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यहां एक छत के नीचे मिलती हैं स्वाद से लेकर श्रृंगार तक बस्तर की बेस्ट चीजें

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Published : Jun 20, 2021, 9:06 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

tribes india showroom in bastar
ट्राइब्स इंडिया ने बस्तर शहर में खोले तीन शोरूम

बस्तर की कल और हस्तशिल्प (Art and Handicrafts of Bastar) का प्रदर्शन पूरे विश्व में हो सकेगा. आदिवासियों की आय में वृद्धि के मकसद से ट्राइब्स इंडिया ने जगदलपुर शहर में 3 शोरूम (tribes india showroom in bastar) शुरू किए हैं. इसमें स्थानीय कलाकृतियों से लेकर वनोपज का व्रिकय किया जा रहा है.

जगदलपुर: बस्तर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ अपनी कला और हस्तशिल्प (Art and Handicrafts of Bastar) के लिए भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां के स्थानीय आदिवासी कलाकारों की ओर से तैयार किए जाने वाली विभिन्न कलाकृतियां काफी मशहूर हैं. बस्तर के अधिकांश आदिवासी कलाकार लंबे समय से इन कलाकृतियों का निर्माण करते आ रहे हैं. बस्तर के शिल्पकला को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करने और यहां के शिल्पकारों और कारीगरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ट्राइब्स इंडिया (Tribes India) ने जगदलपुर शहर में 3 प्रदर्शन केंद्र (शो रूम) (tribes india showroom in bastar) स्थापित किए हैं. जहां पर बस्तर की कला और हस्तशिल्प का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है.

ट्राइब्स इंडिया के माध्यम से बस्तर की कलाकृतियों को मिली पहचा

जगदलपुर शहर में ट्राइब्स इंडिया ने खोले तीन शोरूम

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय (ministry of tribal affairs) के तहत आने वाले ट्राइब्स इंडिया बस्तर की कलाकृतियों (Bastar Art) को एक पहचान देने में जुटा हुआ है. इस संस्था ने शहर में तीन केंद्र स्थापित किए हैं. इस केंद्र में खास बात यह है कि बस्तर के उन तमाम वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है जो बस्तर के स्थानीय कलाकारों ने बनाया है. इस केंद्र में बस्तर की समृद्ध घढ़वा शिल्प, तुंबा शिल्प, सीसल शिल्प, बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प सहित बुनकरों की ओर से तैयार किए गए कोसा साड़ी और अन्य वस्त्रों के निर्माण का जीवंत प्रदर्शन किया गया है.

Art and Handicrafts of Bastar
बस्तर की साड़ियां

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बस्तर की कलाकृतियां और वनोपज बिक्री के लिए उपलब्ध

इस केंद्र के पूरे परिसर को बस्तरिया शिल्प (Bastaria Craft) से तैयार किया गया है. शिल्प कला के अलावा इस केंद्र में बस्तर के वनोपज को भी शामिल किया गया है, जो बस्तर में अपनी अलग ही पहचान रखती है. इसमें रेड राइस, बस्तर की इमली से बनी कैंडी, सॉस, काजू, वन औषधि और अन्य ऐसे वनोपज शामिल हैं जो पूरी तरह से प्राकृतिक हैं. वहीं इस केंद्र में बस्तर के आभूषणों को भी शामिल किया गया है जो यहां की आदिवासी महिलाओं की पहचान है.

शोरूम में बेल मेटल की कलाकृतियां मुख्य आकर्षण

आधुनिक काल में भी बस्तर की आदिवासी महिलाएं अपने हाथों से बनाया हुआ आभूषण पहनती आ रही हैं. इस वजह से इस केंद्र में इस आभूषण को भी शामिल किया गया है. इसके अलावा बेल मेटल (Bell metal) के सभी कलाकृतियों को यहां रखा गया है जो देश और विदेश में अपनी पहचान बना चुकी है. इसमें खासतौर पर झिटकु-मिटकी की प्रतिमा से लेकर नंदी बेल बस्तर (Nandi Bell Bastar) का मुख्य आकर्षक है.

Art and Handicrafts of Bastar
बस्तर की बेल मेटल कला

बस्तर आर्ट की पहचान और रोजगार देने में जुटा टाइब्स इंडिया

ट्राइब्स इंडिया के डिप्टी मैनेजर पीएस चक्रवर्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में इस शोरूम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके और ट्राइब्स इंडिया के डायरेक्टर प्रवीण कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया है. उन्होंने बताया कि इस शोरूम में बस्तर के उन सभी वस्तुओं को शामिल किया गया है जो बस्तर के स्थानीय कलाकार तैयार करते हैं. पीएस चक्रवर्ती ने बताया कि इससे न सिर्फ उनकी कलाकृतियों की पहचान इस प्लेटफार्म के माध्यम से मिल रही है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके, इसका प्रयास भी ट्राइब्स इंडिया कर रहा है. उन्होंने बताया कि यहां बिक्री से मिली राशि से कुछ हिस्सा आदिवासियों के के उत्थान में लगाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा शिल्पकार इन वस्तुओं का निर्माण कर सकें. ट्राइब्स इंडिया कलाकारों को सभी संसाधन भी मुहैया करा रहा है.

Art and Handicrafts of Bastar
बस्तर की बेल मेटल कला

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कोरोना की वजह से बिक्री हुई कम

पीएस चक्रवर्ती ने बताया कि कोरोना की वजह से अभी पर्यटक बस्तर नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में सेलिंग काफी कम हो रही है. जैसे ही स्थिति सामान्य होगी तो ज्यादा से ज्यादा पर्यटक बस्तर पहुंच सकेंगे. बस्तर की इन कलाकृतियों को एक साथ देखने के साथ ही खरीद भी सकेंगे. डिप्टी मैनेजर का कहना है कि इस केंद्र में बस्तर के वनोपज को भी शामिल किया गया है. बस्तर की जड़ी बूटी भी काफी प्रसिद्ध हैं. इसकी भी बिक्री यहां की जा रही है. साथ ही संभाग के अन्य जिलों में सभी प्रचलित कलाकृतियां और वनोपज को भी रखा गया है. इसके अलावा पड़ोसी राज्य ओडिशा समेत देश के कोने-कोने से कुछ वस्तुओं को भी बिक्री के लिए रखा गया है.

ट्राइब्स इंडिया ने दिया प्लेटफार्म

बस्तर में यह पहला मौका है जब ट्राइब्स इंडिया ने बस्तर के इन प्रसिद्ध कलाकृतियां और वनोपज को एक प्लेटफार्म दिया है. दरअसल, अबतक बस्तर के इन सभी कलाकृतियों को अलग-अलग शोरूम से ही देखा और खरीदा जाता था, लेकिन ट्राइब्स इंडिया की ओर से कोशिश की जा रही है कि बस्तर की कला और यहां के शिल्प की पहचान मिल सके. जिससे आदिवासियों का उत्थान हो सके. अपने इस कला को बचाए रखने के लिए आदिवासी ज्यादा से ज्यादा इन वस्तुओं का निर्माण कर सकें और उन्हें रोजगार मिल सके.

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बस्तर की कलाकृतियां

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एयरपोर्ट पर भी खोला गया शोरूम

जगदलपुर शहर में ट्राइब्स इंडिया ने तीन स्थानों पर शोरूम स्थापित किए हैं. जिसमें जगदलपुर एयरपोर्ट, पर्यटन सूचना केंद्र और चांदनी चौक शामिल है. हालांकि अभी कोरोनाकाल की वजह से इन कलाकृतियां और वनोपज की बिक्री नहीं हो पा रही है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि पर्यटन दृष्टिकोण से जैसे-जैसे बस्तर को पहचान मिलती जाएगी, वैसे ही ज्यादा से ज्यादा पर्यटक देश-विदेश से यहां पहुंचकर बस्तर के स्थानीय कारीगरों की ओर से बनाए जाने वाले इन वस्तुओं को खरीद सकेंगे.

Last Updated :Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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