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फिर विवादों में मनेंद्रगढ़ एके नर्सिंग कॉलेज, छात्राओं ने लगाए आरोप

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Published : Sep 15, 2022, 2:42 PM IST

फिर विवादों में मनेंद्रगढ़ एके नर्सिंग कॉलेज, छात्राओं ने लगाए आरोप
फिर विवादों में मनेंद्रगढ़ एके नर्सिंग कॉलेज, छात्राओं ने लगाए आरोप

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला में संचालित एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिर गया है. छात्राओं की शिकायत के बाद कलेक्टर की जांच टीम ने कॉलेज की जांच की.जिसकी रिपोर्ट के बाद कलेक्टर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ के चैनपुर इलाके में संचालित एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कालेज (AK Institute of Nursing College Manendragarh ) अपने संचालित होने के बाद से कई बार सुर्खियों में रहा है. कभी यहां की छात्राएं प्रशासन तक अपनी बात लेकर पहुंची है तो कभी पुलिस थाने तक. छात्राओं की शिकायत पर एक बार एसडीएम ने कॉलेज पहुंचकर जांच भी की थी. उस समय यहां राशन का चावल मिला था. एक बार फिर यह कॉलेज विवादों में है. जिस पर छात्राओं और परिजनों ने कई आरोप लगाए हैं. वहीं कालेज प्रबंधन आरोपों को गलत बता रहा है. कलेक्टर जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाई करने की बात कह रहे (Serious allegations of students in Manendragarh) हैं.

क्या है कॉलेज की शिकायत : कलेक्टर कार्यालय से एक किलोमीटर की दूरी पर संचालित एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज में कई तरह की अव्यवस्था और मनमानी सामने आई है. यहां पढ़ने वाली छात्राओं और उनके परिजनों ने जो आरोप लगाए है. उसके अनुसार यहां मनमानी चल रही है. छात्राओं की अगर माने तो वह इस कॉलेज में पढ़ना नहीं चाहती. बावजूद इसके उनके बिना हस्ताक्षर के परीक्षा फार्म भर दिए गए. इतना ही नहीं कॉलेज में जमा उनके ओरिजनल दस्तावेज देने के लिए भी उनको परेशान किया गया और टीसी देने के लिये घुमाया गया. तबीयत खराब होने पर दो महीने अनुपस्थित रहने पर प्राचार्य पच्चीस हजार रुपए की मांग करता है. साथ ही हॉस्टल का पैसा जमा नहीं करने पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया.

फिर विवादों में मनेंद्रगढ़ एके नर्सिंग कॉलेज, छात्राओं ने लगाए आरोप
फिर विवादों में मनेंद्रगढ़ एके नर्सिंग कॉलेज, छात्राओं ने लगाए आरोप

तहसीलदार ने की कॉलेज की जांच : इस कॉलेज में बीएससी नर्सिंग और जीएनएम का कोर्स कराया जाता है. जानकारी के अनुसार यहां करीब सौ छात्राएं हैं. जिनमें चालीस के आसपास हॉस्टल में रहती हैं. हालांकि जांच करने जब तहसीलदार और थाना प्रभारी पहुंचे तो हर महीने का रजिस्टर ही मेंटेन नहीं था. वहीं फीस जमा नही कर पाने वाली एक छात्रा के कपड़े हॉस्टल में रख लिए जाने की बात सामने आई. पुलिस और प्रशासन के लोगों ने छात्राओं और परिजन से बात की. तब पेंड्रा भरतपुर और राजनगर इलाके से आई छात्राओं को अपनी मौजूदगी में टीसी और ओरिजनल दस्तावेज दिलवाएं गए.

संचालक ने आरोपों से किया इनकार : वहीं मुख्य मार्ग से इस कॉलेज तक पहुंचने में भी छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. चिकनी मिट्टी के कारण सड़क की हालत खराब हो गई है. जिससे दिक्कत होती है. इसके अलावा यहां नहाने के लिये गंदा पानी आने , टंकी की सफाई नहीं होने, पर्याप्त पानी नहीं मिलने , हॉस्टल के एक रूम में पंद्रह से बीस छात्राओं को रखने और हॉस्टल में भोजन की गुणवत्ता सही नही होने की बात भी सामने आई. अब इस मामले में कलेक्टर पीएस ध्रुव (collector ps Dhruv) जांच प्रतिवेदन आने के बाद कार्यवाई की बात कह रहे हैं. वहीं कॉलेज के सहायक संचालक गोपाल सिंह छात्राओं के आरोपों को पूरी तरह गलत बता रहे हैं. उनका कहना है कि नही पढ़ने वाली छात्राएं ऐसा कह रहीं हैं.

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