दुर्ग: पाटन की फाइट इस बार सबसे टाइट थी. पाटन सीट पर इस बार मुकाबला चाचा बनाम भतीजा के बीच की थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने इस बार बीजेपी आलाकमान ने अपने दिग्गज सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा था. सियासत के जानकार इस सियासी लड़ाई को महत्वपूर्ण तो मान रहे थे, लेकिन सीएम की लोकप्रियता के आगे विजय बघेल को उतना महत्व नहीं दे रहा थे. पाटन सीट पर कुल 2 लाख 10 हजार 840 मतदाता था. पाटन सीट शुरु से कांग्रेस के प्रभाव वाली सीट मानी जाती रही है.
अमित जोगी ने भी दिखाया दम: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां से लगातार विजयी होते रहे हैं. पाटन की सीट पर लड़ाई को त्रिकोणीय करने के लिए जेसीसीजे ने भी अपना प्रत्याशी उतार दिया. प्रत्याशी के तौर पर यहां से खुद अमित जोगी उतरे. जोगी कांग्रेस का पाटन सीट पर कोई जनाधार नहीं होने के बावजूद जेसीसीजे ने लड़ाई को त्रिकोणीय करने की कोशिश की.
पाटन से लोकप्रिय नेता हैं भूपेश बघेल: भूपेश बघेल की छवि पाटन की जनता के बीच लोकप्रिय नेता और सीएम की रही है. पाटन में जितने भी विकास के काम हुए उन सबका श्रेय भूपेश बघेल को जनता देती है. पाटन सीट से भूपेश बघेल अबतक पांच बार चुनाव जीत चुके हैं. भूपेश बघेल पर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से भरोसा करता है. भूपेश बघेल को बयान को विरोधी भी बड़ी गंभीरता के साथ लेते हैं. भूपेश बघेल की एक और अलग पहचान है जो जनता के बीच है वो है किसान हितैषी. गाय, गोबर और गौठान से लेकर धान खरीदी तक में जो रिकार्ड छत्तीसगढ़ ने बनाया उसकी तारीफ विरोधी सरकारें भी करती हैं और उनकी योनजाओं को अपने अपने राज्यों में चलाती हैं. कांग्रेस ने अपने प्रचार के दौरान भी इस बात का खूब जिक्र किया कि बीजेपी सरकारें भी छत्तीसगढ़ सरकार को रोल मॉडल मानकर काम कर रही हैं.