभग 2 घंटे के बाद एक मिलर्स के पास से बोरे मंगाए और किसानों को उपलब्ध कराकर उनका धान खरीदा. मामला सिर्फ माड़पाल धान खरीदी केंद्र का है. लेकिन यह स्थिति कमोबेश सभी केंद्रों में बनी हुई है. किसानों को प्लास्टिक बोरी में खर्च किए पैसे के साथ उनका श्रम और अतिरिक्त खर्च उठाया है. केंद्र प्रभारी ने जैसे-तैसे बारदाना उपलब्ध कराया.

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प्लास्टिक बोरी में धान खरीदे जाने की मांग

धान बेचने आये किसानों का कहना है कि शासन ने आदेश दिया कि किसान अपने पास रखे बारदाने या बाजार से खरीद कर उसमें अपने धान बेच सकते हैं. लेकिन इसकी सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना जरूरी नहीं समझा गया. जिस वजह से वे प्लास्टिक बोरी बाजार से खरीदकर अपने धान बेचने पहुंचे. प्लास्टिक बोरी में धान नहीं खरीदा जा रहा है. इधर बाजार में भी जूट के बोरे उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सरकार को किसानों की सहूलियत से प्लास्टिक बोरी में धान खरीदे जाने की मांग किसानों ने की है.

धान खरीदी के नियमों से किसान हो रहे परेशान

किसानों ने बताया कि सरकार की धान खरीदी के नियमों से किसान शुरू से ही परेशान हैं. एक तरफ जहां बारदानों की कमी और उसके बाद पटवारियों ने किसानों के रकबा में कमी कर दी है. किसानों के धान नहीं लिए जाने के बहाने बनाए जा रहे हैं. जिससे कि कुछ किसान अपने धान कोचियों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

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मिलर्स से बारदाना लेकर शुरू की गई खरीदी

धान खरीदी केंद्र के प्रभारी ने बताया कि शासन के आदेश के अनुसार किसानों से प्लास्टिक बोरी में धान नहीं खरीदा जाना है. किसानों के साथ विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई. लेकिन मिलर्स के पास से जैसे-तैसे बारदाने किसानों को मुहैया कराए गए हैं. केंद्र प्रभारी ने भी साफ तौर पर कहा कि यह बारदाने केवल 1 से 2 दिन ही चल पाएंगे. उन्होंने बताया कि बारदानों में भी कई बोरी पूरी तरह से फटे पुराने हैं. मजबूरन इसे खरीदकर और सिलकर किसानों को दिया जा रहा है.

बारदानों की कमी से धान खरीदी हो सकती है प्रभावित

प्रभारी ने कहा कि बारदाने की कमी को लेकर कई बार पत्र लिखने के बावजूद भी पूर्ति नहीं की गई है. उनके केंद्र में केवल अभी 30% किसान ही अपने धान बेच सके हैं. ऐसे में 70% किसान आने वाले दिनों में धान बेचने आएंगे. ऐसे में बारदाने की कमी को लेकर आगामी दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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