धमतरी जज विनोद कुमार की पहल से कई परिवार टूटने से बचे, बुजुर्ग महिला को मिला सहारा

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Published : Nov 13, 2022, 12:34 AM IST

initiative of Dhamtari Judge Vinod Kumar

initiative of Dhamtari Judge Vinod Kumar अदालत का नाम सुनते ही लोगों के जहन में कई तरह के ख्याल आते हैं. लोग यह सोचते हैं कि यहां कई मामलों का निपटारा होता है. लेकिन धमतरी में जज विनोद कुमार की पहल से कई परिवार टूटने से बचे हैं. इतना ही नहीं यहां एक बुजुर्ग महिला को जज साहब की वजह से उसका हक मिला. उसे उसका बेटा मिला और इस बुजुर्ग को सहारा मिल गया. जज की इस पहल से बुजुर्ग महिला कोर्ट में ही जज साहब को ढेर सारा आशीर्वाद देने लगी. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

धमतरी: देशभर में तलाक का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में रहा है. तलाक को लेकर कई तरह के मामले भी सामने आए हैं. समय इतना आगे निकल गया है कि जिन रिश्तों में गर्माहट होती थी अब टूटने में एक पल नहीं लगता. शादी को मजबूत बंधन कहा जाता था लेकिन अब तो मैरिज के कुछ ही महीनों बाद तलाक की नौबत आ जाती है. धमतरी के जज का ऑडिया का नतीजा यह रहा कि बहुत से कपल्स ने तलाक लेने से इंकार कर दिया है. रिश्तों को बचाने में जज ने अहम भूमिका निभाई है. जज ने बुजुर्ग महिला को न्याय दिलाया है तो वहीं कई साल से अलग रह रहे दंपति को एक करवाया है. बुजुर्ग ने जज को आशीर्वाद दिया. तलाक के लिए पहुंचे दंपति ने एक दूसरे को माला पहनाकर जीवन एक साथ बिताने की कसम खाई है

कई परिवार टूटने से बचे

जज ने पेश की नजीर: धमतरी की अदालत में शनिवार को ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो कभी नहीं देखी गई होगी. दरअसल न्यायाधीश के न्याय के सामने मुजरिम हो या मुलजिम सभी को नतमस्तक होना पड़ता है. लेकिन अगर न्यायाधीश अदालत में फरियादी का आशीर्वाद लेने लगे. तो निश्चित तौर पर ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर नज़ारा कहा जायेगा. शनिवार को लगे नेशनल लोक अदालत में कुछ ऐसा ही हुआ. लोक अदालत में कुटुम्ब विवाद के मामलों की सुनवााई हो रही थी. जज थे विनोद कुमार. एक वृद्ध महिला को उसका बेटा भरण पोषण नही दे रहा था. मां के लाख गुहार लगाने पर भी बेटा सुन नही रहा था. बुजुर्ग महिला का और कोई सहारा नही था. महिला ने कोर्ट से मदद मांगी. जज ने उसके बेटे को कुछ ऐसा समझाया कि बेटा अब अपनी मां को 3 हजार रुपये हर महीने देने को राजी हो गया. इस राजीनामे से बुजुर्ग महिला इतनी अभिभूत हो गई. जज विनोद कुमार को जी भर के आशीर्वाद देने लगी. अपनी मां की उम्र की महिला की भावना का आदर करते हुए जज विनोद कुमार अपनी कुर्सी से उतरकर महिला का आशीर्वाद लेने हाथ जोड़ कर खड़े हो गए.

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कई परिवार को टूटने से जज ने बचाया: बताया गया कि धमतरी लोक अदालत में कुल 43 कुटुुंब विवाद के मामले थे. जिनमे से 28 मामलों में जज ने राजीनामा करवा दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर मामले तलाक के थे. लेकिन राजीनामा होने के बाद अब ये परिवार बिखरने से बच गए. बेहद कम उम्र के दंपति जो एक दूसरे से अलग होने अदालती लड़ाई वर्षों से लड़ रहे थे. वो अपनी लड़ाई भूल कर फिर से नया जीवन जीने को राजी हो गए. इसके साथ ही उन्होंने एक दूसरे के लिए जो मन मे मैल था वो अदालत में धो कर साफ कर दिया. सभी ने परिवार टूटने से बचाने का श्रेय जज विनोद कुमार को दिया.



अदालत के वकीलों ने जज की तारीफ की: कोर्ट में यह दृश्य देख हर कोई भावुक हो गया. वकीलों ने बताया कि धमतरी की अदालत में ऐसापहली बार हुआ है. जब तलाक से ज्यादा राजीनामा हुआ. वकीलों के मुताबिक ये नतीजे जज विनोद कुमार के कारण आए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जज विनोद कुमार को एक दिन में सबसे ज्यादा राजीनामा करवाने पर नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है.

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