भिलाई : नगर निगम रिसाली (Municipal Corporation Risali) की लापरवाही से एक बार फिर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. रिसाली निगम के मुक्तिधाम में जलाऊ लकड़ी नहीं होने की वजह से मृतक के परिजनों को भटकना पड़ा. अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम में काफी देर तक शव रखा रहा.क्योंकि मौके पर लकड़ियां नहीं थी. इसके बाद परिजनों ने कीमत चुकाकर लकड़ियां खरीदी जिसके बाद अंतिम संस्कार की रस्म अदायगी हो पाई.due to lack of wood in Risali Muktidham
निगम सरकार पर गंभीर आरोप : रिसाली निगम अंतर्गत प्रगति नगर वार्ड के बीजेपी पार्षद धर्मेंद्र भगत ने कहा कि निगम सरकर पूरी तरह फेल है. शहर में सफाई व्यवस्था तो दूर वह इस दुनिया से जा चुके लोगों के लिए अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है. निगम की अनदेखी के कारण रिसाली मुक्तिधाम मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. यहां की निगम सरकार और उनके एमआईसी सदस्य सिर्फ अपनी जेब भरने का काम कर रहे हैं. मुक्तिधाम में परिवार अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं.उनके लिए वहां लकड़ियों तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. निगम ने इस व्यवस्था के लिए जिसे टेंडर दिया है वह सही से कार्य नहीं कर रहा है इसके बाद निगम के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं.'' Durg bhilai news
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लकड़ियां खरीदकर अंतिम संस्कार : अंतिम संस्कार के लिए रिसाली मुक्तधाम पहुंचे एक परिजन ने बताया कि '' लकड़ी नहीं होने से अंतिम संस्कार में देरी हुई. वह 1 हजार रुपए क्विंटल में लकड़ी खरीद कर लाए तब अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी हुई. एक घंटे तक शव बिना अंतिम संस्कार के रखा रहा.इसे लेकर परिजनों में भी रोष है. श्मशान घाट में लकड़ी न होने की बात कही गई. विरोध करने पर निगम ने व्यवस्था की तो गीली लकड़ी लाकर डाल दी गई. उससे आग भी नहीं जल रही थी. सुबह 11 बजे आए और अंतिम संस्कार दोपहर 1 बजे किया गया. हालत ये है कि विरोध करने के बाद भी निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी झांकने तक नहीं पहुंचा. निगम प्रशासन व्यवस्था करने में पूरी तरह से फेल है.''Funeral rites affected due to lack of wood