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रायपुर-बिलासपुर फोरलेन पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार, कहा- हर हाल में पूरा हो निर्माण

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Published : May 20, 2019, 8:00 PM IST

नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने इस संबंध में दलील दी कि फंड की कमी से काम मे देरी हो रही है.  इस पर कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर : रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हर हाल में किसी भी सूरत में निर्माण कार्य जल्द पूरा हो और समर वेकेशन के बाद काम पूरा होने की जानकारी कोर्ट को दी जाय.

रायपुर-बिलासपुर फोरलेन पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार
नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने इस संबंध में दलील दी कि फंड की कमी से काम मे देरी हो रही है. इस पर कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए.

रायपुर निवासी ने लगाई है याचिका
रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में हो रही देरी को लेकर रायपुर निवासी रजत तिवारी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदार कम्पनियों और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

सीमेंट कम्पनियां आपूर्ति नहीं कर पा रहीं
अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि 14.5 किमी के बचे हुए निर्माण कार्य के लिए प्रतिदिन 1800 टन सीमेंट और रेत की जरूरत होती है, जिसे सीमेंट कम्पनियां आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं. वहीं निर्माण एजेंसी पूंज एलायड के दिवालिया होने के कारण भी निर्माण कार्य बहुत हद तक प्रभावित हुआ है.

'समर वेकेशन के बाद काम पूरा होना चाहिए'
अधिकारियों ने यह भी तर्क दिया कि लेटलतीफी कर रही कम्पनियों पर रोजाना 40 लाख से अधिक की पेनाल्टी भी लगाई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी काम में गति नहीं आ रही है. चीफ जस्टिस और जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की युगलपीठ ने इस मामले में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि समर वेकेशन के बाद जिम्मेदार अधिकारी काम पूरा हो जाने की जानकारी हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे.

Intro:रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में हो रही लेटलतीफी को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है । हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के इस दलील कि फंड की कमी होने के कारण काम मे देरी हो रही है पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बहानेबाजी और तर्क से अब काम नहीं चलेगा । कोर्ट ने अपने स्पष्ट निर्देश में कहा है कि किसी भी हाल में निर्माण कार्य जल्द पूरा हो और समर वेकेशन के बाद काम पूरा होने की जानकारी कोर्ट को दी जाय ।


Body:अधिकारियों ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि 14.5 किमी के बचे हुए निर्माण कार्य के लिए प्रतिदिन 1800 टन सीमेंट व रेत की जरूरत होती है । जिसे सीमेंट कम्पनियां आपूर्ति नहीं कर पा रही है । वहीं निर्माण एजेंसी पूंज एलायड के दिवालिया होने के कारण भी निर्माण कार्य बहुत हद तक प्रभावित हुआ है ।इस मामले में सुनवाई के दौरान सम्बंधित अधिकारियों ने यह भी तर्क दिया कि लेटलतीफी कर रही कम्पनियों पर रोजाना 40 लाख से अधिक पेनाल्टी भी लगाई जा रही है लेकिन इसके बाद भी काम में गति नहीं आ रही । चीफ जस्टिस और जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की युगलपीठ ने इस मामले में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि समर वेकेशन के बाद जिम्मेदार अधिकारी काम पूरा हो जाने की जानकारी हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे ।
आपको जानकारी दें कि रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में हो रही देरी को लेकर रायपुर निवासी रजत तिवारी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदार कम्पनियों व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है ।






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